केंद्र सरकार ने हाल ही में “स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता नीति” को मंजूरी देने की घोषणा की। इसका केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने समर्थन किया। यह घोषणा कांग्रेस नेता और सामाजिक कार्यकर्ता जय ठाकुर द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान की गई। छात्राओं में मासिक धर्म स्वच्छता लाने के उद्देश्य से बनाई गई इस नीति को 10 अप्रैल 2023 में जारी किया गया था। न्यायालय के आदेश के बाद औपचारिक रूप से 2 नवंबर 2024 को मंजूरी दी गई।
स्कूली लड़कियों की मासिक धर्म स्वच्छता में सुधार पर संबंधित मुख्य बिंदु:
1 . मासिक धर्म स्वच्छता नीति का उद्देश्य मासिक धर्म के बारे में कम जागरूकता को दूर करना है, जो अक्सर स्कूली लड़कियों की गतिशीलता और दैनिक गतिविधियों में भागीदारी को बाधित करता है
2 . केंद्र सरकार का उद्देश्य सुरक्षित मासिक धर्म प्रथाओं और मासिक धर्म अपशिष्ट पर्यावरण के अनुकूल उपयोग को बढ़ावा देना है।
3 . सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रहे सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और आवासीय स्कूल में कक्षा छठवीं से 12वीं तक लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित करने की मांग की गई है।
4. न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्याय मूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने 12 अक्टूबर को मामले की सुनवाई की।
5 . केंद्र सरकार ने इससे पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि 97.5 फीसदी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था है।
6 . 10 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में लड़कों के लिए 16 लाख और लड़कियों के लिए 17.5 लाख शौचायलयों का निर्माण कराया गया।
7 . इसके अलावा सहायता प्राप्त सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए 2.5 लाख और छात्राओं के लिए 2.9 लाख शौचालयों का निर्माण कराया गया।
कक्षा 6 से 12 तक के छात्राओं को फ्री सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने की मांग की गई
सर्वोच्च न्यायालय कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर की जनहित याचिका पर सुनवाई में सरकार से कक्षा 6वीं से 12वीं तक की स्कूली छात्राओं को मुफ्त सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने की मांग की गई।
स्कूली छात्राओं के लिए अलग शौचालय बनाने की मांग की गई
सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और आवासीय विद्यालयों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की सुविधा सुनिश्चित करने की मांग की गई थी। इस नीति का उद्देश्य छात्राओं के दैनिक गतिविधियों में होने वाली बाधाओं को दूर करना है। साथ ही लड़कियों को मासिक धर्म से संबंधित जानकारी प्रदान करना है।
मासिक धर्म से संबंधित समाज में फैली संकीर्ण विचारों को समाप्त करना है
केंद्रीय सरकार ने कहा कि नीति का उद्देश्य हानिकारक सामाजिक मानदंडों को समाप्त करना और सुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देना है। इसके अलावा मासिक धर्म वेस्ट को पर्यावरण के अनुकूल और सक्षम बनाना है।
मासिक धर्म स्वच्छता योजना का उद्देश्य क्या है?
मासिक धर्म स्वच्छता योजना का उद्देश्य किशोरियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए सुविधाएं और जागरूकता प्रदान करना है। इसके तहत सस्ती दरों पर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाते हैं, स्वच्छता के महत्व पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, और स्कूलों, गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इस योजना का लक्ष्य महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याओं से बचाना और मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को समाप्त करना है।
मासिक धर्म स्वच्छता नीति से क्या लाभ है?
इस नए नियम का उद्देश्य मासिक धर्म के प्रति जागरूकता लाना है। अक्सर देखा जाता है कि स्कूली लड़कियों की गतिशीलता और भागीदारियों को प्रभावित करती है। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता की सुविधा प्राप्त करवाना है। जिससे लड़कियां सभी क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। अतिरिक्त मासिक धर्म वेस्ट को पर्यावरण के अनुकूल बढ़ावा देना है।
भारत में 97.5% स्कूली छात्राओं के लिए शौचालय की व्यवस्था है
केंद्र ने अदालत को पहले बताया था कि भारत में 97.5% स्कूल छात्राओं के लिए शौचालय की व्यवस्था की गई है। जिसमें दिल्ली गोवा पांडिचेरी जैसे राज्य इसका 100% अनुपालन करती है। अदालत को यह भी बताया कि 10 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में लड़कों के लिए 16 लाख और लड़कियों के लिए 17.5 लाख शौचायलयों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लड़कों के लिए 2.5 लाख और लड़कियों के लिए 2.9 लाख शौचालयों का निर्माण निर्माण किया गया है।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का बेटियों के जीवन उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी आध्यात्मिक ही नहीं सामाजिक सुधार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वह अपने आध्यात्मिक ज्ञान से लोगों के अंदर जागरूकता ला रहे हैं और समाज में बेटियों को एक उच्च स्थान दिलाने का कार्य कर रहे हैं। संत रामपाल जी के अनुसार बेटा बेटी में कोई अंतर नहीं करना चाहिए। दोनों की परवरिश समान रूप से करनी चाहिए। दोनों से बराबर प्रेम करना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयाई दहेज मुक्त विवाह करवाते हैं और पूरे विश्व को संदेश दे रहे हैं कि बेटी बोझ नहीं है और जिससे दहेज रूपी दानव का नाश हो रहा है।संत रामपाल जी के आध्यात्मिक ज्ञान से संबंधित अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक “जीने की राह” अवश्य पढ़ें।
मासिक धर्म स्वच्छता योजना FQA
1 . मासिक धर्म स्वच्छता योजना क्या है?
उत्तर : परंपरागत रूप से पुराने कपड़ों को रिसाइकल करके, घर पर ही सामग्री से डिस्पोजेबल पैड बनाकर, पैड के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें धोकर बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। अब ऐसा नहीं किया जाएगा।
2. महिलाओं के लिए स्वच्छता क्यों आवश्यक है?
उत्तर : स्वच्छता के बारे में सीखने से लड़कियां अपना ध्यान रखने में सशक्त होती हैं और मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों की उपलब्धता महिलाओं को उनके पूरे साथियों के समक्ष रखती है।
3. महिला स्वास्थ्य योजना क्या है?
उत्तर : महिला स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को नियमित रूप से निशुल्क स्वास्थ्य जांच की सुविधा दी जाती है। ताकि इससे समय पर बीमारियों का पता लगाया जा सके और उनका उचित इलाज हो सके।
4 . लड़कियों के लिए 2024 में कौन सी योजना चल रही है?
उत्तर : लड़कियों के लिए 2024 में समृद्धि सुकन्या योजना चल रही है।
5 . स्वच्छता का जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर : स्वच्छता जीवन में बहुत आवश्यक है, अगर मनुष्य स्वच्छता का हर रोज़ और हर समय पालन करता है, तो वह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से दूर रहता है।