बदलते मौसम में इम्यूनिटी (रोग-प्रतिरोधक क्षमता) घटने के निम्न कारण हैं –
- आर्द्रता में कमी
तापमान परिवर्तन के कारण वायु में आर्द्रता कम हो जाती है, जिससे हमारी आँखें, नाक व फेफड़ों की परतें सूख सकती हैं, और संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
- संक्रमण का प्रसार
ठंड के मौसम में वायरस अधिक समय तक जीवित रहते हैं, जिससे शरीर के अंदर उनके फैलने की क्षमता बढ़ जाती है। ऐसे समय में संक्रमण के फैलने की आशंका भी बढ़ जाती है।
- एलर्जी का फैलाव
वायु में आर्द्रता की कमी से एलर्जी पैदा करने वाले कण जैसे धूल, फफुंद व पराग कण अधिक सक्रिय हो जाते हैं। नतीजतन एलर्जी व श्वसन संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
- शारीरिक ताप में परिवर्तन
तापमान बदलने से शारीरिक ताप में भी परिवर्तन आ सकता है, जिससे इम्यून सिस्टम पर दबाव पड़ता है और शरीर वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता।
इम्यून सिस्टम क्या है? यह कैसे काम करती है?
आमतौर पर इम्यूनिटी कोशिकाओं, ऊत्तकों व अंगों का एक जटिल तंत्र है, जो संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। यह बाहरी व आंतरिक संक्रमणों जैसे वायरस, बैक्टिरिया और अन्य रोगाणुओं से भी बचाती है। यह रक्षा पंक्ति के रूप में त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली शरीर में किटाणुओं के प्रवेश को रोकती है। अगर किसी तरह किटाणु शरीर में प्रवेश करते हैं, तो अस्थि मज्जा में बनने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएँ सक्रिय हो जाती है। जिसके बाद कुछ श्वेत रक्त कोशिकाएँ पहले देखे गए किटाणुओं की पहचान कर सीधे उन्हें नष्ट कर देती है और कुछ श्वेत रक्त कोशिकाएँ एंटीबाॅडी नामक प्रोटीन का निर्माण करती है, जो किटाणुओं को बेअसर करने तथा नष्ट करने में सहायता करती है।
आयुर्वेद के अनुसार प्राकृतिक तरीके से इम्यूनिटी कैसे बढ़ाए?
आयुर्वेद में शरीर की प्राकृतिक रोग-प्रतिरोधक शक्ति “ओज” या “बल” को माना गया है। इसका सीधा संबंध आहार दिनचर्या और मनोदशा से जुड़ा है। एक संतुलित दिनचर्या, पौष्टिक आहार और सकारात्मक मनोदशा ओज को बढ़ा देते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जबकि इसके असंतुलन से ओज कम हो जाता है।
हर मौसम में फायदेमंद 5 घरेलू नुस्खे
- हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और सूजन कम करता है। इसके उपयोग में आप रात को सोने से पहले एक कप गर्म दूध में ½ चम्मच हल्दी मिलाकर पी सकते हैं।
- गिलोय और तुलसी का काढ़ा
गिलोय और तुलसी का काढ़ा सर्दी, खांसी और बुखार में राहत देता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके उपयोग में आप इसे दिन में 2 बार गर्म पीकर कर सकते हैं।
- नींबू-शहद का सेवन
नींबू-शहद का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाता है और पाचन सुधारता है। इसका उपयोग आप सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में मिलाकर कर सकते हैं।
- लहसुन और अदरक की चाय
लहसुन और अदरक की चाय सर्दी-खांसी, गले की खराश में आराम देती है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। इसका उपयोग आप दिन में 1–2 बार लहसुन और अदरक को चाय में उबालकर पी सकते हैं।
- आँवला या त्रिफला का प्रयोग
आँवला या त्रिफला का प्रयोग इम्यूनिटी बढ़ाने, कब्ज दूर करने और पाचन सुधारने के लिए किया जाता है।
इसका उपयोग आप दिन में 1 बार गर्म पानी या दूध में 1 चम्मच पाउडर को मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
विशेष सुझाव बच्चों और बुज़ुर्गों की इम्यूनिटी के लिए
बच्चों और बुज़ुर्गों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्के, प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय इस प्रकार हैं।
बच्चों के लिए
- आँवला या त्रिफला जूस (हल्का, पानी या दूध में मिलाकर) – पाचन और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए।
- ताज़ी फल और सब्ज़ियाँ – संतरे, मौसंबी, गाजर, पालक।
- दही या छाछ – अच्छे बैक्टीरिया से पेट स्वस्थ रहता है।
- पर्याप्त नींद और खेल-कूद – शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा मजबूत होती है।
बुज़ुर्गों के लिए
- हल्का और पौष्टिक भोजन – दलिया, सूप, हरी सब्ज़ियाँ।
- हल्दी वाला दूध या हल्दी पानी – सूजन कम और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद।
- आँवला या त्रिफला पाउडर – सुबह खाली पेट ½–1 चम्मच, पानी या गर्म दूध में।
- हल्की एक्सरसाइज और योग – शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
निष्कर्ष : इम्यूनिटी जीवनशैली का एक हिस्सा
इम्यूनिटी वह प्राकृतिक क्षमता है जो हमारे शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाती है। इसकी शक्ति को बनाए रखने के लिए नियमितता, सादगी और संतुलन अत्यंत आवश्यक हैं।
- नियमितता – नियमित दिनचर्या हार्मोन और एंटीबॉडी को संतुलित रखकर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
- सादगी – सादा और प्राकृतिक जीवनशैली इम्यूनिटी को स्वाभाविक रूप से मजबूत बनाती है।
- संतुलन – संतुलित आहार, व्यायाम और विश्राम इम्यून सिस्टम को स्थिर रखते हैं और रोगों से रक्षा करते हैं।
इन तीनों गुणों का सामंजस्य शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और हमें स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर करता है।

