कला एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा व्यक्ति अपने मन के भावों, विचारों अपनी संस्कृति को प्रकट करता है। विश्व कला दिवस (World Art Day 2025) प्रतिवर्ष 15 अप्रैल को विश्व के कलाकारों को सम्मान देने और लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन विश्व के महान कलाकार लियोनार्डो दा विंची के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
World Art Day 2025 | क्या कहता है इतिहास
विश्व कला दिवस (World Art Day) की शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट (IAA) द्वारा वर्ष 2012 में की गई थी। यह प्रस्ताव तुर्की के बेदरी बैकम ने आयोजित किया था और आम सभा ने इसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया था।
इस तरह 15 अप्रैल, 2012 को पहले विश्व कला दिवस में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट (IAA) और 150 कलाकारों द्वारा समर्थित किया गया था। जैसे कि वेनेजुएला ने पेंटिंग, मूर्ति प्रिंट आदि प्रदर्शनियों का आयोजन किया था।
World Art Day | क्या है विश्व कला दिवस 2025 की थीम
विश्व कला दिवस ( World Art Day ) हर वर्ष 15 अप्रैल को विश्व के कलाकारों के सम्मान, कला के महत्त्व को दर्शाने और समाज में कला की भूमिका को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। विश्व कला दिवस 2025 ( World Art Day 2025) की थीम अभी तक तय नहीं की गई।
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World Art Day 2025: कैसे मनाते हैं विश्व कला दिवस
यह दिवस विश्व भर में बहुत उत्साह से मनाया जाता है। विश्व कला दिवस (World Art Day) को विश्व भर में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।
इस दिन लोग:
- कला प्रदर्शनियों में भाग लेना: इस दिन लोग स्कूल, कॉलेज, आर्ट गैलरीज की कला प्रदर्शनियों में भाग लेते हैं।
- दीवार चित्रण (Wall Painting): बहुत से लोग अपनी संस्कृति से जुड़े चित्र भी दीवार पर बनाते हैं और इस दिन को अपने तरीके से मनाते हैं।
- कलाकारों को सम्मान देना: इस दिन विश्व भर में बहुत से स्थानों पर कलाकारों को कला में उनके योगदान के लिए सम्मान दिया जाता है।
- सोशल मीडिया पर पोस्ट: वर्तमान में सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा अपने विचार लोगों तक पहुंचाते हैं। इस दिन लोग विश्व कला दिवस से संबंधित तस्वीरें, वीडियो आदि भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हैं।
जानिए विश्व कला दिवस का महत्त्व
World Art Day 2025: प्रतिवर्ष 15 अप्रैल को विश्व कला दिवस ( World Art Day) कलाकारों को कला के क्षेत्र में योगदान देने के लिए मनाया जाता है। कला एक ऐसा माध्यम है, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलता है। इसके अतिरिक कला शिक्षा, संवाद और जागरूकता का माध्यम भी है।
कला ईश्वर का अनमोल तोहफा
ईश्वर प्रत्येक व्यक्ति को विशेष गुणों से नवाजा है। हर व्यक्ति में कोई न कोई कला तो होती है, जो उसको अलग पहचान दिलाती है। लेकिन कला के साथ-साथ ईश्वर से जुड़े रहना भी जरूरी है। वर्तमान में व्यक्ति खोखली लोकप्रियता को पाने में इतना आगे निकल गया है कि वह उस ईश्वर उस ईश्वर को ही भूला बैठा है, जो व्यक्ति को इतना अनमोल उपहार व्यक्ति को प्रदान करता है।
विश्व शांति के लिए जरूरी है कला के साथ-साथ ईश्वर के साथ जुड़े रहना। वर्तमान में केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं, जो सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए आप विजिट करें जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज ऐप पर।