विश्व प्रसिद्ध प्राइमेटोलॉजिस्ट और संरक्षणविद् Jane Goodall का 1 अक्टूबर 2025 को 91 वर्ष की आयु में, प्राकृतिक कारणों से निधन हो गया। वे उस समय कैलिफोर्निया, अमेरिका में एक व्याख्यान यात्रा (speaking tour) पर थीं। उनकी मृत्यु ने वैज्ञानिक जगत और प्रकृति प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ा दी है। इस लेख में हम उनके जीवन, काम, प्रतिक्रिया और उनकी अमर विरासत को विस्तार से जानेंगे।
जानवरों के बीच जीवन: शुरुआत और गोंबे की पड़ताल
Jane Goodall का जन्म 3 अप्रैल 1934 को लंदन में हुआ था (पूरा नाम: Valerie Jane Morris-Goodall) उनका बचपन से ही प्रकृति और पशुओं में गहरी रुचि थी। 1957 में वे अफ्रीका गए और Louis Leakey से मिले, जिन्होंने उन्हें तंजानिया के Gombe Stream National Park में चिम्पांज़ियों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया।
1960 से उन्होंने वहाँ फील्ड स्टडी की शुरुआत की और दिखाया कि चिम्पांज़ी जटिल सामाजिक जीवन, उपकरण उपयोग और विविध भावनाओं के स्वामी होते हैं — यह उस समय वैज्ञानिक मान्यताओं को चुनौती देने वाला था। उनका यह प्रयोगशील, धैर्यपूर्ण और अनुग्रहपूर्ण शोध आज भी प्राइमेटोलॉजी के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है।
आधिकारिक घोषणा और स्वास्थ्य विवरण
Jane Goodall Institute ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि Jane Goodall ने प्राकृतिक कारणों से दीर्ग निद्रा में अंतिम सांस ली। वे उस वक्त अमेरिका में एक व्याख्यान यात्रा पर थीं, और उनकी मृत्यु कैलिफोर्निया में हुई। उनकी संस्था ने कहा: “उनकी खोजों ने विज्ञान को क्रांतिकारी रूप दिया, और वे प्रकृति की सुरक्षा व पुनर्स्थापना की कामना में अनथक सेनानी थीं।” उनका निधन वैज्ञानिक एवं संरक्षण समुदाय में गहरा सदमा है।
प्रतिक्रियाएँ: नेताओं से लेकर जनता तक
Jane Goodall के निधन पर विश्वभर में संवेदनाएँ व्यक्त की गईं। बराक ओबामा ने कहा कि उनकी प्रेरणा ने हमें प्राकृतिक रहस्यों से जोड़ा। प्रिंस विलियम ने ट्वीट कर लिखा कि “दुनिया ने एक असाधारण आवाज खो दी है।”
तंजानिया के राष्ट्रपति सहित कई अन्य राजनीतिक और वैज्ञानिक हस्तियों ने उनकी जीवन यात्रा और योगदान को सलाम किया।
नागरिकों, छात्रों और प्रकृति प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर उनकी यादों को साझा किया — उनके अनगिनत उद्धरण, चित्र और गतिविधियाँ वायरल हुईं।
गुण और उपलब्धियाँ: उन्होंने क्या हासिल किया?
Jane Goodall की वैज्ञानिक उपलब्धियों का श्रृंगार लम्बा है:
- चिम्पांज़ियों में उपकरण उपयोग, सामाजिक व्यवहार, व्यक्तिगत व्यक्तित्व आदि की खोजें।
- 1977 में उन्होंने Jane Goodall Institute (JGI) की स्थापना की, जो अब विश्वव्यापी संरक्षण, शिक्षा और अनुसंधान कार्यक्रम चलाती है।
- उन्होंने Roots & Shoots नामक युवाओं का पर्यावरण कार्यक्रम शुरू किया, जो अब 75+ देशों में सक्रिय है।
- 2025 में उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका का Presidential Medal of Freedom (स्वतंत्रता पदक) दिया गया।
- उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान, पद्म, पुरस्कार प्राप्त किए — Kyoto Prize, Templeton Prize, Dame Commander of the British Empire आदि।
- उनके वैज्ञानिक योगदानों ने यह सोच बदल दी कि सिर्फ मनुष्यों में ही उच्च सामाजिक और बौद्धिक क्षमताएँ पाई जाती हों।
पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन
Jane Goodall की शादी दो बार हुई — पहली बार हॉगो वैन लॉविक से (1964), और बाद में डेरिक ब्रायसेसन से (1975)।
उनका एक पुत्र Hugo Eric Louis van Lawick था। उनकी निजी ज़िंदगी सज्जन, सरल और प्रकृति-मित्र रही। वे कहती थीं कि उन्होंने कभी ज़रूरत महसूस नहीं की कि उन्हें फिर से शादी करनी चाहिए। वे अपनी गृहस्थी में भी प्रकृति प्रेमी थीं — एक समय उन्होंने कहा कि उनका सबसे पसंदीदा जानवर कुत्ता है।
विशेषज्ञों की राय और डेटा विश्लेषण
प्रकाशित रिपोर्टों और विशेषज्ञों का कहना है कि Jane Goodall की खोजों ने प्राइमेटोलॉजी और संरक्षित वन्यजीवन अध्ययन को नए युग में प्रवेश कराया।
Nature जर्नल के विश्लेषण के अनुसार, उनकी खोजों ने मानव और प्राइमेट व्यवहारों के बीच के अंतर को स्पष्ट किया।
अन्य वैज्ञानिकों ने यह तर्क दिया कि उनका काम यह दिखाता है कि यदि हम प्राकृतिक दुनिया के प्रति संवेदनशील और सम्मानपूर्वक व्यवहार करें, तो हम आत्मा, जीवन और अस्तित्व के गहरे सवालों से जुड़ सकते हैं।
संरक्षण एजेंसियों का डेटा यह दर्शाता है कि JGI और Roots & Shoots कार्यक्रमों ने हजारों युवा और स्थानीय समुदायों को प्रकृति संरक्षण से जोड़ा है।
सत्यज्ञान और जीवन का उद्देश्य
Jane Goodall के जीवन को देख कर यह स्पष्ट होता है कि मानव मात्र वैज्ञानिक न होकर एक संवेदनशील, दार्शनिक और आध्यात्मिक दृष्टि से जुड़े प्राणी भी हो सकते हैं। उनकी यह मान्यता कि हम सभी जीवन रूपों से जुड़े हैं, आज संत रामपाल जी महाराज के सतज्ञान के उस संदेश से साम्य रखती है – कि आत्मा, जीवन लक्ष्य, मानव गरिमा और मोक्ष (उद्धार) की चेतना हमारे अंदर जागनी चाहिए।
जैसे संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि जीवन का उद्देश्य केवल सांस लेना नहीं, बल्कि सच्चे ज्ञान के अनुसार जीना है। Goodall एक सामाजिक दृष्टि से बहुत कुछ कर गई परंतु अपनी आत्मा के उद्धार के लिए कुछ ना कर पाई । यह ज्ञान भी हमें एक तत्वदर्शी संत की शरण में प्राप्त होता है, जो वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज दे रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जुड़ने के बाद लोग न सिर्फ समाज सुधार में हिस्सा ले रहे हैं, सांसारिक कार्यों में उन्नति प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि अपनी आत्मा का उद्धार और मोक्ष भी करवा रहे हैं।
Goodall की विरासत हमें यह प्रेरणा देती है कि हमें केवल प्रकृति को संरक्षित करना ही नहीं, बल्कि अपने भीतर उस चेतना को भी जगाना है जो हमें “जीवन के प्रति दया, जिम्मेदारी और सेवा” और मोक्ष की ओर ले जाए। आप जी भी संत रामपाल जी महाराज जी के तत्व ज्ञान को समझने हेतु Sant Rampal Ji Maharaj App डाउनलोड करें और वेबसाईट www.jagatgururampalji.org पर visit करें।
FAQs: Jane Goodall का निधन
Q1: Jane Goodall की मौत कैसे हुई?
Jane Goodall का निधन 1 अक्टूबर 2025 को प्राकृतिक कारणों से हुआ।
Q2: Jane Goodall कौन थीं और उन्हें क्यों जाना जाता है?
वे एक महान प्राइमेटोलॉजिस्ट, संरक्षक और मानव-प्रकृति की समझ बढ़ाने वाली वैज्ञानिक थीं, जिन्होंने चिम्पांज़ियों का अध्ययन कर नई तथ्यों की खोज की।
Q3: Jane Goodall ने कौन से संगठन स्थापित किए थे?
उन्होंने Jane Goodall Institute (JGI) और Roots & Shoots कार्यक्रम की स्थापना की थी, जो विश्वभर में सक्रिय हैं।
Q4: Jane Goodall की प्रमुख खोजें क्या हैं?
उन्होंने चिम्पांज़ियों में उपकरण उपयोग, सामाजिक व्यवहार, भावना, व्यक्तिगत पहचान आदि की खोज की, जिसे पहले मनुष्यों तक सीमित माना जाता था।
Q5: Jane Goodall की विरासत आज कैसे जीवित है?
उनकी योजनाएँ, संस्थाएँ, युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम और वैज्ञानिक शिक्षा कार्य आज भी विश्वभर में चलते हैं। उनकी चेतना, उनका आदर्श हमें प्रेरित करती है।