पंजाब सरकार का नया प्लान: पंजाब में महिलाओं को हर महीने एक हज़ार रुपये देने की चुनावी गारंटी पूरी न हो पाने के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इसके विकल्प के रूप में नया “प्लान बी” तैयार करना शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत प्रदेश के करीब 40 लाख परिवारों, जिन्हें फिलहाल प्रति सदस्य हर महीने पांच किलो गेहूं मिल रहा है, उन्हें अब इसके साथ एक लीटर सरसों का तेल, दो किलो चीनी, एक किलो चायपत्ती, दो किलो दाल और दो सौ ग्राम हल्दी देने का प्रस्ताव है।
सरकार इस योजना को अगले वर्ष से लागू करने पर विचार कर रही है। इसके तहत लाभार्थियों को हर तीन महीने में यानी अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और दिसंबर के दौरान यह राशन दिया जाएगा। योजना को अप्रैल 2026 से शुरू करने की तैयारी चल रही है, और अनुमान है कि इस पर करीब एक हज़ार करोड़ रुपये का व्यय आएगा। इसका प्रावधान सरकार मार्च में पेश होने वाले राज्य बजट में करने की योजना बना रही है।
मुख्य बिंदु
- पंजाब में आज आएंगे केजरीवाल, नई योजना पर मुख्य सचिव संग हो सकती है अहम बैठक
- चुनावी वादों की कसौटी पर खड़ी पंजाब सरकार – गारंटियां पूरी करने में बढ़ी मुश्किलें
- महिलाओं को 1,100 रुपये देने की गारंटी पर संकट! खजाने पर 17 हजार करोड़ का बोझ
- 2007 की राशन योजना बनी सबक, अकाली-भाजपा सरकार के वक्त नहीं मिली सफलता
आज पंजाब पहुंचेंगे केजरीवाल, नई योजना पर होगी अहम चर्चा
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को पंजाब के दौरे पर आ रहे हैं। उनके राज्य आगमन के दौरान मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा से मुलाकात कर नई योजना के संबंध में चर्चा होने की संभावना है। हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि केजरीवाल की यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है।
चुनावी वादों की कसौटी पर पंजाब सरकार
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने जनता से तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली सहित कई गारंटियों का वादा किया था। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण गारंटी महिलाओं को प्रति माह एक हज़ार रुपये देने की थी। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की थी कि योजना में देरी के चलते अब महिलाओं को 1,100 रुपये प्रतिमाह देने पर विचार किया जा रहा है। मगर वर्तमान में राज्य की वित्तीय स्थिति इस गारंटी को पूरा करने में सबसे बड़ी अड़चन बनती दिख रही है।
महिलाओं को 1,100 रुपये देने पर संकट, पंजाब सरकार पर बढ़ेगा भारी आर्थिक बोझ
वित्त विभाग के आकलन के अनुसार, यदि राज्य की सभी पात्र महिलाओं को 1,100 रुपये प्रतिमाह देने की गारंटी पूरी की जाती है, तो राज्य के खजाने पर करीब 17 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इतनी भारी राशि का प्रबंध करना पंजाब सरकार के लिए आसान नहीं होगा। वर्तमान परिस्थितियों में सरकार को कर्मचारियों के नियमित वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए भी संसाधन जुटाने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में यह योजना राज्य की वित्तीय स्थिति पर और अधिक दबाव डाल सकती है।
पिछली सरकार की योजना बनी सबक: 2007 में शुरू हुई थी राशन योजना, पर नहीं मिल सका सफलता का स्वाद
पंजाब में सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराने की योजना साल 2007 में अकाली-भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत लोगों को चार रुपये प्रति किलो आटा और बीस रुपये प्रति किलो दाल देने का वादा किया गया था। हालांकि दस वर्षों के लंबे शासनकाल में भी यह योजना सही ढंग से लागू नहीं हो पाई। परिणामस्वरूप इससे जुड़ी सरकारी एजेंसियों – मार्कफेड और पनसप पर करोड़ों रुपये का आर्थिक बोझ पड़ गया, जिससे वे आज तक उबर नहीं सकी हैं।
वर्तमान में पनसप पर लगभग 900 करोड़ रुपये का कर्ज है, और उसे इस कर्ज पर हर महीने करीब 5.25 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में चुकाने पड़ते हैं। अब जब नई योजना पर लगभग एक हज़ार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च प्रस्तावित है, तो यह सवाल उठ रहा है कि इस वित्तीय भार को कौन संभालेगा, इस पर अभी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।

