बीकानेर/हनुमानगढ़, 1 नवम्बर 2025: राजस्थान के बीकानेर संभाग में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम की योजना बनाना प्रारंभ हो गया है। गंगनहर के शिलान्यास के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर “गंगनहर: सुशासन के सौ वर्ष” नामक राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल की पहल पर 5 दिसंबर 2025 से 26 अक्टूबर 2027 तक चलेगा। इस दो वर्षीय आयोजन में बीकानेर संभाग के चारों जिलों—बीकानेर, हनुमानगढ़, चूरू और श्रीगंगानगर—में विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी।
फिरोजपुर से श्रीगंगानगर तक विकास यात्रा
समारोह का शुभारंभ 5 दिसंबर को फिरोजपुर (पंजाब) से होगा, जहाँ 1925 में महाराजा गंगासिंह ने गंगनहर का शिलान्यास किया था। यह ऐतिहासिक स्थल राजस्थान के जल इतिहास का प्रतीक है। समापन कार्यक्रम श्रीगंगानगर के शिवपुर हैड पर 26 अक्टूबर 2027 को प्रस्तावित है। इस यात्रा के माध्यम से नहर के सौ वर्षों की विकास गाथा को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।
गंगनहर: रेगिस्तान में हरियाली की मिसाल
केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने कहा, “गंगनहर केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि सुशासन, परिश्रम और लोककल्याण का प्रतीक है। इस नहर ने बीकानेर संभाग के सामाजिक, औद्योगिक और कृषि परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया। आज यह क्षेत्र हरित पट्टी और अन्न भंडार के रूप में जाना जाता है, जो महाराजा गंगासिंह की दूरदृष्टि का परिणाम है।”
गंगनहर के माध्यम से लाखों हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई, जिससे न केवल खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि भी आई। यह नहर राजस्थान के जल प्रबंधन और प्रशासनिक नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण है।
चार जिलों में 300 प्रतिभाओं का सम्मान
समारोह के दौरान बीकानेर संभाग के चारों जिलों में विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है:
- हनुमानगढ़: 1927 से 2027 तक के 100 ऐसे व्यक्तियों का चयन किया जाएगा जिन्होंने स्थानीय स्तर पर विशेष उपलब्धियाँ हासिल कीं।
- बीकानेर: “धरती धोरां री” थीम के तहत 100 प्रवासी प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने देश-विदेश में संभाग का गौरव बढ़ाया।
- चूरू: 100 ऐसे किसानों को सम्मान मिलेगा जिन्होंने आधुनिक तकनीकों के माध्यम से कृषि में नवाचार किए।
- श्रीगंगानगर: जल प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने वाले व्यक्तियों को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा।
यह सम्मान समारोह न केवल प्रेरणा का स्रोत होगा, बल्कि क्षेत्रीय प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का माध्यम भी बनेगा।
दो वर्षों तक जनसहभागिता कार्यक्रम
“गंगनहर: सुशासन के सौ वर्ष” समारोह के तहत मंडियों, कस्बों और गांवों में जनजागरूकता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इन कार्यक्रमों में जल संरक्षण, कृषि नवाचार, पर्यावरणीय संतुलन और सुशासन पर आधारित परिचर्चाएं होंगी। युवाओं को जल प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों से परिचित कराया जाएगा और स्कूलों-कॉलेजों में विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
इस दौरान अगले 100 वर्षों के विकास का रोडमैप भी तैयार किया जाएगा। इसके लिए जनता से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे, जिन्हें डिजिटल पोर्टल और स्थानीय शिविरों के माध्यम से एकत्र किया जाएगा। यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा देगी और भविष्य की योजनाओं को जनआधार प्रदान करेगी।
स्मारिका में दर्ज होगी विकास गाथा
इस अवसर पर एक विशेष स्मारिका प्रकाशित की जाएगी, जिसमें गंगनहर के निर्माण, उसमें योगदान देने वाले महान व्यक्तियों और नहर से हुए विकास की विस्तृत जानकारी होगी। स्मारिका का उद्देश्य है— नई पीढ़ी को इतिहास, जल-संरक्षण और सुशासन की भावना से जोड़ना। इसमें दुर्लभ चित्र, ऐतिहासिक दस्तावेज, और विशेषज्ञों के लेख शामिल होंगे।
समितियाँ गठित, पहली बैठक सम्पन्न
समारोह की तैयारियों के लिए राज्य स्तर पर जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। संभाग स्तर पर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जिसमें बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता शामिल हैं। इसके अलावा तीन विशेषज्ञों की एक विशेष समिति भी आयोजन की रणनीति तैयार करेगी।
केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय, बीकानेर में समारोह की तैयारियों को लेकर पहली उच्चस्तरीय बैठक ली। बैठक में संभागीय आयुक्त श्री विश्राम मीणा, पुलिस महानिरीक्षक श्री हेमंत शर्मा, जिला कलक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि, नगर निगम आयुक्त श्री मयंक मनीष, बीकानेर विकास प्राधिकरण आयुक्त श्रीमती अपर्णा गुप्ता, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सोहनलाल, अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) श्री सुरेश यादव, अतिरिक्त कलेक्टर (नगर) श्री रमेश देव सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। अन्य जिलों के जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।
केंद्रीय मंत्री का संदेश
श्री मेघवाल ने कहा —
“गंगनहर केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि सुशासन, परिश्रम और लोककल्याण का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल हमारे अतीत का स्मरण है, बल्कि आने वाले सौ वर्षों की विकास यात्रा का आरंभ भी है।”

