चन्द्रयान 3 के बाद भारत का पहला सूर्य (सोलर) मिशन आदित्य एल 1 अब भारत ही नहीं अपितु दुनिया के लिए एक सफल रक्षक साबित होगा। आदित्य एल 1 सौरमंडल में सूर्य से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करायेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि सूर्य से उठने वाला आग का गोला केवल 15 घंटे में धरती को खत्म कर सकता है।
श्रीहरिकोटा से लाॅच किया गया पहला सूर्य मिशन
सूर्य मिशन एक अंतरीक्ष मिशन हैं। भारत का पहला सूर्य मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2 सितंबर 2023 को श्रीहरिकोटा से लाॅच किया गया था।
जिसकी अंतरीक्ष में सफल लैंडिंग लगभग पांच महीने बाद 6 जनवरी 2024 में हुईं थीं। आदित्य एल 1 ने सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित एक विशेष स्थल L1 पाॅइंट पर लैंड कि थीं। आदित्य एल 1 का महत्वपूर्ण उद्देश्य सौरमंडल कि सम्पूर्ण गतिविधियों कि जानकारी देना साथ ही सूर्य से उठने वाले तुफानों और ज्वालाओं (कोरोनल मास इजेक्शन) के बारे में पता लगाना है ताकि समय से पूर्व इससे होने वाले ख़तरे से पृथ्वी को बचाने के उपाय लगाएं जा सकें। जो भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए संकट मोचक साबित होगा।
सूर्यमंडल कि जानकारी प्राप्त करने में आदित्य एल 1 कि होगी मुख्य भुमिका
आदित्य एल 1 भारत में चन्द्रयान 3 के बाद एक महत्वपूर्ण और सफल मिशन है। बता दें कि आदित्य एल 1 को इस तरह से तैयार किया गया है कि वह सूर्य से आने वाली सभी गतिविधियों पर आगे पांच साल तब नज़र रख सकता हैं । इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि आदित्य एल 1 सूर्य से आने वाले सभी गतिविधियों कि जानकारी अब पहले ही दे देगा। आदित्य एल 1 पर डेटा कलेक्शन के लिए सात उपकरण लगाए हैं जो सूर्य से मिलने वाली जानकारी को धरती पर पहुंचाता है। सूर्य कि बाहरी आवरण अर्थात कोरोना से निकलने वाले आवेशित कणों के कारण हुए विस्फोट को सौर तूफान कहते हैं। इसका अध्ययन सोलर मिशन का मुख्य उद्देश्य है। विजिबल एमिशन लाइन इजेक्शन कोरोनोग्राफ नामक यंत्र आदित्य एल 1 में लगाया गया है जो कोरोनल मास इजेक्शन का सही समय बता देता है।
जिससे सूर्य से आने वाले गोलों के समय का पता लगाकर पृथ्वी को आने वाले संकट से बचाने के लिए उपाय सुझाए जा सकें।
पृथ्वी के लिए घातक हो सकता है सूर्य से उठने वाला गोला
सूर्य से लगातार उठने वाला आग का गोला पृथ्वी कि इंफ्रास्ट्रक्चर और उपग्रहों का भारी मात्रा में हानि पहुंचा सकता हैं। आदित्य एल 1 के अनुसार सूर्य से उठने वाला आग गोला केवल 15 घंटे में धरती पर पहुंच कर उसे नुकसान पहुंचा सकता है। सूर्य से ये गोले पृथ्वी की तरफ 3 हजार प्रति किलोमीटर कि गति से बढ़ते हैं। यह आग का गोला पृथ्वी की ओर ही पैदा हुआ था लेकिन कुछ कारणों से यह पीछे चला गया जिनसे पृथ्वी को कोई नुक़सान नहीं हुआ।
वैसे तो लगातार सौरमंडल में सूर्य से काफी आग के गोले निकलते रहते हैं लेकिन कुछ ही ऐसे गोले हैं जो पृथ्वी तक पहुंच कर उसे नुकसान पहुंचाते हैं । इन आग के गोलों से पहले भी कई बार धरती को त्रासदी का सामना करना पड़ा था लेकिन अब भारत द्वारा लाॅच आदित्य एल 1 अपनी कुशलता से सूर्य से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी जैसे आग के गोलों का उठना, उसकी स्थिति, दिशा और सूर्य से पृथ्वी पर आने वाले प्रभावों कि जानकारी पहले से दे देगा जिससे होने वाली समस्या का पता चल सके और उसका जल्द समाधान कर पृथ्वी को बचाया जा सके।