तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी पाए जाने के आरोपों ने धार्मिक और राजनीतिक जगत में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। विवाद की शुरुआत बीजेपी नेता और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के पूर्व सदस्य भानुप्रकाश रेड्डी द्वारा तिरुपति लड्डू के घी में मिलावट के दावे से हुई।
तिरुपति मंदिर लड्डू प्रसाद विवाद से सम्बंधित मुख्यबिंदु:
- तिरुपति बालाजी लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी पाए जाने के आरोपों ने हड़कंप मचा दिया है।
- बीजेपी नेता भानुप्रकाश रेड्डी ने घी में मिलावट का दावा किया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, तिरुपति के लड्डू प्रसाद में पशु वसा और मछली के तेल के अंश पाए गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि लड्डू घटिया सामग्री से बनाए जाते थे।
- वाईएसआरसीपी के नेताओं ने आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है।
- तिरुपति लड्डू के सैंपल्स की जांच में मिलावट की पुष्टि हुई है।
- भानुप्रकाश रेड्डी ने कोर्ट जाने का फैसला किया है।
- तेलुगु देशम पार्टी ने इस मामले को धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया।
- राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है।
- विवाद का अंत अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन चर्चा जारी है।
क्या है पूरा मामला?
बीजेपी नेता भानुप्रकाश रेड्डी ने आरोप लगाया है कि 2019 से 2024 तक वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) सरकार के दौरान तिरुपति बालाजी के लड्डू प्रसादम में गाय के शुद्ध घी की जगह मिलावटी घी का उपयोग किया गया। रेड्डी के अनुसार, हर दिन 14 टन घी का इस्तेमाल होता था, जो कि शुद्ध नहीं था। उनका दावा है कि इस घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल के अंश पाए गए हैं।
रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पशुधन और खाद्य विश्लेषण केंद्र (CALF) की रिपोर्ट के अनुसार, वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू प्रसादम में उपयोग किए गए घी में पशु वसा की मौजूदगी थी। रिपोर्ट में पाया गया कि घी में गाय के मांस, चर्बी और मछली के तेल के अंश शामिल थे। इनमें लार्ड (सूअर की चर्बी) भी पाई गई, जो एक अर्ध ठोस सफेद वसा वाला उत्पाद है, जो सूअर के वसायुक्त ऊतक को पिघलाकर प्राप्त किया जाता है। यह खुलासा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं का बयान
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा संचालित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में इस प्रकार के आरोप लगने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। राज्य के मुख्यमंत्री ने एक पार्टी बैठक के दौरान दावा किया कि लड्डू घटिया सामग्री से बनाए जाते थे। इसके अलावा, राज्य के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र स्थल है। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि YSRCP प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी की जगह जानवरों की चर्बी का उपयोग किया।”
राजनैतिक गलियारों में मचा हड़कंप
इस विवाद के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि यह आरोप भक्तों की भावनाओं को आहत करने वाले हैं। उन्होंने कहा, “यह अविश्वसनीय है कि भगवान पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया था।” वहीं, YSRCP के अन्य नेता बी करुणाकर रेड्डी ने दावा किया कि चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में घटिया सामग्री के उपयोग का आरोप केवल राजनीतिक फायदा उठाने के लिए लगाया है।
तिरुपति लड्डू के सैंपल और उनकी जांच
तिरुपति लड्डू के सैंपल्स 9 जुलाई 2024 को लिए गए थे और इनकी रिपोर्ट 16 जुलाई को जारी की गई थी। गुजरात स्थित CALF लैब ने घी में मछली के तेल, गाय के मांस और सूअर की चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि की थी। CALF लैब, जो कि गुजरात के आनंद में स्थित है, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की एक बहु-विषयक विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला है। इस लैब की रिपोर्ट ने लड्डू में मिलावट के दावों को और पुख्ता कर दिया है।
कोर्ट जाने की तैयारी में बीजेपी नेता भानुप्रकाश रेड्डी
इस पूरे विवाद के बीच बीजेपी नेता भानुप्रकाश रेड्डी ने कहा है कि वह इस मामले को अदालत में ले जाएंगे। उन्होंने कहा, “तिरुमाला के इतिहास में यह बहुत बुरा हुआ है। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और हम तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के उपयोग के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज कराएंगे।” उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना से हिंदू तीर्थयात्रियों, विशेषकर बालाजी के भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया।
विपक्ष ने उठाए सवाल
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने आरोप लगाया है कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने मिलावट की पुष्टि की है। उन्होंने लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि लड्डू के घी में गोमांस की चर्बी, लार्ड और मछली के तेल की मौजूदगी थी। टीडीपी का दावा है कि यह धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष
तिरुपति बालाजी के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मौजूदगी के आरोप ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में बवाल मचा दिया है। जहां एक ओर बीजेपी और टीडीपी इस मामले को लेकर वाईएसआरसीपी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, वहीं वाईएसआरसीपी नेताओं ने इसे मात्र राजनीतिक साजिश करार दिया है। इस विवाद का अंत कहां होगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि तिरुपति लड्डू विवाद अभी थमने वाला नहीं है।