जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार रात हुए आतंकी हमले में छः निर्माण मजदूर के साथ-साथ एक डॉक्टर की मौत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक सभी मजदूर एक प्राइवेट कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी, एपीसीओ इंफ्राटेक में कार्यरत थे और एक सुरंग निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे। जब शाम के वक्त सभी मजदूर कैंप में खाना खा रहे थे, तब अचानक लाइट बंद हुई। उसके बाद आतंकियों ने कैंप पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस वजह से दो मजदूरों की मौके पर मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक फायरिंग करने वाले आतंकियों की संख्या दो थी, ऐसा अनुमान है।
खबरों के मुताबिक पीड़ितों की पहचान कश्मीर के बडगाम निवासी उम्र 52 डॉक्टर शाहनवाज, पंजाब के गुरदासपुर निवासी गुरमीत सिंह, बिहार निवासी मोहम्मद हनीफ, सेफ्टी मैनेजर फहीम नासिर और कलीम,मध्य प्रदेश निवासी मैकेनिकल मैनेजर अनिल कुमार शुक्ला और जम्मू निवासी डिजाइनर शशि अग्रवाल के रूप में हुई है। हमले में घायल हुए अन्य पांच लोगों का श्रीनगर के एस के आई एम एस अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस मामले की जिम्मेदारी ‘ द रजिस्ट्रेट फ्रंट’ (टी आर एफ) ने ली है।
शादी की खुशियों में बाद छाया पिता की मौत का मातम
बताया जा रहा है कि सिर्फ दो हफ्ते पहले ही 52 वर्षीय डॉक्टर शाहनवाज के घर में खुशियों का माहौल था। जब सैकड़ो व्यक्ति उनकी बेटी के शादी का जश्न मनाने के लिए एकत्रित हुए थे। लेकिन सोमवार को जैसे किसी की नजर लग गई, खुशियां गम में बदल गई।
आतंकी हमले का शिकार हुए डॉक्टर को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग जुड़ गए थे। डॉक्टर के पड़ोसी अली मोहम्मद ने कहा, “यह आसमान से बिजली गिरने जैसा है। परिवार अभी भी शादी का जश्न मना रहा था और अब यह खबर आ गई”। डॉक्टर की बहनों ने कहा कि,” मां बाप के जल्दी गुजर जाने के वजह से उन्होंने ही हमारी परवरिश की, उन्होंने कहा वह हमारे माता और पिता दोनों थे। आज हम अनाथ हो गए”
चकनाचूर हुए बेटे के सपने, प्रशासन से लगाई सहायता की बुहार
डॉक्टर शाहनवाज डार के बेटे ने सोमवार को पिता के निधन का शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पिता की मौत के साथ-साथ मेरे आई ए एस अधिकारी बनने का सपना भी मर गया। उन्होंने कहा कि अब अपने परिवार की देखभाल की जिम्मेदारी उन पर है और उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वह उनके सपने को पूरा करने में उनकी मदद करें।
गांव में ए एन आई से बात करते हुए मोहसिन शाहनवाज डार ने कहा मेरे पिता डॉ शहनवाज डार इस क्षेत्र में एक ईमानदार और सम्माननीय व्यक्ति थे। मेरे पिता चाहते थे कि मैं डॉक्टर बनूं लेकिन मैं एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहता था। मेरे दादा एक पुलिस इंस्पेक्टर थे और उन्हें मुझ पर भरोसा था कि मैं एक आईएएस ऑफिसर बनूंगा । मेरे पिताजी ने भी मुझे आईएएस बनाने का प्रण लिया था। अब मैं प्रशासन से मेरा सपना पूरा करने में मेरी मदद करने का आग्रह करता हूं।
गुस्साए पीड़ितों ने की आतंकवादियों को ख़त्म करने की मांग
गगनगीर आतंकी हमले की रात पीड़ितों में से एक जम्मू के शशि भूषण अब्रोल के भाई ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए जिम्मेदार आतंकियों को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा, ”उनके दो बच्चे हैं और वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला था”।
पाकिस्तान को फारूक अब्दुल्ला की चेतावनी
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने हमले की कड़ी निंदा की और इसका दोष सीधे पाकिस्तान पर मढ़ा। अब्दुल्ला ने कहा, “ यह हमारा बहुत दुर्भाग्य था। गरीब मजदूर और डॉक्टर को मारकर आतंकियों को क्या मिला? क्या उन्हें लगता है कि वह यहां पाकिस्तान बना पाएंगे? हम इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम दुख से आगे बढ़ सकें।
मैं पाकिस्तान को बता देना चाहता हूं कि अगर वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते है तो उन्हें इसे खत्म करना पड़ेगा । कश्मीर पाकिस्तान नहीं बनेगा। अगर वह 75 साल तक पाकिस्तान नहीं बना पाए तो अब कैसे संभव होगा? आतंकवाद को खत्म करने का समय आ गया है अन्यथा परिणाम बहुत गंभीर होगा । अगर वह हमारे निर्दोष लोगों को मार देंगे तो बातचीत कैसे होगी”?
शास्त्रोक्त भक्ति से होगा आतंकवाद का समूल नाश
शास्त्र अनुसार भक्ति करने से अविद्या विद्या में बदल जाती है, अज्ञानी जानी बन जाता है। फिर वह ज्ञानी व्यक्ति कभी किसी का अहित नहीं कर सकता। इसलिए हमें अपने शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए ताकि हम सही मार्ग पर चलते रहे। जिससे एक दिन हमारा परमात्मा से मिलन संभव हो सके।।