हर साल, फरवरी के दूसरे मंगलवार को “Safer Internet Day” मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य डिजिटल दुनिया को अधिक सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना होता है। साल 2025 में यह दिन 11 फरवरी को मनाया जाएगा।
इस दिन क्या होता है ख़ास
यह दिन हमें इंटरनेट के सही उपयोग, साइबर सुरक्षा और डिजिटल नैतिकता के बारे में जागरूक करता है। इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराध, डेटा चोरी, और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे में, Safer Internet Day 2025 की थीम और इससे जुड़े पहलुओं को समझना जरूरी है।
सुरक्षित इंटरनेट दिवस का इतिहास और उद्देश्य
सुरक्षित इंटरनेट दिवस की शुरुआत यूरोपियन यूनियन की पहल पर 2004 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य इंटरनेट को सभी के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाना था। यह दिन खासकर बच्चों, किशोरों, शिक्षकों, माता-पिता और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
क्या है मुख्य उद्देश्य
- ऑनलाइन खतरों से बचाव: साइबर बुलिंग, फिशिंग अटैक, हैकिंग और अन्य खतरों से लोगों को जागरूक करना।
- डिजिटल साक्षरता बढ़ाना: बच्चों और युवाओं को सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार सिखाना।
- जिम्मेदारी पूर्ण इंटरनेट उपयोग: इंटरनेट का उपयोग सोच-समझकर करना और दूसरों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार रखना।
- साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाना: मजबूत पासवर्ड, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और डेटा सुरक्षा से जुड़ी तकनीकों का उपयोग करना।
सुरक्षित इंटरनेट दिवस 2025 की थीम
हर साल सुरक्षित इंटरनेट दिवस के लिए एक खास थीम तय की जाती है। वर्ष 2025 की थीम “एक साथ बेहतर इंटरनेट के लिए” है। इस थीम का उद्देश्य डिजिटल दुनिया में सुरक्षित और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना है।
डिजिटल युग में इंटरनेट सुरक्षा के मुख्य खतरे
इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ ही साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है। जिससे हमें सुरक्षित रहना अति आवश्यक है कुछ प्रमुख खतरे इस प्रकार हैं:
- साइबर बुलिंग (Cyberbullying): सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर ट्रोलिंग, धमकियां या किसी का मजाक उड़ाना साइबर बुलिंग कहलाता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर बच्चों और किशोरों के लिए।
- फिशिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी: ईमेल, मैसेज या नकली वेबसाइट्स के जरिए लोगों को ठगने की कोशिश की जाती है। बैंकिंग फ्रॉड, ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी और पर्सनल डेटा चोरी इसके मुख्य उदाहरण हैं।
- हैकिंग और डेटा चोरी: अगर इंटरनेट उपयोगकर्ता कमजोर पासवर्ड का उपयोग करते हैं या असुरक्षित वेबसाइट्स पर लॉगिन करते हैं, तो उनके अकाउंट्स हैक किए जा सकते हैं। इससे पर्सनल डेटा चोरी हो सकता है।
- ऑनलाइन गोपनीयता का उल्लंघन: बिना अनुमति के पर्सनल जानकारी साझा करना, ट्रैकिंग कुकीज और डेटा निगरानी जैसी समस्याएं यूजर्स की प्राइवेसी के लिए खतरा बन सकती हैं।
इंटरनेट सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय
इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।हमेशा अल्फाबेट, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर का मिश्रण वाला पासवर्ड बनाएं।हर अकाउंट के लिए अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) अपनाएं।अपने सोशल मीडिया, बैंकिंग और अन्य महत्वपूर्ण अकाउंट्स में 2FA ऑन करें, ताकि आपके अलावा कोई भी अज्ञात व्यक्ति एक्सेस ना कर पाए।
- अज्ञात लिंक और ईमेल से बचें। किसी अनजान ईमेल या वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रमाणिकता जांचें। बैंक या कोई अन्य संस्था फोन या ईमेल के माध्यम से पासवर्ड नहीं मांगती, इसलिए सतर्क रहें।
- बच्चों को डिजिटल साक्षरता सिखाएं।बच्चों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करें। उन्हें अजनबियों से ऑनलाइन बातचीत न करने की सलाह दें।
Safer Internet Day 2025 कैसे मनाएं
आप इस दिन को कई तरीकों से मना सकते हैं:
- स्कूल और कॉलेजों में साइबर सुरक्षा पर जागरूकता अभियान चलाएं।
- ऑनलाइन सुरक्षा से संबंधित वर्कशॉप या वेबिनार में भाग लें।
- बच्चों और बुजुर्गों को डिजिटल साक्षरता के बारे में शिक्षित करें।
सुरक्षित इंटरनेट दिवस हमें यह याद दिलाता है कि इंटरनेट का सही और सुरक्षित उपयोग करना हमारी जिम्मेदारी है। साइबर खतरों से बचने के लिए हमें डिजिटल जागरूकता बढ़ानी होगी और सुरक्षित इंटरनेट प्रथाओं को अपनाना होगा। अपने साथ-साथ दूसरों को भी ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूक करें!
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