SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » ISRO पूर्व प्रमुख बोले: हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकना आसान नहीं

Science

ISRO पूर्व प्रमुख बोले: हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकना आसान नहीं

SA News
Last updated: June 15, 2025 2:24 pm
SA News
Share
ISRO पूर्व प्रमुख बोले हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकना आसान नहीं
SHARE

बीते वर्षों में युद्ध का स्वरूप तेजी से बदला है, हवाई हमलों और साइबर हथियारों ने युद्ध की दिशा ही बदल दी है। भारत-पाकिस्तान संघर्षों में ड्रोन और मिसाइलों ने अहम भूमिका निभाई है। इसी संदर्भ में ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा है कि भारत की मौजूदा अंतरिक्ष रक्षा प्रणाली हाइपरसोनिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी: “सैकड़ों सैटेलाइट के बिना सेना को अंधेरे में काम करना पड़ सकता है।”

Contents
भारत को चाहिए सैकड़ों सैटेलाइट से जुड़े मुख्य बिंदु:पूर्व ISRO प्रमुख ने क्या कहा:हाइपरसोनिक मिसाइल को इंटरसेप्ट करना क्यों मुश्किल है?भारत को कैसी सैटेलाइट टेक्नोलॉजी चाहिए?FAQs: Defence System of India

भारत को चाहिए सैकड़ों सैटेलाइट से जुड़े मुख्य बिंदु:

  • “मुट्ठी भर उपग्रह पर्याप्त नहीं हैं” – डॉ. एस. सोमनाथ
  • अमेरिका हाइपरसोनिक खतरे से निपटने के लिए 500-सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन पर काम कर रहा है।
  • भारत को भी वाणिज्यिक या विदेशी सैटेलाइट पर निर्भरता छोड़नी चाहिए।
  • सतत निगरानी के लिए सैकड़ों उपग्रहों की तैनाती आवश्यक है।

पूर्व ISRO प्रमुख ने क्या कहा:

डॉ. सोमनाथ, जिन्होंने 2022 से 2025 तक ISRO प्रमुख, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और सचिव के रूप में कार्य किया, वर्तमान में विक्रम साराभाई प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं। हाल ही में ‘From Code to Culture’ पॉडकास्ट में उन्होंने कहा कि हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकने के लिए भारत को सैकड़ों उपग्रहों की जरूरत है।

“अब युद्ध बदल चुका है”

सोमनाथ ने कहा कि अब युद्ध मैदानों से अधिक अंतरिक्ष और टेक्नोलॉजी पर निर्भर है। रूस-यूक्रेन युद्ध इसका उदाहरण है, जहां ड्रोन ने कई एयरबेस नष्ट कर दिए।

भारत को अपनी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशी सैटेलाइट्स की निर्भरता से बाहर आना होगा। उसे खुद के लॉन्च किए गए सैकड़ों उन्नत उपग्रहों और स्मार्ट AI आधारित विश्लेषण प्रणालियों की जरूरत है ताकि युद्ध पूर्व सटीक आकलन और प्रतिक्रिया संभव हो सके।

हाइपरसोनिक मिसाइल को इंटरसेप्ट करना क्यों मुश्किल है?

“हाइपरसोनिक मिसाइलें इतनी तेज़ होती हैं कि पारंपरिक तकनीकों से उन्हें ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है। हमें ऐसे निगरानी उपकरण चाहिए जो दूसरे देशों की गतिविधियों को भी समय रहते पकड़ सकें,” उन्होंने कहा।

भारत को कैसी सैटेलाइट टेक्नोलॉजी चाहिए?

  • ऑप्टिकल
  • नाइट विजन
  • थर्मल इमेजिंग
  • रडार इमेजिंग
  • मल्टीस्पेक्ट्रल और हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग
  • AI आधारित विश्लेषण और रीयल-टाइम कमांड सपोर्ट

FAQs: Defence System of India

1. हाइपरसोनिक मिसाइल क्या होती है?

हाइपरसोनिक मिसाइलें आवाज़ की गति से कई गुना तेज़ चलती हैं, जिन्हें ट्रैक करना और इंटरसेप्ट करना अत्यंत कठिन होता है।

2. डॉ. सोमनाथ ने क्या चेतावनी दी है?

उन्होंने कहा कि भारत को सैकड़ों उन्नत सैटेलाइट्स की ज़रूरत है। मौजूदा प्रणाली हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकने में अक्षम है।

3. क्या भारत को विदेशी सैटेलाइट पर निर्भर रहना चाहिए?

नहीं। आत्मनिर्भर रक्षा तंत्र के लिए भारत को अपनी सैटेलाइट प्रणाली विकसित करनी चाहिए।

4. भारत को किस तरह के सैटेलाइट्स की आवश्यकता है?

थर्मल, रडार, मल्टीस्पेक्ट्रल, हाइपरस्पेक्ट्रल और AI आधारित निगरानी वाले सैटेलाइट्स।

5. क्या अन्य देश भी ऐसी प्रणाली विकसित कर रहे हैं?

हाँ। अमेरिका 500-सैटेलाइट्स के साथ एक निगरानी प्रणाली बना रहा है जो हाइपरसोनिक मिसाइल हमलों का पता लगा सके।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article भविष्यवक्ताओं की चेतावनी तीसरे विश्व युद्ध की आहट और एक महान संत का उदय भविष्यवक्ताओं की चेतावनी: तीसरे विश्व युद्ध की आहट और एक महान संत का उदय
Next Article Israel-Iran Conflict Escalates A Closer Look at the Deep-Rooted Rivalry Fueling Tensions in the Middle East Israel-Iran Conflict Escalates: A Closer Look at the Deep-Rooted Rivalry Fueling Tensions in the Middle East
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

The History of the Russian Empire: Rise, Expansion, and Collapse

The Russian Empire was one of the most formidable and expansive powers in world history,…

By SA News

Odisha: पुरी से बालासोर तक ओडिशा का सफरनामा

ओडिशा राज्य में DRDO ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। ध्वनि की गति…

By SA News

गुजरात हाईकोर्ट ने पत्रकार महेश लांगा को जीएसटी धोखाधड़ी मामले में दी जमानत

अहमदाबाद, 10 जनवरी: गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को पत्रकार महेश लांगा को जीएसटी धोखाधड़ी और…

By SA News

You Might Also Like

India Becomes 4th Nation to Master Satellite Docking Technology
Science

India Becomes 4th Nation to Master Satellite Docking Technology

By SA News
the Astonishing Secrets of China From Ancient Dynasties to Today's Global Powerhouse!
Science

Sunita Williams and Butch Wilmore to Return to Earth After Long Stay in Space

By SA News
ओजोन परत और हमारा भविष्य विश्व ओजोन दिवस 2024 पर जानें इसके महत्व
Science

ओजोन परत और हमारा भविष्य: विश्व ओजोन दिवस 2024 पर जानें इसके महत्व

By SA News
How AI is changing the Healthcare Landscape 
Science

How AI is changing the Healthcare Landscape 

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2024 | All rights reserved.