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Home » Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में आतंकी हमला, 28 पर्यटकों की मौत, भारत स्तब्ध

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Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में आतंकी हमला, 28 पर्यटकों की मौत, भारत स्तब्ध

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Last updated: April 27, 2025 8:30 pm
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Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में आतंकी हमला, 28 पर्यटकों की मौत, भारत स्तब्ध
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Pahalgam Terror Attack: पहलगाम (जम्मू-कश्मीर), 22 अप्रैल 2025 — जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में सोमवार दोपहर हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस निर्मम हमले में 28 पर्यटकों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह घटना पिछले एक दशक में कश्मीर में हुई सबसे घातक नागरिक हत्या मानी जा रही है।

Contents
पहलगाम हमला: घटना का संक्षिप्त विवरणसंत रामपाल जी महाराज का दृष्टिकोण: असली धर्म क्या सिखाता है?1. धर्म का सही अर्थ: मानवता की सेवा2. अहिंसा: सर्वोच्च धर्मदुख की घड़ी में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की भूमिका1. शांति संदेश अभियान2. पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना3. जागरूकता फैलानाहमारी जाति है मानव, धर्म है मानवताईश्वर एक है, धर्म अनेक क्यों? हमें ईश्वर के लिए एक होना चाहिएमानवता के लिए संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं1. सभी मानव समान हैं2. सही साधना से मिलेगा सुख और शांतिआज की आवश्यकता: हिंसा नहीं, अध्यात्म1. आतंकवाद का हल केवल अध्यात्म से2. सामाजिक सुधार में भागीदारीमानव धर्म की पुनर्स्थापना: संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं के साथसरकार की त्वरित और कड़े कदमहमले की शुरुआत: शांत दोपहर, अचानक गोलियों की बौछारघटना स्थल पर हड़कंप, घायल लहूलुहान अवस्था में छावनी तक लाए गएPahalgam Terror Attack: हमलावर कौन थे?हमले में कौन-कौन मारे गए?: शहीदों में नौसेना अधिकारी विनय नरवाल भी शामिलसरकार की ओर से मुआवज़े की घोषणाप्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़ा, लौटे दिल्लीPahalgam Terror Attack: राष्ट्रीय शोक और राजनीति की प्रतिक्रियाअंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा, कई देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाईसुरक्षा एजेंसियों का जवाब और ऑपरेशन “जवाबी कार्रवाई”अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा को लेकर चिंताएंपर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभावPahalgam Terror Attack: स्थानीय लोगों में गुस्सा और दुःखहमले की ज़िम्मेदारी TRF ने ली, 370 हटने के बाद बनी थी यह आतंकी शाखाआगे क्या? सरकार की रणनीति और सैन्य सख्तीसच्चे ज्ञान से ही मिलेगा शांति का मार्गनिष्कर्ष: पहलगाम का दर्द और देश की चेतनाFAQs on Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमला, 22 अप्रैल 2025Q1: यह आतंकी हमला कब और कहाँ हुआ?Q2: इस हमले में कितने लोग मारे गए और कितने घायल हुए?Q3: क्या हमले में विदेशी नागरिक भी शामिल थे?Q4: इस हमले की जिम्मेदारी किसने ली है?Q5: सुरक्षा बलों की क्या प्रतिक्रिया रही?Q6: सरकार ने पीड़ितों के लिए क्या कदम उठाए हैं?Q7: क्या यह हमला कश्मीर पर्यटन पर असर डालेगा?Q8: क्या पहलगाम अब सुरक्षित है?Q9: भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए क्या योजना है?निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 25+ लोगों की मौत हुई, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली पर्यटक शामिल थे, जबकि 17 अन्य घायल हुए। हमले की जिम्मेदारी ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ नामक एक कम-ज्ञात आतंकी संगठन ने ली, जिसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान-आधारित लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन का फ्रंट मानती हैं।

ऐसे समय में सच्चे आध्यात्मिक मार्गदर्शन की आवश्यकता है, जो हमें दुख, गुस्से और हिंसा के बजाय शांति, धैर्य और करुणा का रास्ता दिखाए। संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से प्रेरित होकर करोड़ों भक्त देश के साथ इस कठिन समय में खड़े हैं, और पूरे समाज में शांति और सहानुभूति का संदेश फैला रहे हैं।

पहलगाम हमला: घटना का संक्षिप्त विवरण

  • स्थान: पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
  • प्रकार: आतंकी हमला
  • पीड़ित: निर्दोष हिन्दू नागरिक और सुरक्षाकर्मी

यह हमला न केवल निर्दोष लोगों पर, बल्कि देश की सामूहिक चेतना और भाईचारे पर भी चोट है।

संत रामपाल जी महाराज का दृष्टिकोण: असली धर्म क्या सिखाता है?

1. धर्म का सही अर्थ: मानवता की सेवा

  • संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि सच्चा धर्म मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे या चर्चों की इमारतों से नहीं, बल्कि मानवता की सेवा और प्रेम से समझा जाता है।
  • धर्म हमें हिंसा या नफरत नहीं, बल्कि शांति, सहनशीलता और भाईचारा सिखाता है।

संदेश:

“कोई भी सच्चा धर्म किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता।” — संत रामपाल जी महाराज

2. अहिंसा: सर्वोच्च धर्म

  • संत रामपाल जी का ज्ञान वेद, गीता, कुरान, बाइबल जैसे पवित्र ग्रंथों से सिद्ध है, और वे सभी एक ही संदेश देते हैं — “अहिंसा परम धर्म है।”
  • मानव जीवन का उद्देश्य हिंसा नहीं, बल्कि परमात्मा की भक्ति और सभी जीवों के प्रति प्रेम करना है।

दुख की घड़ी में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की भूमिका

1. शांति संदेश अभियान

  • संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों भक्त देशभर में शांति और भाईचारे का प्रचार कर रहे हैं।
  • सोशल मीडिया, सत्संग और सामूहिक प्रार्थनाओं के माध्यम से पूरे देश में ‘विश्व शांति’ का संदेश फैलाया जा रहा है।

2. पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना

  • घायल और पीड़ित परिवारों के लिए संवेदना व्यक्त की गई।

3. जागरूकता फैलाना

  • लोगों को सिखाया जा रहा है कि धर्म का मतलब आतंकवाद या कट्टरता नहीं है।
  • सभी धर्मग्रंथ सिखाते हैं कि सच्ची भक्ति से ही समाज में स्थाई शांति संभव है।

हमारी जाति है मानव, धर्म है मानवता

संत रामपाल जी महाराज का मूल सिद्धांत बहुत सरल और गहरा है:

“जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नही कोई न्यारा।।”

वे बताते हैं कि:

  • सभी इंसान मूल रूप से एक ही ईश्वर की संतान हैं।
  • जाति, धर्म, रंग, भाषा आदि भेदभाव इंसानों द्वारा बनाए गए हैं।
  • असली धर्म वह है जो हमें प्रेम, भाईचारा और सह-अस्तित्व सिखाता है।
  • इसलिए आज के समय में, जब आतंकवाद जैसे दानव समाज को विभाजित कर रहे हैं, हमें इस शिक्षा को अपनाने की ज़रूरत है कि —

“सबसे बड़ा धर्म मानवता है।”

ईश्वर एक है, धर्म अनेक क्यों? हमें ईश्वर के लिए एक होना चाहिए

संत रामपाल जी महाराज ने विभिन्न धार्मिक ग्रंथों (गीता, कुरान, बाइबिल, गुरुग्रंथ साहिब आदि) के प्रमाणों से सिद्ध किया है कि: ईश्वर एक है।

वे कहते हैं:

  • मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए धर्म के नाम पर बँटवारे कर लिए हैं।
  • अलग-अलग जातियाँ, मजहब, सम्प्रदाय बनाकर हम परमात्मा से दूर हो गए हैं।
  • यदि हम सच में ईश्वर को चाहते हैं, तो हमें सारे भेदभाव भूलकर
  • एक ईश्वर, एक मानवता के सिद्धांत को अपनाना होगा। उनका संदेश है —

“बाँटने के लिए नहीं, जोड़ने के लिए धर्म है।”

मानवता के लिए संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं

1. सभी मानव समान हैं

  • जाति, धर्म, भाषा या रंग का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
  • सभी मनुष्य एक ही परमात्मा की संतान हैं, इसलिए सबके साथ प्रेम और समानता का व्यवहार करना चाहिए।

2. सही साधना से मिलेगा सुख और शांति

  • संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि केवल सत्य साधना (जो वेद, गीता, कुरान और बाइबल के प्रमाणित विधि से हो) से ही जीवन में स्थाई सुख और शांति आ सकती है।
  • शांति केवल बाहरी स्थितियों से नहीं, बल्कि आत्मा के भीतर परमात्मा से जुड़ने से आती है।

संदेश:

“ईश्वर की सच्ची भक्ति से मनुष्य का हृदय प्रेम, करुणा और अहिंसा से भर जाता है।” — संत रामपाल जी महाराज

आज की आवश्यकता: हिंसा नहीं, अध्यात्म

1. आतंकवाद का हल केवल अध्यात्म से

  • बंदूक से नहीं, बल्कि ज्ञान से आतंकवाद का नाश संभव है।
  • जब मनुष्य को सही ज्ञान कि जिस ईश्वर/अल्लाह के लिए हम लड़ रहे है वह एक है, वह किसी इंसान और जानवर के हत्या से नही बल्कि अपने अंदर के बुराइयों को खत्म करके सच्ची भक्ती से प्रसन्न होगा, तब हिंसा का अंत होगा।

2. सामाजिक सुधार में भागीदारी

  • हर व्यक्ति को अपने स्तर पर शांति, प्रेम और सेवा का प्रचार करना चाहिए।
  • समाज में भेदभाव, हिंसा और नफरत को खत्म करने के लिए जागरूकता लानी होगी, जो सिर्फ संत रामपाल जी के ज्ञान से ही सम्भव है।

मानव धर्म की पुनर्स्थापना: संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं के साथ

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले जैसी दुखद घटनाएँ हमें बार-बार यह याद दिलाती हैं कि मानवता का सच्चा मार्ग केवल अध्यात्म से ही संभव है। संत रामपाल जी महाराज का दिव्य ज्ञान वेद, गीता, कुरान और बाइबल जैसे पवित्र ग्रंथों पर आधारित है, जो हमें सिखाता है कि सभी जीव एक ही ईश्वर की संतान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि नफरत और हिंसा से नहीं, बल्कि सच्चे भक्ति मार्ग से समाज में स्थायी शांति लाई जा सकती है। आज, जब आतंकवाद और कट्टरता का अंधकार फैल रहा है, तब संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएँ प्रकाश की किरण बनकर मानवता को एकजुट करने का कार्य कर रही हैं। आइए हम भी प्रेम, अहिंसा और सत्य साधना के इस मार्ग पर चलकर समाज में सच्ची शांति और भाईचारा स्थापित करें

सरकार की त्वरित और कड़े कदम

इस हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए:

  1. पाकिस्तान के साथ संबंधों में कटौती
    सीमा बंदी: भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी मुख्य भूमि सीमा को बंद कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच आवागमन पर रोक लग गई।

सिंधु जल संधि निलंबन: भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जो दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के बंटवारे की एक महत्वपूर्ण संधि है।

राजनयिक संबंधों में कटौती: भारत ने इस्लामाबाद से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया और पाकिस्तान के साथ उच्च-स्तरीय वार्ताओं को स्थगित कर दिया।

  1. सुरक्षा एजेंसियों को सख्त निर्देश
    एनआईए को जांच सौंपी: गृह मंत्रालय ने हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी, ताकि हमले की गहराई से जांच हो सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके।

‘जीरो टेरर प्लान’ का विस्तार: गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू संभाग में भी ‘जीरो टेरर प्लान’ लागू करने के निर्देश दिए, जो पहले कश्मीर में सफलतापूर्वक लागू किया गया था।

आठ सूत्रीय सुरक्षा मैट्रिक्स: सुरक्षाबलों ने आतंकियों से निपटने के लिए एक नया आठ सूत्रीय सुरक्षा मैट्रिक्स तैयार किया, जिससे अतिसंवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।

  1. आतंकियों और उनके समर्थकों पर कार्रवाई
    आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध: गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को प्रतिबंधित कर दिया और इसके प्रमुख सदस्यों को आतंकवादी घोषित किया।

हमले की शुरुआत: शांत दोपहर, अचानक गोलियों की बौछार

हमला उस वक्त हुआ जब लगभग 100 पर्यटक बैसरन घाटी की ओर टट्टुओं और जीप से ट्रैकिंग कर रहे थे। दोपहर करीब 2:30 बजे, घने जंगलों से आए 3-4 सशस्त्र आतंकियों ने अचानक मशीन गन और ग्रेनेड से हमला बोल दिया। हमले की तीव्रता और अचानकपन के कारण अधिकांश पर्यटक अपने-आप को बचा नहीं पाए।

Pahalgam Terror Attack: एक प्रत्यक्षदर्शी गाइड रियाज़ अहमद ने बताया, “मैंने सिर्फ गोलियों की आवाज़ सुनी और सब तरफ चीख-पुकार मच गई। कुछ लोग मौके पर ही गिर पड़े, और कई घायल होकर इधर-उधर भागने लगे।”


घटना स्थल पर हड़कंप, घायल लहूलुहान अवस्था में छावनी तक लाए गए

स्थानीय सुरक्षा बलों और पुलिस को घटना की सूचना मिलते ही 10 मिनट के अंदर रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर पहुँच गई। भारतीय सेना, CRPF, और स्थानीय पुलिस ने मिलकर बचाव अभियान चलाया। घायल लोगों को अनंतनाग जिला अस्पताल और शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़, श्रीनगर में भर्ती कराया गया।


Pahalgam Terror Attack: हमलावर कौन थे?

हालांकि अभी तक किसी बड़े आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों का मानना है कि हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा का हाथ हो सकता है।

IGP (कश्मीर रेंज) विद्या भूषण सिंह ने मीडिया को बताया, “हमने कुछ अहम इलेक्ट्रॉनिक सुराग जुटाए हैं और हमलावरों की पहचान के करीब हैं। प्रारंभिक जांच लश्कर-ए-तैयबा के ‘गज़वा टाइगर्स’ मॉड्यूल की ओर इशारा कर रही है।”


हमले में कौन-कौन मारे गए?: शहीदों में नौसेना अधिकारी विनय नरवाल भी शामिल

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 28 लोगों में दो विदेशी नागरिकों और एक स्थानीय गाइड के साथ-साथ भारतीय नौसेना के एक युवा अधिकारी भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, हरियाणा निवासी, हाल ही में शादी के बंधन में बंधे थे और अपनी पत्नी के साथ कश्मीर यात्रा पर आए थे। विनय की पोस्टिंग कोच्चि में थी और वे छुट्टी पर थे। इस हमले ने न केवल एक राष्ट्ररक्षक की जान ले ली, बल्कि एक नवविवाहित जीवनसंगिनी से उसका जीवनसाथी भी छीन लिया। पूरे देश ने विनय नरवाल की शहादत को नम आंखों से नमन किया है।

सरकार की ओर से मुआवज़े की घोषणा

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों के परिजनों के लिए सरकार ने ₹10 लाख रुपये प्रति मृतक के हिसाब से मुआवज़े की घोषणा की है। साथ ही, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹5 लाख रुपये, और सामान्य रूप से घायल पर्यटकों को ₹1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

यह भी पढ़ें: Kathua Terrorist Attack: जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में 5 जवान शहीद

भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार देने और उनके परिवार को विशेष वीरता मुआवज़ा पैकेज प्रदान करने की भी घोषणा की है।

Pahalgam Terror Attack: इसके अलावा जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हमले के पीड़ितों के लिए स्वास्थ्य और पुनर्वास सहायता की योजना लागू करने का भरोसा दिलाया है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर पीड़ितों और उनके परिजनों की हर संभव मदद कर रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़ा, लौटे दिल्ली

पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही रद्द कर दिया और मंगलवार देर रात भारत लौट आए। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सऊदी नेतृत्व को स्पष्ट किया कि “देश में हुए इस अमानवीय हमले” के बाद उनका भारत में रहना ज़रूरी है। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। पीएम मोदी ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आतंक के खिलाफ निर्दयी और निर्णायक कार्रवाई का संकेत दिया है।

Pahalgam Terror Attack: राष्ट्रीय शोक और राजनीति की प्रतिक्रिया

इस हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीव्र निंदा की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा:

“पहलगाम में हुआ आतंकी हमला अमानवीय है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएँ हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल NIA, RAW, और IB के अधिकारियों को श्रीनगर भेजा है और एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

विपक्ष के नेताओं ने भी सरकार से जवाब माँगा है। ओमर अब्दुल्ला ने कहा, “जब पर्यटक घाटी में लौट रहे हैं, तब यह हमला सरकार की विफलता दिखाता है।”

राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया: “देश को जवाब चाहिए — यह कैसे हुआ?”

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा, कई देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई

पहलगाम आतंकी हमले की घटना के बाद विश्व समुदाय ने एक स्वर में इस नृशंस आतंकी हमले की निंदा की है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इज़राइल, जापान, और ऑस्ट्रेलिया सहित कई प्रमुख देशों ने इसे एक “मानवता के खिलाफ अपराध” बताया और भारत के साथ एकजुटता और सहयोग का आश्वासन दिया।

Pahalgam Terror Attack: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम आतंकवाद के इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं और भारत के साथ संवेदना प्रकट करते हैं। आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”

ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने मृतकों में शामिल ब्रिटिश नागरिकों को लेकर गहरा शोक प्रकट किया और पीड़ित परिवारों को सभी आवश्यक राजनयिक सहायता देने की बात कही।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम भारत सरकार के साथ खड़े हैं और आतंक के खिलाफ उसकी लड़ाई का समर्थन करते हैं।”

यह वैश्विक प्रतिक्रिया इस बात की पुष्टि करती है कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दुनिया साथ है, और ऐसे हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पहले से कहीं अधिक जरूरी है।

सुरक्षा एजेंसियों का जवाब और ऑपरेशन “जवाबी कार्रवाई”

सेना और सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ‘ट्रैक एंड निःशस्त्र’ के तहत पहलगाम और पास के कुलगाम जंगलों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। अब तक दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं, जिनमें से एक की पहचान बिलाल अहमद डार के रूप में हुई है, जो 2021 से सक्रिय था।

Pahalgam Terror Attack: DRDO द्वारा बनाए गए ड्रोन, स्निफर डॉग यूनिट, और नाइट विजन कैमरे इस ऑपरेशन में शामिल किए गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा को लेकर चिंताएं

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और इज़राइल ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बयान जारी करते हुए कहा, “आतंकवाद मानवता के खिलाफ अपराध है। हम भारत के साथ हैं।”

ब्रिटिश हाई कमीशन ने मृत विदेशी नागरिकों के परिवारों को सहायता देने का आश्वासन दिया है।

पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

इस हमले का असर सिर्फ मानव जीवन तक सीमित नहीं रहा। यह जम्मू-कश्मीर के पर्यटन सीजन पर भी प्रश्नचिह्न लगा रहा है। अप्रैल-जुलाई के महीनों में हज़ारों पर्यटक कश्मीर आते हैं, और पहलगाम सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है।

कश्मीर होटल एंड रिसॉर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, “यह हमला हमारी रीढ़ पर वार है। कई बुकिंग्स कैंसल हो चुकी हैं।”

Pahalgam Terror Attack: स्थानीय लोगों में गुस्सा और दुःख

घटना के बाद पहलगाम और अनंतनाग में स्थानीय नागरिकों ने कैंडल मार्च निकाला और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।

स्थानीय गाइड साजिद डार बोले: “हम भी चाहते हैं कि हमारे इलाके में अमन हो। आतंकवाद ने न हमारे बच्चों को छोड़ा, न हमारे मेहमानों को।”

हमले की ज़िम्मेदारी TRF ने ली, 370 हटने के बाद बनी थी यह आतंकी शाखा

इस हमले की ज़िम्मेदारी The Resistance Front (TRF) ने सोशल मीडिया के माध्यम से ली है। यह संगठन पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी ग्रुप है, जिसे अनुच्छेद 370 हटने के बाद 2019 में बनाया गया था। TRF ने अपने बयान में दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में “जनसंख्यकीय बदलाव के लिए बाहरी लोगों को डोमिसाइल दिए जा रहे हैं, और ये पर्यटकों के रूप में आकर बसने की कोशिश कर रहे हैं — इसलिए यह हमला उनके विरुद्ध एक चेतावनी है।”

Pahalgam Terror Attack: यह हमला पिछले दो दशकों में पर्यटकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है और यह ऐसे समय हुआ है जब कश्मीर में टूरिज़्म सीज़न की शुरुआत हो रही थी। इस हमले के दिन अमेरिका के उपराष्ट्रपति JD Vance भी भारत के दौरे पर थे।

जहाँ यह घटना हुई — बैसरन घाटी, वह पहलगाम से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित एक ऊँचा मैदान है, जहाँ केवल पैदल या टट्टुओं के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। यह क्षेत्र अमरनाथ यात्रा के बेस कैंप पहलगाम के अंतर्गत आता है। वहां सुरक्षा बलों की बहुत कम उपस्थिति रहती है, जिससे पर्यटक असुरक्षित हो जाते हैं।

यह स्पष्ट है कि TRF एक आतंकी संगठन है, जिसे भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खतरनाक एवं अवैध घोषित किया गया है, और इसके सभी सदस्यों की पहचान और निष्कासन के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

आगे क्या? सरकार की रणनीति और सैन्य सख्ती

सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह Zero Tolerance Policy पर कायम रहेगी और घाटी में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। 5 नई BSF कंपनियाँ, 3 पैरा मिलिट्री यूनिट्स, और RAID टीम्स को घाटी में तैनात किया जाएगा।

सच्चे ज्ञान से ही मिलेगा शांति का मार्ग

पहलगाम में हुआ यह हृदयविदारक आतंकी हमला केवल एक सुरक्षा चूक नहीं, बल्कि मानवता के मूल्यों के पतन का प्रतीक है। संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों में बार-बार यह स्पष्ट करते हैं कि जब तक मानव जाति सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान को नहीं अपनाएगी और जाति, धर्म, क्षेत्र और विचारों से ऊपर उठकर एक “अखंड मानव धर्म” की भावना से नहीं जुड़ेगी, तब तक इस प्रकार की हिंसा और आतंक कभी खत्म नहीं होंगे। यदि समाज संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए सतज्ञान को समझे और अपनाए, तो न केवल आतंकवाद का अंत संभव है, बल्कि समस्त विश्व में स्थायी शांति और भाईचारे की स्थापना भी सुनिश्चित की जा सकती है।

जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।

हिन्दु मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।

निष्कर्ष: पहलगाम का दर्द और देश की चेतना

पहलगाम, जिसे कश्मीर का स्वर्ग कहा जाता है, आज दर्द, आंसुओं और खून की घाटी बन गया है। यह हमला सिर्फ एक पर्यटक स्थल पर नहीं हुआ, यह हमला भारत की संवेदनशीलता, एकता और शांति पर हुआ है।

देश को जवाब चाहिए, न्याय चाहिए और समाधान चाहिए। क्या आतंकवादियों के खिलाफ केवल ऑपरेशन काफी हैं? या कश्मीर को फिर से इंसानियत से जोड़ा जाना चाहिए?

FAQs on Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमला, 22 अप्रैल 2025

Q1: यह आतंकी हमला कब और कहाँ हुआ?

उत्तर:

यह हमला 22 अप्रैल 2025 को दोपहर लगभग 2:30 बजे, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुआ, जो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।

Q2: इस हमले में कितने लोग मारे गए और कितने घायल हुए?

उत्तर:

अब तक की पुष्टि के अनुसार 28 पर्यटकों की मौत हो चुकी है और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

Q3: क्या हमले में विदेशी नागरिक भी शामिल थे?

उत्तर:

हां, मृतकों में दो ब्रिटिश नागरिक (एक दंपति) भी शामिल हैं, जो पर्यटक के रूप में भारत आए थे।

Q4: इस हमले की जिम्मेदारी किसने ली है?

उत्तर:

हालांकि किसी भी संगठन ने औपचारिक रूप से जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन प्रारंभिक जांच में लश्कर-ए-तैयबा के मॉड्यूल ‘गज़वा टाइगर्स’ के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

Q5: सुरक्षा बलों की क्या प्रतिक्रिया रही?

उत्तर:

हमले के बाद सेना, CRPF और J&K पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं और क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान जारी है।

Q6: सरकार ने पीड़ितों के लिए क्या कदम उठाए हैं?

उत्तर:

सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख और घायलों को ₹5 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने हमले की CBI-जांच और उच्चस्तरीय निगरानी के निर्देश दिए हैं।

Q7: क्या यह हमला कश्मीर पर्यटन पर असर डालेगा?

उत्तर:

जी हां, यह हमला पर्यटन सीजन के बीच में हुआ है और इससे होटल बुकिंग्स रद्द, पर्यटकों में डर और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

Q8: क्या पहलगाम अब सुरक्षित है?

उत्तर:

घटना के बाद से सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है, अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है, और स्थानीय प्रशासन ने हेल्पलाइन और इमरजेंसी कंट्रोल रूम सक्रिय किए हैं।

Q9: भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए क्या योजना है?

उत्तर:

सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह Zero Tolerance Policy के तहत आतंकवाद से निपटेगी। नए सुरक्षा बलों की तैनाती, स्मार्ट सर्विलांस, और आंतरिक खुफिया नेटवर्क को और मज़बूत किया जा रहा है।

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