Surat Diamond Company: सूरत की प्राकृतिक हीरा निर्माता कंपनी किरण जेम्स ने 50,000 कर्मचारियों को 10 दिनों की छुट्टी देने की घोषणा की है। कंपनी के चेयरमैन वल्लभभाई लखानी ने बताया कि व्यापार में मंदी और पॉलिश किए गए हीरे की मांग में गिरावट आ जाने के कारण कंपनी को यह निर्णय लेना पड़ा।
Surat Diamond Company से जुड़े मुख्य बिंदु
- सूरत की हीरा कंपनी ने व्यापार में मंदी के चलते 50,000 कर्मचारियों को 17 से 27 अगस्त तक छुट्टी देने की घोषणा की, कंपनी ने अब तक के अपने व्यापारिक इतिहास में लिया पहली बार ऐसा फैसला।
- कंपनी का दावा – विश्व में 90 प्रतिशत प्राकृतिक हीरा निर्माण करने में सबसे बड़ी कंपनी है, किरण जेम्स।
- किरण जेम्स के चेयरमैन वल्लभभाई लखानी ने कहा – “अब मैं इस मंदी से थक गया हूं।” कर्मचारियों को सच्चाई से परिचित करवाना ज़रूरी है।
- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हीरा कंपनी का कारोबार 2022 में लगभग 2 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये का था, जो कि अब घटकर 1.50 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
- डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश खूंट ने बताया कि सूरत में लगभग 4,000 बड़ी एवं छोटी हीरा पॉलिशिंग और लगभग 10 लाख लोगों को प्रसंस्करण इकाइयां रोजगार प्रदान करती हैं।
- अमेरिका ने रूस मूल के हीरे किए प्रतिबंधित
- जी-7 देशों ने रूस के हीरों पर लगाया प्रतिबंध
- दुनियाभर में हीरों की कीमतों में आई गिरावट
- मानव जीवन उतार चढ़ाव से घिरा रहता है, आत्महत्या नहीं सतभक्ति है उपाय
किरण जेम्स कंपनी के चेयरमैन कौन हैं?
किरण जेम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की स्थापना सन् 1985 में हुई थी। जिसके संस्थापक वल्लभभाई पटेल हैं और वर्तमान में कंपनी के चेयरमैन वल्लभभाई लखानी हैं, जो सूरत में स्थित कंपनी है और वर्तमान में अपना काम मुंबई आफिस से चला रहे हैं। किरण जेम्स कंपनी लगभग सभी आकार और सबसे छोटे से लेकर 3 कैरेट या उससे अधिक तक के हीरे तैयार करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत में किया था सबसे बड़े सूरत डायमंड बोर्स का शुभारंभ
पिछले साल हीरा कारोबार को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत में दुनिया के सबसे बड़े ऑफिस स्पेस सूरत डायमंड बोर्स (SDB) का शुभारंभ किया था। लेकिन वैश्विक हालातों के चलते अब हीरा कारोबार बुरे दौर से गुजर रहा है। बताया जाता है कि मांग में कमी के कारण डायमंड का स्टॉक हो गया है, जिससे इसकी कीमत भी घटी है।
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Surat Diamond Company में आई आर्थिक मंदी का कारण
किरण जेम्स कंपनी के चेयरमैन वल्लभभाई लखानी ने बताया कि कच्चे हीरों की आपूर्ति में कमी और निर्यात किए जाने वाले हीरे की पर्याप्त मांग में गिरावट आने के कारण कंपनी आर्थिक मंदी से जूझ रही है। वल्लभभाई लखानी ने बताया कि कंपनी में 50,000 से अधिक कर्मचारी हीरे पॉलिश करने का काम करते हैं, जिनमें 40,000 प्राकृतिक हीरे काटते एवं पॉलिश करते हैं तथा प्रयोगशाला में विकसित हीरा इकाई में 10,000 कर्मचारी काम करते हैं।
वर्तमान में चल रहे युद्ध हैं हीरा व्यापार में मंदी का असली कारण
वल्लभभाई लखानी की बातों का समर्थन करते हुए सूरत डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश खूंट ने कहा कि कंपनी को इतिहास में पहली बार मंदी के कारण इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा है। जगदीश खूंट ने बताया कि इज़राइल-फ़िलिस्तीन संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद 2022 में अमेरिका और जी-7 देशों ने रूसी मूल के हीरों पर प्रतिबंध लगाया था। इन सभी कारणों से हीरा कंपनियों की मुश्किलें बढ़ी हैं।
किरण जेम्स कंपनी ने कर्मचारियों को छुट्टी देने का निर्णय क्यों लिया?
चेयरमैन वल्लभभाई लखानी ने कहा कि कर्मचारियों को छुट्टी देकर कंपनी अपने काम को मैनेज करना चाहती है। हीरे की मांग में गिरावट से कई कंपनियां प्रभावित हुई हैं। वल्लभभाई लखानी ने बताया कि कर्मचारियों की छुट्टी से हीरे का विदेशों में निर्यात कम होगा जिससे हीरे की मांग में बढ़ोतरी होगी।
छुट्टी में भी मिलेगी कर्मचारियों को सैलरी
वल्लभभाई लखानी ने कहा कि मजबूरन हमें छुट्टी की घोषणा करनी पड़ी है। परंतु इस दौरान कुछ पैसे काट कर कर्मचारियों को सैलेरी दी जायेगी।
सुसाइड हेल्पलाइन नंबर पर लगातार कॉल कर रहे हैं हीरा श्रमिक
- डायमंड वर्कर्स यूनियन गुजरात (DWUG) द्वारा 15 जुलाई को शुरू की गई सुसाइड हेल्पलाइन नंबर’ पर इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की ओर से 1,600 से अधिक संकटपूर्ण कॉल आई हैं। डीडब्ल्यूयूजी के उपाध्यक्ष भावेश टांक ने कहा कि पिछले 16 माह में सूरत में 65 हीरा श्रमिकों ने आत्महत्या की है, उनमें से अधिकांश ने वेतन कटौती और नौकरी छूटने के कारण उत्पन्न कठिनाइयों के कारण यह कदम उठाया, जो उद्योग में मंदी का परिणाम है।
- धर्मनंदन डायमंड्स ने एक बयान में कहा, छोटी हीरा इकाइयों के बंद होने से कुछ जौहरियों की नौकरी चली गई है और वे घर चलाने और यहां तक कि अपने बच्चों की स्कूल और कॉलेज की फीस भरने में भी असमर्थ हैं।
- वित्तीय संकट को झेलने में असमर्थ हीरा श्रमिकों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच, सूरत डायमंड वर्कर्स यूनियन ने हाल ही में एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है, जहां कई श्रमिकों ने अपने बच्चों की स्कूल और कॉलेज की फीस भरने में सहायता के लिए अनुरोध किया है।
- वित्तीय सहायता मांगने वाले परिवारों की वित्तीय स्थिति का सर्वेक्षण करने के बाद, उन्हें स्कूल की फीस के लिए चेक दिए गए। रविवार को एक चेक वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले 40 छात्रों को स्कूल की फीस के लिए 15,000 रुपये के चेक दिए गए।
आत्महत्या नहीं सतभक्ति है उपाय
मनुष्य जीवन में जन्म से लेकर बुढ़ापे तक उतार चढ़ाव बना रहता है। लेकिन अपनी ज़िम्मेदारियों से हटकर आत्महत्या का मार्ग चुनना अनमोल जीवन की बर्बादी और मूर्खता है।
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परमात्मा कबीर जी कहते हैं:
मानुष जीवन दुर्लभ है, मिले न बारम्बार।
जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लगता डार।
अर्थात मनुष्य जन्म बहुत कीमती है तत्वदर्शी संत की शरण में रहकर पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से मानव को आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं और जीने की राह आसान होती है। अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel विजि़ट करें।