राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता (बर्थराइट सिटिजनशिप) को समाप्त करने का प्रयास किया गया। इस आदेश के तहत, अमेरिका में जन्म लेने वाले उन बच्चों को नागरिकता नहीं दी जाती, जिनके माता-पिता अवैध या अस्थायी प्रवासी हैं।
मुख्य बिंदु
- ट्रंप के आदेश को मिली अदालत में चुनौती
- अदालत ने नागरिकता समाप्ति के आदेश को असंवैधानिक ठहराया
- ट्रंप करेंगे उच्च न्यायालय में अपील
- नागरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण फैसला
- मनुष्य की वास्तविक नागरिकता
अदालती चुनौती और अस्थायी रोक
ट्रंप के इस आदेश के खिलाफ 22 अमेरिकी राज्यों और अप्रवासी अधिकार संगठनों ने अदालत में चुनौती दी। सीऐटल के संघीय न्यायाधीश जॉन कफेनोर ने इस आदेश को “स्पष्ट रूप से असंवैधानिक” करार देते हुए उस पर अस्थायी रोक लगा दी। उन्होंने कहा, “मेरे चार दशकों के अनुभव में, ऐसा कोई दूसरा मामला याद नहीं आता, जिसमें प्रस्तुत सवाल इस मामले जितना स्पष्ट हो।”
संविधान का 14वां संशोधन और जन्मसिद्ध नागरिकता
अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन, जो 1868 में लागू किया गया था, जिसमें अमेरिका में जन्म लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को नागरिकता की गारंटी मिलता है, चाहे उनके माता-पिता की नागरिकता या आव्रजन स्थिति कुछ भी हो। ट्रंप का आदेश इस संशोधन के विपरीत माना गया, जिसके कारण अदालत ने इसे असंवैधानिक ठहराया।
ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की योजना
अदालती फैसले के बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वे इस निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उन्होंने अपने आदेश का बचाव करते हुए कहा कि यह अमेरिका की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए आवश्यक है।
नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
अदालत का यह निर्णय न केवल ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि अमेरिकी संविधान और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है। यह मामला आने वाले समय में उच्च न्यायालयों में भी पहुंच सकता है, जहां इसके कानूनी पहलुओं पर और गहन विचार-विमर्श होगा।
क्या है मानव की वास्तविक नागरिकता?
इस नश्वर संसार में प्रत्येक व्यक्ति का जीवन दुखों से भरा हुआ है और वह सुख शांति की तलाश में भटकता रहता है। आज इंसान को कहीं भी पूर्ण शांति और सुख प्राप्त नहीं है चाहे वह किसी भी देश का नागरिक क्यों ना हो। आज संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान के माध्यम से पूरे मानव समाज को यह बता रहे हैं कि काल ब्रह्म का यह लोक हमारा वास्तविक निवास स्थान नहीं है, हम यहां के मूल नागरिक नहीं हैं।
हमारी वास्तविक नागरिकता तो सतलोक की है, जहां जाकर हम पूर्ण रूप से सुखी और परम शांति को प्राप्त कर सकते हैं। उस परम धाम और पूर्ण सुखदाई सतलोक प्राप्ति की सही विधि जानने और पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए अवश्य पढ़िए पवित्र पुस्तक “ज्ञान गंगा” या देखिए “संत रामपाल जी महाराज” यूट्यूब चैनल