आज की दुनिया में हमारी ज्यादातर यादें, डॉक्यूमेंट्स और निजी पलों की तस्वीरें हमारे स्मार्टफोन की गैलरी में सुरक्षित रहती हैं।
1. डिजिटल युग और बढ़ती प्राइवेसी चिंता
आज की दुनिया में हमारी ज्यादातर यादें, डॉक्यूमेंट्स और निजी पलों की तस्वीरें हमारे स्मार्टफोन की गैलरी में सुरक्षित रहती हैं। लेकिन हाल ही में Meta (Facebook और Instagram) द्वारा लॉन्च किए गए Meta AI और Cloud Processing फीचर ने यूज़र्स की प्राइवेसी को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। अचानक आने वाले पॉपअप और गैलरी एक्सेस की मांग ने लोगों को असुविधा में डाल दिया है।
2. Meta AI क्या करता है?
Meta AI कंपनी का एक उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम है, जिसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को बेहतर और स्मार्ट सुविधाएँ प्रदान करना है। यह फोटो कोलाज, स्मार्ट फ़िल्टर, इवेंट रिकैप और AI-आधारित सुझाव तैयार करता है। करने के लिए यूज़र डेटा का विश्लेषण करता है। लेकिन इस सुविधा के लिए Meta को यूज़र की गैलरी तक गहरी पहुंच चाहिए।
3. “Cloud Processing” फीचर: सुविधा या जोखिम?
हाल ही में यूज़र्स को एक नया पॉपअप मिला जिसमें “Cloud Processing” फीचर को सक्षम करने के लिए कहा गया।
एक बार अनुमति देने पर:
- आपकी पूरी कैमरा रोल/गैलरी तक Meta को लगातार क्लाउड पर अपलोड और स्कैन करने की अनुमति मिल सकती है, अगर आप Cloud Processing ऑन करते हैं।
- Meta आपकी निजी फोटोज को स्कैन कर सकता है – चाहे वे कभी सोशल मीडिया पर पोस्ट न की गई हों।
- AI इन फोटोज से चेहरे, स्थान, वस्तुएँ और तारीखें पहचान सकता है।
कंपनी का दावा है कि इससे स्मार्ट क्रिएटिव टूल्स मिलेंगे, लेकिन इससे जुड़े जोखिम कहीं अधिक बड़े हैं।
4. संभावित खतरे: निजी डेटा पर नियंत्रण कौन रखता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, यह सुविधा गंभीर प्राइवेसी जोखिम पैदा कर सकती है:
- निजी फोटोज Meta के सर्वर पर पहुंच सकती हैं।
- एक बार अपलोड हो जाने पर डेटा पूरी तरह निजी नहीं रहता।
- भविष्य में AI ट्रेनिंग के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
- सरकारी एजेंसियाँ कानूनी प्रक्रिया के तहत इन डेटा तक पहुंच प्राप्त कर सकती हैं।
कई यूज़र इस सुविधा के वास्तविक निहितार्थ को समझ ही नहीं पाते।
5. Meta की सफाई और उपयोगकर्ताओं में भ्रम
Meta दावा करता है कि:
- यह फीचर “opt-in” है, यानी यूज़र चाहे तो बंद कर सकता है।
- निजी फोटोज को AI ट्रेनिंग के लिए “अभी तक” उपयोग नहीं किया जा रहा।
लेकिन समस्या यह है:
- प्राइवेसी पॉलिसी काफी अस्पष्ट है।
- Terms & Conditions में भविष्य में डेटा के उपयोग का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
- पहले भी Meta 2007 से सार्वजनिक फोटोज को AI ट्रेनिंग में उपयोग कर चुका है।
यूज़र्स के लिए यह समझना कठिन है कि उनका डेटा वास्तव में किस सीमा तक प्रयोग किया जा रहा है।
6. उपयोगकर्ता के पास कितना नियंत्रण है?
Meta का कहना है कि यूज़र्स यह सुविधा बंद कर सकते हैं। अगर इसे ऑफ कर दिया जाए तो कंपनी का दावा है कि 30 दिनों के भीतर क्लाउड से फोटोज हटा दी जाएंगी।
साथ ही, WhatsApp जैसी सेवाओं पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू है, जिससे निजी चैट सुरक्षित रहती है।
फिर भी, फोन गैलरी तक व्यापक पहुंच को लेकर चिंताएं बरकरार हैं।
7. अपनी प्राइवेसी कैसे सुरक्षित रखें?
यूज़र्स को कुछ सरल कदम अपनाने चाहिए:
- Facebook/Instagram सेटिंग्स में जाकर Cloud Processing फीचर को तुरंत ऑफ करें।
- ऐप्स को दी गई गैलरी एक्सेस परमिशन की समीक्षा करें।
- केवल वही तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड करें जिन्हें आप सार्वजनिक करना चाहते हैं।
- ऐप अपडेट के बाद आने वाले नए पॉप-अप्स को बिना पढ़े “Allow” न करें।
- नियमित रूप से प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करते रहें।
निष्कर्ष
Meta की नई AI और Cloud Processing सुविधाएँ तकनीकी रूप से आकर्षक जरूर हैं, लेकिन इनके साथ प्राइवेसी से जुड़े जोखिम भी उतने ही गंभीर हैं। जब आपकी निजी फोटोज तक किसी बड़ी टेक कंपनी की पहुंच बनने लगती है, तो यह सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि आपके डिजिटल अधिकारों से जुड़ा मामला बन जाता है।
यूज़र्स को जागरूक रहना होगा और अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए सही कदम उठाने होंगे।

