भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है और इसे बैंकों का बैंक भी कहा जाता है। इसका मुख्य कार्य देश में आर्थिक नीतियों को लागू करना और बैंकिंग प्रणाली पर नजर रखना है। इसी के तहत आरबीआई ने एक महत्त्वपूर्ण फैसला लिया, जिसके अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने मालदीव प्राधिकरण (MMA) के साथ 400 मिलियन डॉलर का मुद्रा स्वैप समझौता किया।
बताया जा रहा है कि यह समझौता 07 अक्टूबर को सार्क (SAARC) के मुद्रा स्वैप प्रणाली के तहत हुआ। सार्क का मुख्य उद्देश्य इसके सदस्य देशों की आर्थिक संकट की स्थिति में अल्पकालीन वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसी के तहत दिल्ली में यह समझौता आरबीआई ने सार्क मुद्रा विनियम फ्रेमवर्क 2024-27 के अनुसार मालदीप मौद्रिक प्राधिकरण से किया। जिसके अनुसार एमएमए आरबीआई से INR स्वैप विंडो के अनुसार 30 बिलियन रूपये की सहायता ले सकता है।
सूत्रों की माने तो एसबीआई और एमएमए के समझौते से भारत और मालदीप में आपसी संबंध भी मजबूत होंगे। इसके अलावा इससे मालदीप की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। इतना ही नहीं इस बैठक में भारत और मालदीव में और भी व्यापारित समझौते हुए , जिससे दोनों देशों को आर्थिक लाभ होने की उम्मीद जताई जा रही है।मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जी ने भारत यात्रा के दौरान इन महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी से चर्चा करके इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
वहीं अगर बात करें सार्क मुद्रा विनियम ढांचे की तो इसकी शुरुआत 15 नवंबर 2012 में हुई थी, इसके मुख्य उद्देशों में इसके सदस्य देशों को अल्पकालीन आर्थिक सहायता प्रदान करना , वितीय स्थिरता बढ़ाना, क्षेत्रीय विकास करना आदि शामिल हैं। इसके आठ देश सदस्य हैं जिनमें भारत, बंग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्री लंका का नाम शामिल है। बातगल्व है कि SAARC मुद्रा विनियम ढांचा दक्षिण एशिया की आर्थिक एकता को बढ़ाने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इसके सदस्य देशों में आपसी संबंध सुधारने में सहायता करता है।