क्या आपको कभी कुछ इस तरह महसूस हुआ है जैसे कि आप खुद घूम रहे हों या आपके आस-पास जो भी चीजें हैं वो घूम रही हों, लेकिन असलियत में सब ठीक-ठाक हो। ये कोई साधारण चक्कर नहीं है, क्योंकि इसे वर्टिगो कहा जा सकता है। इसमें ऐसा लगता है कि सब कुछ घूम रहा हो, और कई बार खड़े होने या चलने-फिरने में भी दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसा हमारे कान के किसी हिस्से में गड़बड़ की वजह से भी हो सकता है। कई बार ये हमारे शरीर के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है।
वर्टिगो के लक्षण
- घूमने का एहसास: ऐसा महसूस होता है कि सब कुछ घूम रहा हो, चाहे आप खड़े हों या बैठे हों।
- असंतुलन हो जाना: चलने-फिरने या खड़े रहने में समस्या होती है।
- मतली या उल्टी होना: चक्कर के साथ उल्टी का मन हो सकता है या हो भी सकती है।
- सरदर्द: कभी चक्कर के साथ सिर में हल्का या भारी दर्द होता है।
- कान से आवाज आना: कान में कोई गूंज हो रही हो।
सुनाई न देना: सुनने में दिक्कत हो सकती है।
वर्टिगो के कारण
● कान में कोई इन्फेक्शन का होना
● कान में सूजन
● बीमारी जैसे – मेनियर डिजीज इसमें चक्कर, आवाजें और कम सुनाई देना शामिल है।
वर्टिगो क्यों होता है?
वर्टिगो तब होता है जब शरीर का संतुलन बनाए रखने वाला सिस्टम (वेस्टीबुलर सिस्टम) ठीक से काम नहीं करता। यह हमारे कान और दिमाग को नर्वस सिस्टम से जोड़ता है। इस पर कई वैज्ञानिक भी शोध कर चुके हैं। डॉक्टर रॉबर्ट बारानी जी का इस क्षेत्र में अहम योगदान है और उन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिला है। वर्टिगो के इलाज के लिए Epley Maneuver तकनीक, खास दवाई और MRI स्कैन का उपयोग होता है। रिसर्च अब भी जारी है जिससे कि इलाज और भी बेहतर बनाया जा सके।
यात्रा के दौरान सुरक्षा के उपाय
अगर आपको वर्टिगो की समस्या है तो सफर में जरूरी बातें जिनका ध्यान रखना है:
- कहीं भी जाने से पहले डॉक्टर से मिलकर जरूरी दवाइयां जरूर साथ रखें।
- बस, ट्रेन, फ्लाइट में ऐसी सीटों पर बैठें जो कम हिलती हों और खिड़की या आगे की सीटों पर बैठें।
- सफर के दौरान बाहर चलती हुई चीजों को मत देखें। इसकी बजाय आंखें बंद करके कुछ देर रिलैक्स रहें।
- अचानक गर्दन न घुमाएं और झटका न दें, जिससे चक्कर तेज हो सकता है।
- हल्का खाना खाएं और पानी जरूर पीते रहें।
- घबराना नहीं है, बेचैनी होने पर गहरी सांस लें।
डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
वैसे वर्टिगो के कारण चक्कर आना थोड़ी देर में बंद हो जाते हैं, पर कुछ हालातों में डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है। जैसे बार-बार चक्कर आना, तेजी से चक्कर आना, ठीक से खड़े न हो पाना या रोज़मर्रा के कामों को करने में बड़ी दिक्कतें होना। तो देर न करें और तुरंत डॉक्टर से मिलें क्योंकि ये किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
कुछ लक्षण हैं जिन पर अवश्य ही मिलना है:
- तेज सरदर्द
- सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत
- धुंधला दिखना
- बोलने या सुनने में परेशानी
- शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन या कमजोरी
अगर दवाइयों से आराम न मिले तो नजरअंदाज न करें क्योंकि ये स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर जैसे गंभीर कारण भी हो सकते हैं।
जीवन में शांति के लिए करें सत्य भक्ति
जिस प्रकार हमारा शरीर बाहरी कारणों से असंतुलित हो जाता है, वैसे ही हमारी आत्मा और मन भी दुनिया के भ्रम, काम, क्रोध और अहंकार जैसे विकारों से असंतुलित हो जाते हैं। यह मानसिक और आत्मिक असंतुलन हमें जीवन में अशांति और अस्थिरता देता है। संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान अद्वितीय और निराला है।
यह स्वयं पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा प्रदान किया गया है। यह ज्ञान मन को शांति और आत्मा को सच्चा संतुलन प्रदान करता है, जिससे जीवन की हर परेशानी से लड़ने की शक्ति मिलती है। अधिक जानकारी के लिए “Sant Rampal Ji Maharaj App” डाउनलोड करें, जो प्ले स्टोर और ऐप स्टोर दोनों पर उपलब्ध है।