भंडारा, महाराष्ट्र: 24 जनवरी 2025 की सुबह महाराष्ट्र के भंडारा जिले के जवाहर नगर स्थित आयुध निर्माण फैक्ट्री में हुए भयावह विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 अन्य घायल हो गए।
घटनास्थल पर मचा कोहराम
विस्फोट इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री की छत गिर गई, जिसके कारण कई मजदूर मलबे में दब गए। बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया, जिसमें मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया। दमकल और एंबुलेंस की टीमें भी तुरंत मौके पर पहुंच गईं।
जिला कलेक्टर संजय कोल्टे ने बताया कि हादसे के वक्त फैक्ट्री में 13 से 14 कर्मचारी काम कर रहे थे। बचाव दल ने 6 लोगों को मलबे से बाहर निकाला, लेकिन इनमें से एक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। घायल व्यक्तियों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि बाकी मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं।
5 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी धमाके की आवाज
इस विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसकी आवाज पांच किलोमीटर दूर तक सुनी गई। घटनास्थल से काले धुएं का गुबार उठता देखा गया, जिसने वहां मौजूद लोगों में डर और अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया।
रक्षा मंत्री और केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया
इस हृदयविदारक घटना पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों से पीड़ितों की आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखने का आह्वान किया।
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वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने शोकाकुल परिवारों को सांत्वना दी और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जा रही है।
रक्षा क्षेत्र में सुरक्षा पर सवाल
भंडारा की आयुध फैक्ट्री, रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ एक महत्वपूर्ण इकाई है, जहां हथियार और गोला-बारूद का निर्माण होता है। ऐसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण स्थान पर हुई इस घटना ने सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जांच जारी, न्याय की उम्मीद
घटना के कारणों की जांच की जा रही है। हालांकि शुरुआती रिपोर्टों में किसी तकनीकी खामी या मानवीय चूक की संभावना पर चर्चा की जा रही है, लेकिन आधिकारिक रूप से कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
देश में शोक का माहौल
इस हादसे ने पूरे देश को शोकाकुल कर दिया है। मजदूरों की मौत से उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित किया है।
जीवन की सुरक्षा और सही मार्ग का महत्व
भंडारा आयुध फैक्ट्री में हुआ यह हादसा हमें न केवल औद्योगिक सुरक्षा बल्कि जीवन की अस्थिरता पर भी सोचने के लिए मजबूर करता है। मलबे में दबे मजदूरों की त्रासदी इस तथ्य को रेखांकित करती है कि जीवन अस्थायी है और किसी भी क्षण समाप्त हो सकता है। लेकिन क्या हम अपने अस्तित्व का सही उद्देश्य समझते हैं?
सच्चा सुख और शांति केवल ईश्वर की भक्ति में है। “ज्ञान गंगा” और “जीने की राह” जैसे ग्रंथ, संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित, हमें जीवन के वास्तविक उद्देश्य, सही पूजा पद्धति, और जीवन के मूल्यों को समझने की राह दिखाते हैं।