SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन ‘नमो ग्रीन’ तैयार: जींद से सोनीपत तक 110 किमी/घंटा की रफ्तार, दुनिया की सबसे ताकतवर ग्रीन रेल का आगाज़

National

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन ‘नमो ग्रीन’ तैयार: जींद से सोनीपत तक 110 किमी/घंटा की रफ्तार, दुनिया की सबसे ताकतवर ग्रीन रेल का आगाज़

SA News
Last updated: August 14, 2025 4:04 pm
SA News
Share
indias-first-hydrogen-train
SHARE

भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने रेल परिवहन के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए अपनी पहली हाइड्रोजन संचालित (hydrogen-powered) ट्रेन ‘नमो ग्रीन’ को पेश किया है। यह ट्रेन न केवल देश में बल्कि दुनिया की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन होने का दावा करती है। भारतीय रेलवे का लक्ष्य है कि साल के अंत तक यह अत्याधुनिक (advanced) ट्रेन जींद–सोनीपत रूट पर पटरियों पर दौड़ना शुरू कर दे।

Contents
‘नमो ग्रीन’ भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदमरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान: भारत बनेगा हाइड्रोजन ट्रेन टेक्नॉलजी में लीडरजींद–सोनीपत रूट पर होगी पहली सर्विसनमो ग्रीन: दुनिया की सबसे ताकतवर हाइड्रोजन ट्रेननमो ग्रीन: पर्यावरण के लिए वरदान नमो ग्रीन: लागत और निवेशनमो ग्रीन: तकनीकी विशेषताएं और सुविधाएंनमो ग्रीन: ग्रीन रेल क्रांति की ओर ले जाएगा यह कदमनिष्कर्ष: भारत के हरित रेल भविष्य की ओर मजबूत कदमआध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में क्रांतिकारी बदलाव, संत रामपाल जी महाराज की अमृत वाणीFAQs – भारत की पहली हाइड्रोजन चालित रेल कोच

‘नमो ग्रीन’ भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम

हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory) में हुआ है। यह पहल भारतीय रेलवे के ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत आने वाले समय में 35 हाइड्रोजन ट्रेनों को विभिन्न मार्गों पर उतारने का लक्ष्य है। यह ट्रेन 1,200 हॉर्सपावर की इंजन क्षमता और 110 किमी/घंटा की अधिकतम गति के साथ सुसज्जित है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान: भारत बनेगा हाइड्रोजन ट्रेन टेक्नॉलजी में लीडर

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने ‘नमो ग्रीन’ को भारतीय रेलवे के इतिहास का गौरवपूर्ण क्षण बताया। अपने आधिकारिक सोशल मीडिया (X) पोस्ट में उन्होंने लिखा 

“First Hydrogen powered coach (Driving Power Car) successfully tested at ICF, Chennai. 

India is developing 1,200 HP Hydrogen trains. This will place India among the leaders in Hydrogen powered train technology.”

उन्होंने कहा कि यह ट्रेन भारत को स्वच्छ ऊर्जा आधारित परिवहन में अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल करेगी।

Bharat's First Hydrogen Train! 🇮🇳
Coming soon… pic.twitter.com/Mtq72zd1Dd

— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 12, 2025

जींद–सोनीपत रूट पर होगी पहली सर्विस

पहले चरण में ‘नमो ग्रीन’ ट्रेन को हरियाणा के जींद से सोनीपत रूट पर चलाया जाएगा, जिसकी लंबाई लगभग 89 किलोमीटर है। यह मार्ग हाइड्रोजन ट्रेन के संचालन (operation) और ईंधन भरने की सुविधाओं के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। रेलवे का दावा है कि यह मार्ग तकनीकी दृष्टि से इस परियोजना के लिए सर्वश्रेष्ठ है।

नमो ग्रीन: दुनिया की सबसे ताकतवर हाइड्रोजन ट्रेन

वैश्विक स्तर (global level) पर जर्मनी, फ्रांस और चीन जैसे देशों में हाइड्रोजन ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन ‘नमो ग्रीन’ की इंजन क्षमता और यात्री क्षमता (passenger capacity) इसे सबसे शक्तिशाली बनाती है। इस ट्रेन में एक समय में करीब 2,638 यात्री सफर कर सकते हैं, जो अन्य देशों की हाइड्रोजन ट्रेनों से कहीं अधिक है।

नमो ग्रीन: पर्यावरण के लिए वरदान 

हाइड्रोजन ट्रेन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके संचालन से केवल जलवाष्प (water vapor) निकलता है और कोई कार्बन डाइऑक्साइड (carbon dioxide) उत्सर्जन नहीं होता। यह ट्रेन डीजल ट्रेनों की तुलना में अधिक शांत और ऊर्जा-कुशल (energy efficient) है, जिससे यह पर्यावरण संरक्षण (environment conservation) में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

नमो ग्रीन: लागत और निवेश

इस हाइड्रोजन ट्रेन के निर्माण पर लगभग ₹80 करोड़ का खर्च आया है। हालाँकि, यह समझना आवश्यक है कि यह संपूर्ण परियोजना केवल ट्रेन के निर्माण लागत तक सीमित नहीं है। भारतीय रेल ज़मीनी ढाँचे (infrastructure) पर भी निवेश कर रही है, जिसमें हाइड्रोजन भंडारण (hydrogen storage)  और पुनः ईंधन भरने (refueling facilities) की सुविधाएँ शामिल हैं। प्रति मार्ग इन सुविधाओं की अनुमानित लागत लगभग 70 करोड़ रुपये आँकी गई है। इसके साथ ही, मौजूदा डीज़ल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) ट्रेनों में हाइड्रोजन फ्यूल सेल लगाने तथा संबद्ध अवसंरचना (retrofitting) विकसित करने के लिए एक पायलट परियोजना 111.83 करोड़ रुपये की लागत पर स्वीकृत की गई है। यह पायलट परियोजना विशेष रूप से जिंद–सोनीपत खंड के लिए तैयार की गई है।

नमो ग्रीन: तकनीकी विशेषताएं और सुविधाएं

‘नमो ग्रीन’ ट्रेन में अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं दी गई हैं, जिनमें आरामदायक सीटिंग, आधुनिक प्रकाश व्यवस्था (lighting system), डिजिटल सूचना स्क्रीन (digital information screens) और बेहतर सुरक्षा प्रणाली (security system) शामिल हैं। साथ ही, ट्रेन का डिजाइन वायुगतिकीय (aerodynamic) है, जो रफ्तार और ईंधन दक्षता (fuel efficiency) दोनों को बढ़ाता है।

नमो ग्रीन: ग्रीन रेल क्रांति की ओर ले जाएगा यह कदम

भारतीय रेलवे का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में अधिकतम लंबी दूरी और पहाड़ी मार्गों (Hilly Routes) पर भी हाइड्रोजन ट्रेनों का संचालन हो। यह न केवल ईंधन आयात पर निर्भरता घटाएगा, बल्कि भारत को सतत परिवहन (Sustainable Transport) के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व भी दिलाएगा।

निष्कर्ष: भारत के हरित रेल भविष्य की ओर मजबूत कदम

‘नमो ग्रीन’ हाइड्रोजन ट्रेन का शुभारंभ भारत की रेल तकनीक और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह न केवल प्रदूषण मुक्त और ऊर्जा-कुशल परिवहन उपलब्ध कराएगी, बल्कि भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल करेगी जो हाइड्रोजन ट्रेन तकनीक में अग्रणी हैं। जींद–सोनीपत मार्ग से शुरुआत करते हुए यह पहल आने वाले वर्षों में पूरे देश में हरित रेल नेटवर्क के विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगी और पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान देगी।

आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में क्रांतिकारी बदलाव, संत रामपाल जी महाराज की अमृत वाणी

संत रामपाल जी महाराज जी अपने सत्संग में स्पष्ट करते हैं कि हर धर्म के मूल ग्रंथों में सच्ची भक्ति का उल्लेख है, लेकिन समय के साथ गलत व्याख्या और अंधविश्वास ने इसे ढक दिया है। वे बताते हैं कि परमात्मा एक है और उसका वास्तविक नाम हमारे पवित्र धर्मग्रंथों में छिपा हुआ है। वर्तमान समय में तत्वदर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज हैं, जो प्रमाण सहित भक्ति का सही तरीका बताते हैं। उनसे नाम-दीक्षा लेने पर जीव जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है। उनके मार्गदर्शन से करोड़ों लोग नशा, पाखंड और हिंसा छोड़कर शांतिपूर्ण, सुखी और धर्मपरायण जीवन जी रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट jagatgururampalji.org पर जाएं।

FAQs – भारत की पहली हाइड्रोजन चालित रेल कोच

1. भारत की पहली हाइड्रोजन रेल कोच का परीक्षण कहाँ किया गया?

यह परीक्षण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया, जहाँ ड्राइविंग पावर कार को सफलतापूर्वक परखा गया।

2. हाइड्रोजन रेल कोच के परीक्षण की घोषणा किसने की?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो और संदेश साझा करके की।

3. इस परियोजना का नाम क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

इसका नाम “Hydrogen for Heritage” परियोजना है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल, प्रदूषण-रहित और ऊर्जा-कुशल रेल परिवहन को बढ़ावा देना है।

4. एक हाइड्रोजन ट्रेन बनाने और रूट तैयार करने की लागत कितनी है?

एक हाइड्रोजन ट्रेन के निर्माण में लगभग ₹80 करोड़ का खर्च आता है, जबकि रूट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में करीब ₹70 करोड़ का अनुमानित खर्च है।

5. हाइड्रोजन चालित रेल से पर्यावरण को क्या लाभ होगा?

यह ट्रेन डीज़ल या बिजली की जगह हाइड्रोजन गैस से चलती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन शून्य होगा और प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article RSSB Rajasthan Patwari Admit Card 2025 Released Check Details & Download Link RSSB Rajasthan Patwari Admit Card 2025 Released: Check Details & Download Link
Next Article Natural Remedies for Arthritis — But Are They Enough Natural Remedies for Arthritis: Is There a Cure That Actually Works?
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

The 2024 Nobel Prize in Physiology or Medicine: A Groundbreaking Discovery

In 2024, the Nobel Prize in Physiology or Medicine was awarded to Victor Ambros and…

By SA News

CAT 2024 Registration Extended: Seize the Opportunity by September 20

CAT 2024 Registration Extended: In a major update for aspiring management students, the deadline for…

By SA News

Effective Tips for Radiant Skin: Natural and Spiritual Approaches

Effective Tips for Radiant Skin: Strong, glowing skin is generally a reflection of overall wellness.…

By SA News

You Might Also Like

अन्नदाता किसानों के संघर्ष की कहानी, उन्हीं की जुबानी
National

अन्नदाता किसानों के संघर्ष की कहानी, उन्हीं की जुबानी

By SA News
भारत के DGMO ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब, प्रेस ब्रीफिंग की 5 खास बातें
National

भारत के DGMO ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब, प्रेस ब्रीफिंग की 5 खास बातें

By SA News
Delhi Air Pollution: ‘Severe’ or ‘very poor’ - What's AQI ? 
WeatherNational

Delhi Air Pollution: ‘Severe’ or ‘very poor’ – What’s AQI ? 

By SA News
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का पाकिस्तान पर जोरदार पलटवार
National

ऑपरेशन सिंदूर: भारत का पाकिस्तान पर जोरदार पलटवार

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2024 | All rights reserved.