SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » सरिस्का टाइगर रिज़र्व: जंगल बचेगा या कारोबार बढ़ेगा?

Hindi News

सरिस्का टाइगर रिज़र्व: जंगल बचेगा या कारोबार बढ़ेगा?

SA News
Last updated: July 6, 2025 1:16 pm
SA News
Share
सरिस्का टाइगर रिज़र्व जंगल बचेगा या कारोबार बढ़ेगा
SHARE

राजस्थान का सरिस्का टाइगर रिज़र्व एक बार फिर से देशभर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस बार जंगल क्षेत्र को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद यह राजनीतिक बहस का विषय बन गया।

Contents
सरिस्का टाइगर रिज़र्व विवाद के मुख्य बिंदुप्रस्तावित क्षेत्र विस्तारबाघों की संख्या में वृद्धि और सीमांकनखनन और होटल व्यवसाय पर सख्तीसरकार का पक्षविवाद के बावजूद सरकार सख्तविपक्ष का आरोपतत्वज्ञानी संत रामपाल जी महाराज का संदेशसरिस्का टाइगर रिजर्व से जुड़े FAQs

राज्य और केंद्र सरकार का दावा है कि सरिस्का टाइगर रिज़र्व का क्षेत्रफल बढ़ाया जा रहा है ताकि वन्यजीवों का बेहतर संरक्षण हो सके।

विपक्ष का आरोप है कि खनन माफिया और होटल कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए जंगल की सीमाओं और प्राकृतिक ढांचे के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है।

सरिस्का टाइगर रिज़र्व न केवल राजस्थान का बल्कि देश के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है। इसलिए इससे जुड़ी कोई भी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मानी जाती है।

सरिस्का टाइगर रिज़र्व विवाद के मुख्य बिंदु

  • कांग्रेस नेता जयराम रमेश का आरोप है कि सरकार खनन माफिया और होटल कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए जंगल के प्राकृतिक ढांचे में छेड़छाड़ कर रही है।
  • सरकार का दावा है कि क्षेत्रफल बढ़ाने से वन्यजीवों और बाघों का संरक्षण बेहतर होगा।
  • विपक्ष का कहना है कि सीमा बदलाव से खनन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
  • सरिस्का टाइगर रिज़र्व देश के महत्वपूर्ण वन्यजीव अभयारण्यों में शामिल है, जहां कई दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं।

प्रस्तावित क्षेत्र विस्तार

अलवर स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल बढ़ाकर 1873 वर्ग किलोमीटर किया जाएगा। इसमें अलवर और जयपुर वन मंडल के जंगल भी शामिल किए जाएंगे।

सरिस्का प्रशासन ने यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है, जिस पर जुलाई तक अंतिम मंजूरी मिल सकती है।

Also Read: भारत का 58वां बाघ रिज़र्व: मध्य प्रदेश का माधव राष्ट्रीय उद्यान राज्य का 9वां टाइगर रिज़र्व घोषित

वर्तमान में सरिस्का का क्षेत्रफल 1213 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 886 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया और बाकी बफर ज़ोन है। सरकार का कहना है कि यह विस्तार बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए ज़रूरी है। विपक्ष इसे खनन माफिया और होटल कारोबारियों को फायदा पहुंचाने की साजिश मानता है।

बाघों की संख्या में वृद्धि और सीमांकन

टाइगर रिज़र्व का मौजूदा सीमांकन 2005 से लागू है। हाल के वर्षों में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

वर्तमान में जंगल में कुल 48 बाघ-बाघिन और उनके लगभग 26 शावक मौजूद हैं।

सरिस्का का कुल क्षेत्रफल वर्तमान में 1166 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 866 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया है, जो पूरी तरह संरक्षित है। बाकी क्षेत्र बफर ज़ोन में आता है।

खनन और होटल व्यवसाय पर सख्ती

  • 2011 में सेंट्रल एम्पावरमेंट कमेटी (CEC) ने बाघों की गतिविधियों के आधार पर क्षेत्रफल तय करने के निर्देश दिए थे।
  • 1997 में गजट नोटिफिकेशन (The Gazette of India) याके तहत सरिस्का क्षेत्र की 197 खदानें बंद कर दी गई थीं।
  • 2023 में राज्य सरकार ने कोर एरिया के एक किलोमीटर दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • नई खदान लाइसेंस नवीनीकरण नहीं किया गया, जिससे टहला इलाके की सभी मार्बल खदानें बंद हैं।
  • वर्तमान में झिरी क्षेत्र में 15 से 20 खदानें संचालित हैं। कई होटलों पर भी कार्रवाई की संभावना बनी है क्योंकि वे CTH क्षेत्र में हैं, जहां व्यावसायिक गतिविधि पर सख्ती है।

सरकार का पक्ष

मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है और इसे और बढ़ाने की कोशिश जारी है।

बाघों की संख्या के अनुपात में वन क्षेत्र और बफर ज़ोन का विस्तार ज़रूरी है।

सरकार का उद्देश्य केवल बाघों का संरक्षण नहीं, बल्कि पूरे जंगल, वन्यजीव और प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना है।

CTH क्षेत्र में सख्ती ज़रूरी है ताकि वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित हो सके।

विवाद के बावजूद सरकार सख्त

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सरिस्का के वन क्षेत्र विस्तार को मंजूरी दी है।

कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, पर सकारात्मक नतीजे आने पर जनता इसका महत्व समझेगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 2023 में कोर एरिया के एक किलोमीटर और बफर एरिया के 10 किलोमीटर में व्यावसायिक गतिविधि पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई।

सरकार टहला क्षेत्र को सरिस्का से बाहर करने और बफर एरिया बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है क्योंकि वहां बाघों की आवाजाही नहीं देखी गई।

विपक्ष का आरोप

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि क्षेत्र घटाने से बाघों के आवास को नुकसान होगा।

उन्होंने इसे “कागज़ी समाधान” बताया, जो बाघों के लिए विनाशकारी है।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की और डबल इंजन सरकार पर खदान मालिकों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया।

तत्वज्ञानी संत रामपाल जी महाराज का संदेश

प्रकृति, वन्यजीव और जीव-जंतु सभी ईश्वर की रचना हैं। इनके साथ छेड़छाड़ मानवता के खिलाफ है। जंगल की सीमा बदलना और व्यापारिक स्वार्थ के लिए बाघों के आवास को प्रभावित करना गलत है।

संत रामपाल जी महाराज सत्संग में बताते हैं कि जब तक हम संतुलित वातावरण, जीव-जंतुओं की रक्षा और प्रकृति का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक समाज में सुख-शांति नहीं आएगी।

ईश्वर ने सभी प्राणियों को जीवित रहने का अधिकार दिया है। मानव का कर्तव्य है उनकी रक्षा करना, न कि विनाश।

अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “जीने की राह” पढ़ें।

सरिस्का टाइगर रिजर्व से जुड़े FAQs

Q1. सरिस्का टाइगर रिजर्व कहां स्थित है?

Ans: राजस्थान के अलवर जिले में, यह देश के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है।

Q2. विवाद क्यों हो रहा है?

Ans: सरकार क्षेत्रफल बढ़ाने का दावा करती है, जबकि विपक्ष खनन माफिया और होटल कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए सीमा छेड़छाड़ का आरोप लगाता है।

Q3. यहां कौन-कौन सी दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं?

Ans: बाघ, तेंदुआ, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर, विभिन्न पक्षी और अन्य दुर्लभ वन्यजीव।

Q4. मौजूदा क्षेत्रफल कितना है?

Ans: लगभग 1213 वर्ग किलोमीटर, जिसमें 886 वर्ग किमी कोर एरिया और बाकी बफर ज़ोन।

Q5. सरकार कितना क्षेत्रफल बढ़ाना चाहती है?

Ans: प्रस्तावित क्षेत्रफल 1873 वर्ग किलोमीटर है।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article हिंदी का सम्मान होगा तभी, जब अपनाएंगे हम सभी हिंदी का सम्मान होगा तभी, जब अपनाएंगे हम सभी
Next Article Codecrafters: Duolingo-Inspired Coding Platform Transforming Tech Education in 2025 Codecrafters: Duolingo-Inspired Coding Platform Transforming Tech Education in 2025
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

Pakistan Violates Ceasefire Along LoC: Tensions Escalate in Jammu and Kashmir

On the night of April 27-28, 2025, Pakistan again violated the ceasefire along the Line…

By SA News

Understanding and Managing Chronic Pain: A Journey of Resilience

Living with chronic pain can feel like a never-ending battle. It’s a journey that tests…

By SA News

राजस्थान बजट 2025-26: विकास की नई उड़ान

राजस्थान सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपना बजट पेश किया है, जो राज्य…

By SA News

You Might Also Like

India’s Sustainable Future Vision प्रकृति, विकास और सुरक्षा
Hindi News

India’s Sustainable Future Vision: प्रकृति, विकास और सुरक्षा

By SA News
Reasons Why Online Education is Booming
Hindi News

5 Reasons Why Online Education is Booming: क्या यह पारंपरिक क्लासरूम का भविष्य है?

By SA News
नवरात्रि में पीरियड आने से महिला ने की आत्महत्या, व्रत न कर पाने का था गहरा दुख
Hindi News

नवरात्रि में पीरियड आने से महिला ने की आत्महत्या, व्रत न कर पाने का था गहरा दुख

By SA News
कॉलेज के साथ-साथ स्किल भी: फ्री ऑनलाइन कोर्स से करियर को दें नई उड़ान
Hindi News

कॉलेज के साथ-साथ स्किल भी: फ्री ऑनलाइन कोर्स से करियर को दें नई उड़ान

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2024 | All rights reserved.