दशहरा 2024: दिल्ली में जलने वाला 211 फीट ऊँचा रावण, लागत 30 लाख रुपए
इस साल 2024 में दिल्ली में द्वारका सेक्टर 10 में स्थित रामलीला ग्राउंड में श्री रामलीला समिति द्वारा पिछले 14 वर्षों से रामलीला का मंचन और रावण दहन का आयोजन किया जाता है। नवरात्र के अंतिम दिन लोग रावण दहन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस बार, रामलीला ग्राउंड में 211 फीट लंबा रावण खड़ा किया गया था, जो सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा था। बच्चे और बड़े सभी इसे देखने आए और इसके साथ फोटो खिंचवाए। आयोजक इसे दिल्ली और संभवतः विश्व का सबसे ऊँचा रावण मानते हैं।
रावण के पुतले की खासियत
हर साल दशहरे पर रावण का पुतला जलाया जाता है, जिसे बुराई का प्रतीक माना गया है। इसे अलग-अलग जगहों से 40 कलाकारों ने 4 महीने में तैयार किया था, जिसकी लागत करीब 30 लाख रुपए आई थी। यह रावण वाटरप्रूफ था और इसे लोहे के ढांचे पर खड़ा किया गया था, जिसमें मखमल का इस्तेमाल किया गया था। अध्यक्ष राजेश गहलोत ने बताया कि रावण को स्थिर रखने के लिए 10 फीट गहरे लोहे के पाइप और जंजीरों का उपयोग किया गया था।
रामलीला कार्यक्रम की विशेषताएँ
- रामलीला मंचन के लिए भव्य स्टेज तैयार किया गया था।
- 400 में से 100 कलाकारों का चयन किया गया था, जिन्हें प्रशिक्षण दिया गया था।
- ग्राउंड में 10,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी।
- सुरक्षा के लिए 200 CCTV कैमरे लगाए गए थे।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य कैबिनेट मंत्रियों को नियंत्रित थे।
हमें किस रावण का करना चाहिए दहन?
दशहरे का पर्व हमें अपने अंदर के विकारों जैसे काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार का दहन करने की प्रेरणा देता है। रावण के कुकर्मों का कारण भी अहंकार था। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुसार भक्ति विधि बताते हैं, जिससे इन विकारों का नाश संभव है और परमेश्वर को प्राप्त किया जा सकता था। संत रामपाल जी महाराज जी रावण के संपूर्ण जीवन का चित्रार्थ अपने सत्संगों में करते हैं और बताते हैं कि रावण जैसी भक्ति कोई नहीं कर सकता और न ही करनी चाहिए क्योंकि रावण तमोगुण शिव जी का उपासक था जबकि सभी मनुष्यों को पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर साहेब जी की भक्ति करनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए आप “ज्ञान गंगा” पुस्तक पढ़ें। आप विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक प्रवचन भी सुन सकते हैं।