भारत और चीन के बीच लंबे समय से बंद सीधी हवाई सेवाएं जल्द ही फिर शुरू होने वाली हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों देशों के बीच सीधी यात्री उड़ानें सितंबर 2025 से दोबारा शुरू हो सकती हैं। यह फैसला उस वक्त लिया जा रहा है जब दोनों एशियाई पड़ोसी अपने कूटनीतिक रिश्तों को सामान्य करने और आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए नए कदम उठा रहे हैं।
पांच साल से ठप हवाई संपर्क
मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद भारत और चीन ने सीधी उड़ानों को पूरी तरह रोक दिया था। तब से अब तक यात्रियों को चीन जाने के लिए दुबई, हांगकांग या सिंगापुर जैसे तीसरे देश के रास्ते होकर यात्रा करनी पड़ती थी। इससे यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ और समय की खपत दोनों बढ़ जाते थे। अब करीब पांच साल बाद इस कनेक्टिविटी को बहाल करने पर सहमति बनी है।
एयरलाइनों को मिला तैयारी का निर्देश
सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने एयर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइनों को तैयार रहने के लिए कहा है। शुरुआती चरण में दिल्ली-बीजिंग और मुंबई-शंघाई जैसे प्रमुख मार्गों पर उड़ानों की बहाली की संभावना है। अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ तो सितंबर से यात्री सीधे चीन के बड़े शहरों तक पहुंच सकेंगे।
SCO सम्मेलन में ऐलान की संभावना
उम्मीद जताई जा रही है कि सीधी उड़ानों को बहाल करने का औपचारिक ऐलान शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान किया जाएगा। यह सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चीन के तियानजिन शहर में आयोजित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें भाग लेने चीन जाएंगे, जहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी तय मानी जा रही है। दोनों नेताओं की यह मुलाकात सात साल बाद होगी और इसे रिश्तों में एक अहम बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
सीमा विवाद से लेकर व्यापार तक, रिश्तों में बदलाव
2020 में गलवान घाटी की झड़प के बाद भारत-चीन रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। सीमा विवाद, व्यापारिक पाबंदियां और निवेश नियंत्रण ने इस तनाव को और गहरा किया। लेकिन पिछले एक साल में दोनों देशों ने कई मोर्चों पर संवाद बढ़ाया है। सीमावर्ती इलाकों में संयुक्त गश्त की सहमति और अब हवाई संपर्क की बहाली को इस “पिघलती बर्फ” का संकेत माना जा रहा है।
शिक्षा, व्यापार और पर्यटन को राहत
सीधी उड़ानें शुरू होने से सबसे बड़ा फायदा छात्रों और व्यापारियों को होगा। हर साल भारत से हजारों छात्र चीन की मेडिकल और तकनीकी यूनिवर्सिटीज़ में दाखिला लेते हैं। अब उनकी यात्रा आसान और किफायती हो सकेगी। दूसरी ओर, भारतीय उद्योग जगत भी सीधे चीन जाकर कारोबार कर पाएगा। पर्यटन क्षेत्र को भी इससे बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है, क्योंकि चीनी पर्यटक भारत के बौद्ध स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों में काफी रुचि रखते हैं।
भू-राजनीतिक संदर्भ
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत और चीन की यह पहल केवल आपसी संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असर होगा। हाल ही में अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक मतभेद बढ़े हैं। ऐसे में भारत का चीन के साथ हवाई संपर्क बहाल करना एशियाई संतुलन और कूटनीति में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
करीब पांच साल बाद भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानों की बहाली दोनों देशों के लिए नई शुरुआत का प्रतीक है। यदि सितंबर से उड़ानें शुरू होती हैं, तो यात्रियों, छात्रों, व्यापारियों और पर्यटकों सभी को राहत मिलेगी। इसे रिश्तों में सुधार और भविष्य की साझेदारी की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
भारत का चीन के साथ हवाई संपर्क बहाल होगा सितंबर 2025 से जुड़े FAQs
1. भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें कब से फिर शुरू हो सकती हैं?
Answer: सितंबर 2025 से भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें दोबारा शुरू हो सकती हैं।
2. भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें क्यों बंद की गई थीं?
Answer: मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद दोनों देशों ने सीधी उड़ानों को पूरी तरह रोक दिया था।
3. शुरुआती चरण में किन मार्गों पर सीधी उड़ानें बहाल होने की संभावना है?
Answer: शुरुआती चरण में दिल्ली-बीजिंग और मुंबई-शंघाई मार्गों पर सीधी उड़ानें शुरू हो सकती हैं।
4. सीधी उड़ानें शुरू होने से सबसे ज़्यादा फ़ायदा किन लोगों को होगा?
Answer: छात्रों, व्यापारियों और पर्यटकों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा क्योंकि उनकी यात्रा आसान और किफायती होगी।
5. सीधी उड़ानों की बहाली का औपचारिक ऐलान कहां होने की उम्मीद है?
Answer: इसका औपचारिक ऐलान शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में होने की संभावना है।