UP Encounter: बहराइच सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों को रूपैडीहा बॉर्डर से पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस एनकाउंटर के दौरान दो अभियुक्त सरफ़राज़ और तालिब गोली लगने से जख्मी हुए। इनके पास से पुलिस को दुर्गा विसर्जन हिंसा के दौरान प्रयोग किए गए हथियार बरामद हुए है।
अभी तक कुल पांच अभियुक्त मोहम्मद सरफ़राज़ (नामजद), मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद फ़हीन (नामजद), अब्दुल हमीद (नामजद) और मोहम्मद अफज़ल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक ये पांचों अभियुक्त नेपाल फरार होने की फिराक में थे। बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 55 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामला ?
दरअसल खबर कुछ ऐसी है कि बहराइच जिले में महसी तहसील के हरदी इलाके के महाराजगंज कस्बे में मूर्ति विसर्जन के दौरान बवाल हुआ, जिसमें एक युवक की मौत हो गईं। घटना 13 अक्टूबर की है, जब शाम को दुर्गा मूर्ति विसर्जन के समय बवाल हुआ, जिसमें 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की जान चली गई।
खबरों के मुताबिक शाम को दुर्गा विसर्जन के समय डीजे में आपत्तिजनक गाना बजाने को लेकर हिन्दू – मुस्लिम आमने-सामने आ गए। जब मुस्लिम पक्ष ने डीजे में चलाए जा रहे गाने पर आपत्ति जताई, तब दूसरे पक्ष ने उनकी बात नहीं मानी। इससे गुस्साएं मुस्लिम पक्ष ने डीजे का तार निकाल दिया, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ।
खबरों की माने तो जब मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई, तो जुलूस में शामिल 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा ने आपत्ति व्यक्त करने वाले सरफ़राज़ के घर पर हरा झंडा निकाल कर भगवा झंडा लगा दिया। इसी बीच सरफ़राज़ के घर से गोली चली, जिससे रामगोपाल मिश्रा की मौके पर मौत हो गई। सरफ़राज़ के पिता अब्दुल हमीद पर गोली चलाने का आरोप है।
इस घटना के बाद दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ और स्थिति बेकाबू हो गई। पत्थर बाजी तथा फायरिंग में कई लोग घायल हुए हैं। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं बिगड़े माहौल को देखते हुए विसर्जन यात्रा को रोककर महाराजगंज के विरोध में बहराइच सीतापुर हाईवे को जाम कर दिया गया है। हाईवे जाम करने के बाद गुस्साए लोगों ने जगह-जगह आग लगा दी। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, इस दौरान भी कई लोग घायल हुए।
बहराइच घटना पर उड़ी कई अफवाहें
बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामले में कई अफवाहें फैलाई गई थीं, जिस वजह से हिंसा हुई और लोगों ने कई मुसलमानों के घरों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इन सभी अफवाहों का खंडन पुलिस और प्रशासन ने रामगोपाल मिश्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद किया। आरोप था कि मृतक रामगोपाल मिश्रा को करंट लगाया गया, उनको तलवार से मारा गया और नाखून उखाड़े गए इत्यादि। इन सब का खंडन करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लोगों को इस प्रकार की भ्रामक खबरों से बचने की चेतावनी दी और सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने दिए कठोर कार्यवाही के निर्देश
मुख्यमंत्री द्वारा जारी निर्देश में उपद्रवियों की पहचान कर कठोर से कठोर कार्रवाई करने को कहा। धार्मिक संगठनों से भी बात करके समय पर मूर्ति विसर्जन के आदेश दिए गए। सीएम योगी ने कहा कि प्रतिमा विसर्जन जारी रहे। सीएम ने यह भी कहा कि ये सरकार जिम्मेदारी है कि सभी को सुरक्षा की गारंटी दी जाए और प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहें। सीएम ने एक्शन लेते हुए जिनकी लापरवाही से घटना घटी है, उन्हें भी चिन्हित करने तथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।
एसपी वृंदा शुक्ला ने की बड़ी कार्यवाही
आदेश अनुसार पुलिस अधीक्षक द्वारा एक्शन लेते हुए हरदी के थाना अध्यक्ष एस के वर्मा को सस्पेंड कर दिया गया, वहीं महसी के चौकी इंचार्ज शिवकुमार समेत कई पुलिस कर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया। एसपी ने ए डी जी के एस प्रताप के निर्देश के बाद यह बड़ी कार्रवाई की ।