बेहतर टेक्नोलॉजी एक ओर हमारे जीवन को आसान बना रही है। हमारे जीवन सफर में आने वाली कठिनाइयों को कम करने में अहम भूमिका निभा रही है। वहीं दूसरी तरफ इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। आज हमारे पास सारे संसाधन सुलभ हैं, परंतु फिर भी किसी एक काम में हम ज्यादा देर तक फोकस नहीं कर पाते। एक काम को पूरा करने में हजारों डिस्ट्रैक्शन हमें परेशान करते हैं। जानिए क्या हैं वो छः तरीके, जिनसे आप डिस्ट्रैक्शन कम करके एक शांतिमय जीवन जी सकते हैं।
1. नोटिफिकेशन – ध्यान चुराने वाले अदृश्य चोर
आज के समय में स्मार्टफोन हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। ऐसे में मोबाइल का आवश्यकता से अधिक उपयोग, एक बेहद बुरी आदत बन गई है। आज हमारे स्मार्टफोन के अंदर आने वाली हर नोटिफिकेशन और मैसेज हमारा ध्यान भटका देता है। हम कई बार काम करते-करते भी फोन चलाने लगते हैं और इससे हमारा बहुत सारा कीमती समय बर्बाद हो जाता है।
2. डिजिटल डोपामिन ट्रेप का सच
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर को लंबे समय तक व्यस्त रखना आज हर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनियों का मूलभूत उद्देश्य हो गया है। जब भी आप फोन पर कोई ऐसी चीज देखते हैं जो नई, रोचक या इनाम देने जैसी होती है, जैसे कि सोशल मीडिया, गेम या अन्य चीजें, इनसे आपके मस्तिष्क में डोपामिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर तेजी से निकलता है। इस हार्मोन की वजह से आपको तत्कालीन खुशी, सुख और उत्साह मिलता है, जिससे आपका दिमाग बार-बार आपको फोन उठाने के लिए प्रेरित करता है।
यह एक नशे की तरह होता है, और अगर इसे प्रारंभ में नियंत्रित न किया जाए, तो आगे जाकर समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है। यही कारण है कि आप फोन को यह सोचकर ऑन करते हैं कि बस 5 मिनट फोन चलाना है, लेकिन पता ही नहीं चलता कि कब 5 मिनट आधे घंटे में बदल जाते हैं। इस लत के कारण न केवल काम रुका रहता है बल्कि समय भी खराब हो जाता है।
3. मानसिक थकान और नींद की बिगड़ती गुणवत्ता
लगातार लंबे समय तक फोन चलाने की वजह से हमारे दिमाग पर मानसिक तनाव पड़ता है जिससे नींद न आना, काम में मन न लगना और चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं उत्पन्न होती है।
मोबाइल स्क्रीन पर चलने वाली ब्लू लाइट दिमाग से निकलने वाले मेलाटोनिन हार्मोन को कम कर देती है। मेलाटोनिन वही हार्मोन है, जो हमें नींद लाने में कार्यरत रहती है। इस कारण से नींद सही से लग नहीं पाती और फिर अगले दिन हमारे शरीर को थकान महसूस होती रहती है।
4. डू नॉट डिस्टर्ब (DND) – फोकस का हथियार
अगर मोबाइल में समस्याएं हैं तो उनके कुछ समाधान भी उसी में छुपे हैं। आजकल हर फोन में एक ऐसा फीचर है, जिसे आप अपनी फोन की लत को कम करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस फीचर का नाम है डू नॉट डिस्टर्ब (DND) मोड। अधिकांश लोग इस फीचर का मतलब नहीं जानते और इसकी प्रभावशीलता से अनजान रहते हैं।
डू नॉट डिस्टर्ब मोड आपको काम करते समय एकाग्रचित रहने में मदद करता है। अगर आप चाहते हैं कि काम के वक्त आपको किसी प्रकार की समस्या न आए, तो आप फोन में DND मोड को ऑन करें। यह फीचर हर नोटिफिकेशन और कॉल को साइलेंट कर देगा और आपको एकाग्रचित रहने में मदद करेगा।
5. सोशल मीडिया के साथ स्वस्थ सीमाएं
सोशल मीडिया आज के समय में हमारे मनोरंजन और काम दोनों का साधन है। इसलिए इस पर नियंत्रण रखना प्रत्येक के लिए कठिन हो सकता है। परंतु सोशल मीडिया को इस्तेमाल करने की लिमिट तय करना संभव है। आजकल स्मार्टफोन के अंदर भी एक ऐसा सिस्टम मौजूद है, जो विभिन्न एप्लीकेशन की यूसेज लिमिट सेट करने में आपकी मदद करता है।
स्क्रीन टाइम लिमिट एक ऐसा फीचर है, जिससे आप अपने फोन के अंदर स्क्रीन लिमिट सेट कर सकते हैं, और इस तरह अपने दिन का बहुत सारा समय बचा सकते हैं।
6. ऑफलाइन आदतों को अपनाएं
डिजिटल डिटॉक्स का उद्देश्य केवल स्मार्टफोन की टाइम लिमिट को कम करना ही नहीं है, बल्कि इसका मकसद फिर से जीवन में बेहतर ऊर्जा, मानसिक शांति और शारीरिक सक्रियता, जैसे व्यायाम करना, खुले आसमान के नीचे घूमना, आनंदपूर्वक किताबें पढ़ना इत्यादि हासिल करना है।
इन सभी क्रियाओं से आपको शांति मिलेगी और आप जीवन का आनंद ले सकेंगे। इसलिए डिजिटल वर्क के साथ-साथ ऑफलाइन एक्टिविटी पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है।
आध्यात्मिकता से आती है जीवन में शांति
इन सभी तरीकों से साथ-साथ आध्यात्मिकता भी आपको डिस्ट्रैक्शन से बचने में मदद करेगी। पूर्ण परमेश्वर की सतभक्ति से जीवन को एक सच्ची राह मिलती है। सतभक्ति से जीवन में चल रही उलझने भी समाप्त होती है। सतभक्ति प्राप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह अवश्य पढ़ें।