Mpox Outbreak: हाल ही में अफ्रीका महाद्वीप के कांगो गणराज्य, युगांडा, केन्या समेत कई देशों में Mpox का प्रकोप देखने को मिल रहा है। इस Mpox (Monkeypox) ने दुनिया भर के लोगों को एक बार पुनः चिंता की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है, लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं उन्हीं में से एक सवाल यह भी है कि क्या इस MPox (मंकीपॉक्स) वायरस के फिर से कोरोना जैसी स्थिति उतपन्न हो सकती है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी Mpox के बढ़ते हुए मामलों को लेकर चिंता जाहिर की है।
WHO बिना देर किए इसे बीमारी इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के बारे में विचार कर रही है। आइये जानते हैं क्या हैं इस वायरस से बचाव के उपाय तथा इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी….
Mpox Outbreak से संबंधित मुख्यबिन्दु
- Mpox (Monkeypox) वायरस ने अफ्रीकी देशों में मचाया कोहराम
- मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने देश-दुनिया के लोगों की बढ़ाई चिंताएं
- WHO ने Mpox के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की
- डब्लूएचओ घोषित कर सकता है ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी
Mpox Outbreak: अफ्रीकी देशों में घातक मंकीपॉक्स का प्रकोप
मंकीपॉक्स (नया नाम Mpox) का नाम तो सबने सुना ही होगा, हाल ही में इस वायरस ने अफ्रीका महाद्वीप (Monkeypox Virus In Africa) के ब्रुण्डी, कांगो गणराज्य, रबान्डा, युगांडा तथा केन्या समेत 34 देशों में कहर मचाया हुआ है। बीते महीने Mpox के 50 से अधिक नए मामले कांगो से सटे देशों में सामने आए हैं।
क्या फिर से कोरोना जैसी स्थिति का करना पड़ सकता है सामना, डब्लूएचओ की बढ़ी चिंताएं
Mpox Outbreak: मंकीपॉक्स वायरस (Mpox Virus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों के बीच डर का माहौल है, लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार फिर से कोरोना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। डब्लूएचओ ने भी मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए चिंता जाहिर की है साथ ही डब्लूएचओ इस मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए दिखाई दे रहा है और जल्द ही इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने पर विचार कर रहा है।
डब्लूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के डायरेक्टर जनरल Tedros Adhanom Ghebreyesus ने भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है साथ ही उन्होंने एक पोस्ट साझा करते हुए बताया है कि इस स्थिति पर वे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमन आपातकालीन समिति (international health regulations emergency committee) बनाने पर विचार कर रहे हैं।
क्या है मंकीपॉक्स (Mpox)
Mpox (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) एक वायरल संक्रमण है जो कि मंकीपॉक्स वायरस से होता है। यह वायरस आमतौर पर मध्य औऱ पश्चिमी अफ्रीकी देशों में पाया जाता है और इसके संक्रमण से बुखार, त्वचा पर चकत्ते, और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण होते हैं। एमपॉक्स आमतौर पर जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली विषाणु जनित बीमारी है।
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मंकीपॉक्स (Monkeypox) का नामकरण
Mpox Outbreak: मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) का सबसे पहला मामला सन् 1958 में डेनमार्क के कोपेनहेगन की लैब में देखा गया था। यह वायरस रिसर्च के दौरान यहां की प्रयोगशाला में रखे गए बंदरों में पाया गया था, इसलिए इसका नाम “मंकीपॉक्स” रखा गया। किसी इंसान के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का पहला मामला 1970 में कांगो गणराज्य में दर्ज किया गया था।
क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्ष्ण (Symptoms of Mpox)
Mpox Outbreak: मंकीपॉक्स वायरस (Mpox) से संक्रमित व्यक्ति में कुछ लक्षण पाए जाते हैं जो कि निम्नलिखित हैं
- ज्वर (Fever)- 100.4°F (38°C) या इससे अधिक तापमान।
- सिरदर्द– तेज या लगातार सरदर्द का होना।
- मांसपेशियों में दर्द– मांशपेशियों में तीव्र दर्द का होना।
- कमज़ोरी तथा थकान– शरीर में लगातार ऊर्जा की कमी बने रहना तथा थकान महसूस होना।
- लिम्फ नोड्स में सूजन– गर्दन और जांघ के हिस्सों में सूजन का होना।
- त्वचा पर चकत्ते या दाने- बुखार के 1 से 3 दिन बाद शरीर पर दाने, चकत्ते या फफोले भी हो सकते हैं। ये चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकते हैं, जैसे हथेलियों व तलवों में।
यह लक्षण आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं। यदि आपको इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखें तो आप चिकित्सक से परामर्श लेना न भूलें साथ ही चिकित्सक की निगरानी में रहकर ही दवाइयां लें।
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Mpox Outbreak: मंकीपॉक्स (Mpox) से बचाव के लिए करें यह उपाय
Mpox बड़ी तेजी से फैलता है इसलिए इससे बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय तुरंत करें
- संक्रमित व्यक्तियों से रखें खुद को दूर– MPox एक संक्रामक वायरस जनित रोग है इसलिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर चलें।
- हाथों को रखें स्वच्छ– नियमित रूप से साबुन या हैंडवाश से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करते हुए हाथों को स्वच्छ बनाये रखें, विशेषकर तब जब आप सार्वजनिक स्थानों से गुजरे हों।
- सुरक्षात्मक उपकरणों का करें प्रयोग– यदि आप संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो ग्लब्स, मास्क व अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों का उपयोग करें।
- संक्रमित जानवरों से करें खुद का बचाव– मंकीपॉक्स वायरस जानवरों से मनुष्यों में तेजी से फैलता है इसलिए संक्रमित जानवरों से दूरी बनाए रखें, जैसे कि गिलहरी, बंदर, या चूहों से।
- संक्रमित व्यक्ति के वस्त्रों का न करें उपयोग– संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई सामग्री से लेकर वस्त्रों तथा बिस्तर के उपयोग से बचें।
- टीकाकरण: अगर मंकीपॉक्स का टीका उपलब्ध हो तो चिकित्सक की निगरानी में टीकाकरण अवश्य करवाएं।
- लोगों में जागरूकता का प्रसार करें: मंकीपॉक्स के प्रति लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें तथा इसके लक्षण, सावधानियों व रोकथाम के उपायों से लोगों को अवश्य अवगत कराएं।
Mpox Outbreak: मंकीपॉक्स वायरस को हल्के में न लें, यह समस्या गम्भीर भी हो सकती है इसलिए उपरोक्त उपायों का गम्भीरता से पालन करें, हमारी सावधानी ही हमारी सुरक्षा है।
सतभक्ति रूपी कवच से होता है सर्व घातक बीमारियों से बचाव
Mpox Outbreak: पवित्र सद्ग्रन्थों में वर्णन है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी साधक की आयु को भी बढ़ा सकते हैं और कोई भी रोग को नष्ट कर सकते हैं। यदि रोगी मृत्यु को भी प्राप्त हो चुका हो तब भी पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी उसे जीवनदान देते हैं तथा 100 वर्ष की सुखमयी आयु प्रदान करते हैं, परन्तु यह सब लाभ तभी सम्भव हैं जब वह मनुष्य सतभक्ति करने वाला हो।
वर्तमान समय में पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी स्वयं संत रामपाल जी महाराज जी के रुप में आये हुए हैं जिनके द्वारा दी गयी सतभक्ति से भक्त समाज को सर्व लाभ हो रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें SA True Story YouTube Channel।
FAQ About Mpox Outbreak
Q.1 मंकीपॉक्स (Mpox) का सबसे पहला मामला कहाँ सामने आया था?
Ans. डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन की एक प्रयोगशाला में सन् 1958 में।
Q.2 मंकीपॉक्स नामक बीमारी को डब्लूएचओ ने क्या नाम दिया है?
Ans. एमपॉक्स।
Q.3 इंसानों में मंकीपॉक्स वायरस (Mpox) से संक्रमण का सबसे पहला मामला कब और कहाँ दर्ज किया गया था?
Ans. सन् 1970 में कांगो गणराज्य में।