SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » भारतीय अंतरिक्ष का स्वर्णिम इतिहास अब स्कूलों की किताबों में

Educational

भारतीय अंतरिक्ष का स्वर्णिम इतिहास अब स्कूलों की किताबों में

SA News
Last updated: August 25, 2025 3:51 pm
SA News
Share
भारतीय अंतरिक्ष का स्वर्णिम इतिहास अब स्कूलों की किताबों में
SHARE

भारत की अंतरिक्ष यात्रा अब केवल वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं तक सीमित नहीं रहेगी—यह अब बच्चों की पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा बनेगी। एनसीईआरटी ने अपने नए पाठ्यक्रम में “भारत: उभरती अंतरिक्ष शक्ति” नामक एक विशेष मॉड्यूल शामिल किया है, जो इसरो की विनम्र शुरुआत से लेकर चंद्रयान और मंगलयान जैसी ऐतिहासिक उपलब्धियों तक की कहानी को जीवंत बनाता है।

Contents
  • भारत: उभरती अंतरिक्ष शक्ति – एक प्रेरणादायक मॉड्यूल
    • प्रारम्भिक संघर्ष – साइकिल और बैलगाड़ी से शुरू हुआ सफर
    • अंतरिक्ष में पहचान – स्वदेशी तकनीक की उड़ान
    • उपग्रह प्रक्षेपण में अग्रणी भारत – विश्व रिकॉर्ड और चंद्र विजय
    • अंतरिक्ष में भारतीय उपस्थिति – नए युग की शुरुआत
  • निष्कर्ष – बच्चों को मिलेगा अंतरिक्ष का सपना

भारत: उभरती अंतरिक्ष शक्ति – एक प्रेरणादायक मॉड्यूल

यह मॉड्यूल दो भागों में विभाजित है, जिसमें भारत की अंतरिक्ष यात्रा के विभिन्न चरणों को विस्तार से समझाया गया है।

प्रारम्भिक संघर्ष – साइकिल और बैलगाड़ी से शुरू हुआ सफर

भारत की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत 1963 में थुम्बा रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन से हुई थी। उस समय वैज्ञानिक रॉकेट के पुर्जों को साइकिल और बैलगाड़ी की सहायता से ले जाया करते थे। यह एक ऐसा दौर था जब संसाधनों की कमी थी, लेकिन सपनों की कोई सीमा नहीं थी।

  • 1969: इसरो की स्थापना 15 अगस्त को हुई, जिसने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को दिशा दी।
  • 1975: भारत का पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ सोवियत संघ की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया। यह आत्मनिर्भरता की नींव थी।

अंतरिक्ष में पहचान – स्वदेशी तकनीक की उड़ान

भारत ने 1980 में अपना पहला स्वदेशी प्रक्षेपण यान SLV-3 तैयार किया, जिससे रोहिणी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। यह भारत की तकनीकी क्षमता का प्रमाण था।

  • 1981: पहला स्वदेशी संचार उपग्रह ‘एप्पल’ लॉन्च हुआ।
  • 1984: राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने।
  • 1988: IRS-1A उपग्रह का प्रक्षेपण हुआ।
  • 1994: PSLV का निर्माण हुआ, जिसने 50 से अधिक सफल प्रक्षेपण किए।

उपग्रह प्रक्षेपण में अग्रणी भारत – विश्व रिकॉर्ड और चंद्र विजय

भारत ने 2001 में GSLV का पहला प्रक्षेपण किया, जिससे भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजना संभव हुआ। इसके बाद भारत ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कीं:

  • 2008: चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर जल की खोज की।
  • 2014: मंगलयान (MOM) के सफल प्रक्षेपण से भारत पहला ऐसा देश बना जिसने पहले ही प्रयास में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया।
  • 2017: एक ही बार में 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
  • 2023: चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की। साथ ही, आदित्य-एल1 मिशन सूर्य के अध्ययन के लिए लॉन्च किया गया।

अंतरिक्ष में भारतीय उपस्थिति – नए युग की शुरुआत

मॉड्यूल का दूसरा भाग भारत के अंतरिक्ष यात्रियों पर केंद्रित है:

  • राकेश शर्मा: पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री।
  • शुभांशु शुक्ला: जून 2025 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने वाले पहले भारतीय बने।

इस भाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक प्रेरणादायक उद्धरण भी शामिल है, जो बच्चों को सपनों को साकार करने की प्रेरणा देता है।

निष्कर्ष – बच्चों को मिलेगा अंतरिक्ष का सपना

एनसीईआरटी का यह नया मॉड्यूल बच्चों को न केवल भारत की अंतरिक्ष यात्रा से परिचित कराएगा, बल्कि उन्हें यह भी सिखाएगा कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद देश ने अंतरिक्ष में अपनी पहचान बनाई। यह मॉड्यूल बच्चों को अनंत संभावनाओं की ओर देखने की दृष्टि देगा और उन्हें वैज्ञानिक सोच के लिए प्रेरित करेगा।

भारत की अंतरिक्ष यात्रा यह सिखाती है कि विज्ञान निरंतर खोज और परिश्रम से जीवन को आसान और बेहतर बना सकता है। उपग्रहों से लेकर चंद्रयान और मंगलयान तक की उपलब्धियाँ दिखाती हैं कि इंसान जब ठान ले तो असंभव भी संभव हो जाता है। लेकिन विज्ञान केवल भौतिक जीवन को बेहतर बना सकता है, आत्मा को शाश्वत शांति नहीं दे सकता। यहाँ सतगुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है। जैसे विज्ञान ने हमें नई दिशाएँ दीं, वैसे ही सच्चे सतगुरु अपने सही ज्ञान से आत्मा को जन्म–मरण के बंधन से मुक्त करते हैं और मोक्ष का मार्ग बताते हैं।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
BySA News
Follow:
Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.
Previous Article jammu-kashmir-rajasthan-heavy-rains-hindi उत्तर भारत में भारी बारिश से हाहाकार, राजस्थान-जम्मू कश्मीर में हालात गंभीर, कई राज्यों में अलर्ट
Next Article Veteran Bengali Actor and BJP Leader Joy Banerjee Passes Away at 62 Veteran Bengali Actor and BJP Leader Joy Banerjee Passes Away at 62
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

स्विस बैंकों में भारतीयों का 37,600 करोड़ जमा, 2024 में तीन गुना उछाल। क्या यह काला धन है?

स्विस बैंकों ( Swiss Banks) में भारतीयों के जमा धन को लेकर एक बार फिर…

By SA News

Haryana General Assembly Elections Results 2024: BJP Outperforms Expectations 

Haryana General Assembly Elections Results 2024: The Haryana General Assembly elections for 90 constituencies concluded…

By SA News

GST सुधारों का दिवाली तोहफा: टैक्स स्लैब होंगे आसान, सस्ती होंगी रोजमर्रा की वस्तुएं

भारत इस साल वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने जा रहा…

By SA News

You Might Also Like

Why Failure Portfolios Are the New Resume A Smarter Way to Get Hired
EducationalJob

Why Failure Portfolios Are the New Resume: A Smarter Way to Get Hired

By SA News
A Quick Guide to Tier 1, Tier 2, and Tier 3 Engineering Colleges in India
Educational

A Quick Guide to Tier 1, Tier 2, and Tier 3 Engineering Colleges in India

By SA News
वर्तमान शिक्षा प्रणाली और चुनौतियाँ 
Educational

वर्तमान शिक्षा प्रणाली और चुनौतियाँ 

By SA News
%E0%A4%8F%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%9C%E0%A5%80 %E0%A4%95%E0%A5%80 %E0%A4%AB%E0%A5%80%E0%A4%B8 2.30 %E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%96 %E0%A4%B8%E0%A5%87 %E0%A4%AC%E0%A4%A2%E0%A4%BC%E0%A4%95%E0%A4%B0 %E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%A8%E0%A5%80 %E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%88 %E0%A4%95%E0%A4%BF %E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF %E0%A4%A8%E0%A5%87 %E0%A4%AC%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82 %E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE %E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A4%BE %E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%96
Educational

एलकेजी की फीस 2.30 लाख से बढ़कर इतनी हुई कि व्यक्ति ने बयां किया अपना दुख 

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2025 | All rights reserved.