अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के ब्रेंडेड पेमेंट दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह घोषणा शुक्रवार को हुई जहां इन्होंने अपनी ट्रुथ सोशल पोस्ट पर भारत की फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट पर टैरिफ टैक्स लगाने का ऐलान किया। जिसका सीधा असर भारत की दवा कंपनियों पर पड़ेगा। यह टैरिफ भारत की दवाओं पर 1 अक्टूबर को नियमित रूप से लागू होगा। इस टैरिफ के जरिए अमेरिका की दवा कंपनियों को भारी छूट मिलेगी।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु:-
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रेंडेड पेमेंट दवाओं पर लगाया 100 फीसदी टैरिफ।
- भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पर 1 अक्टूबर को लागू होगा टैरिफ।
- डोनाल्ड ट्रम्प के इस टैरिफ से अमेरिका की दवा कंपनियों को मिलेगी छूट।
- डोनाल्ड ट्रम्प के भारत की फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट पर टैरिफ से भारत की दवा कंपनियों पर ज्यादा पड़ेगा।
- भारत की डॉ. रेड्डी, सन फार्मा , ल्यूपिन और अरबिंदो कंपनियों को भारी नुक़सान उठाना पड़ सकता है।
ट्रंप का टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लगातार चल रहे टैरिफ वार के सभी देश गिरफ्त में हैं। वहीं इस टैरिफ के चलते भारत पर भी काफ़ी असर देखने को मिल सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प के द्वारा हालही में भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पर टैरिफ लगाया गया है। जिससे दवा बनाने वाली कंपनियों को भारी नुक़सान उठाना पड़ सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रेंडेड पेमेंट दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है जो भारत के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। हालांकि अमेरिका की 47 फीसदी दवाईयों का निर्यात भारत करता है।
कब होगा लागू
डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत की फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट पर शुक्रवार को 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह टैरिफ भारत की दवा निर्माताओं के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती हैं। ट्रंप द्वारा दवाओं पर यह टैरिफ 1 अक्टूबर को नियमित रूप से लागू हो जाएगा। जिसका सीधा असर भारत की दवा कंपनियों और फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पर देखने को मिल सकता है। ट्रंप का दावा है कि इन टैरिफ टैक्स से अमेरिका की जीडीपी में वृद्धि होगी और अमेरिका आत्मनिर्भर बनेगा।
टैरिफ के पीछे ट्रंप का उद्देश्य
डोनाल्ड ट्रम्प ने लगभग सभी देशों पर टैरिफ टैक्स के जरिए अमेरिका में उत्पादित प्रोडक्शन को बढ़ावा करने का दावा किया है। उनके अनुसार लगाए गए टैरिफ से अमेरिका का प्रोडक्शन बढ़ेगा और अमेरिका में निर्मित कंपनियों को मुनाफा होगा। भारत पर फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पर टैरिफ टैक्स से अमेरिका की दवा कंपनियों को भारी छूट मिलेगी।
ट्रंप के टैरिफ से भारत पर असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ से भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री को काफी नुक़सान उठाना पड़ सकता है। हालांकि भारत अमेरिका को 47% दवाओं का निर्यात करता है जिस पर अब ज़्यादा टैरिफ से इसका असर भारत की दवा कंपनियों पर ज्यादा पड़ेगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रेंडेड और पेमेंट दवाओं पर ही यह टैरिफ टैक्स लगाया है लेकिन जनरल दवाओं पर इस टैरिफ की पुष्टि नहीं हुई है।
वर्ष 2024 में भारत से 7,72,71 करोड़ रुपए दवाओं का वहीं वर्ष 2025 में छः महीने में 32,505 करोड़ रुपए दवाओं का निर्यात अमेरिका में हो चुका है। इन सब पर इतना भारी टैरिफ टैक्स से भारत की फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट को काफ़ी ज़्यादा असर पड़ सकता है। क्योंकि लगभग दवा कंपनियां जो केवल अमेरिका के निर्यात पर अपना अच्छा प्रोफिट ले रहीं हैं उनको इसका असर ज़्यादा होंगा।
भारत की इन कंपनियों को उठाना पड़ेगा भारी नुक़सान
भारत से हालांकि 47% दवाओं का निर्यात अमेरिका में होता हैं जिसमें कुछ कंपनियां ऐसी हैं जिनका अधिकतर मुनाफा अमेरिकी डॉलर पर निर्भर है। जिनमें डॉ. रेड्डी, सन फार्मा , ल्यूपिन और अरबिंदो कंपनियों ऐसी हैं जो अमेरिका में अपनी दवाओं को निर्यात करके प्रोफिट कमा रही हैं। लेकिन ट्रंप के टैरिफ का असर अभी ब्रेंडेड और पेमेंट दवाओं पर हैं। हालांकि काॅम्प्लेक्स जनरिंक दवाओं पर टैरिफ की पुष्टि नहीं हुई है।