लंदन में आयोजित विश्व की सबसे प्रसिद्ध टेनिस प्रतियोगिता विंबलडन में पोलैंड की इगा स्वियाटेक ने अमेरिका की अमांडा अनीसिमोवा को सिर्फ 57 मिनट में 6-0, 6-0 से हराकर एक नया इतिहास बनाया। यह जीत न केवल स्कोर के लिहाज से एकतरफा थी, बल्कि टेनिस इतिहास में एक दुर्लभ उपलब्धि भी थी। मैच के बाद इगा ने भावुक होकर कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं फाइनल खेल पाऊंगी। मुझे लगा था कि मैंने कोर्ट पर सब कुछ अनुभव कर लिया है, लेकिन मैंने ग्रास पर अच्छा खेलना अनुभव नहीं किया था, इसलिए यह पहली बार है।”
विंबलडन प्रतियोगिता का गौरवशाली इतिहास
विंबलडन दुनिया का सबसे पुराना और प्रसिद्ध टेनिस टूर्नामेंट है, जिसकी शुरुआत 9 जुलाई 1877 को ‘ऑल इंग्लैंड क्लब’, लंदन में हुई थी।यह टूर्नामेंट आज भी पारंपरिक घास के कोर्ट पर खेला जाता है, जो इसे अन्य ग्रैंड स्लैम से अलग बनाता है। 1884 में महिला एकल स्पर्धा को इसमें शामिल किया गया था।
वर्ष में चार ग्रैंड स्लैम होते हैं—ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, यूएस ओपन और विंबलडन। इनमें से विंबलडन ही एकमात्र टूर्नामेंट है जो ग्रास कोर्ट पर खेला जाता है, जिससे इसकी चुनौती और प्रतिष्ठा दोनों बढ़ जाती हैं।
इगा स्वियाटेक ने रचा नया इतिहास
इगा की यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक रही। 1911 में डोरोथिया लैम्बर्ट चेम्बर्स ने डोरा बूथबी को लगातार दो सेटों में 6-0, 6-0 से हराया था। उसके बाद पहली बार ओपन एरा में किसी महिला खिलाड़ी ने विंबलडन फाइनल में डबल बैगल (दोनों सेट में 6-0) से जीत दर्ज की है।
यह जीत इगा के लिए खास इसलिए भी रही क्योंकि उन्होंने विंबलडन में पहले कभी फाइनल नहीं खेला था और ग्रास कोर्ट पर उनका प्रदर्शन पहले कमजोर माना जाता था। लेकिन इस बार उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ एक सेट गंवाया और फाइनल में तो अनीसिमोवा को कोई गेम भी नहीं जीतने दिया।
इनामी राशि और पोलैंड के लिए गौरव
इगा स्वियाटेक विंबलडन एकल खिताब जीतने वाली पहली पोलिश महिला खिलाड़ी बन गई हैं।इस जीत के साथ उन्होंने लगभग ₹34 करोड़ की इनामी राशि प्राप्त की, जबकि उपविजेता अनीसिमोवा को लगभग ₹17 करोड़ मिले।
यह जीत पोलैंड के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि इससे पहले किसी पोलिश महिला खिलाड़ी ने विंबलडन का खिताब नहीं जीता था। इगा ने अपने देश को टेनिस के वैश्विक मंच पर गौरव दिलाया है।
अन्य उपलब्धियाँ और रिकॉर्ड
- यह इगा स्वियाटेक का छठा ग्रैंड स्लैम खिताब है।
- उन्होंने चार बार फ्रेंच ओपन, एक बार यूएस ओपन, और अब विंबलडन जीतकर तीनों सतहों (क्ले, हार्ड, ग्रास) पर खिताब जीतने वाली आठवीं महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
- इगा अब सेरेना विलियम्स के बाद तीन मेजर जीतने वाली सबसे युवा महिला खिलाड़ी हैं।
- उन्होंने फाइनल में अपनी 100वीं ग्रैंड स्लैम जीत दर्ज की, और ऐसा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गईं।
- ओपन एरा में अपने पहले छह ग्रैंड स्लैम फाइनल जीतने वाली वह तीसरी महिला हैं, इससे पहले यह उपलब्धि मार्गरेट कोर्ट और मोनिका सेलेस ने हासिल की थी।
अनीसिमोवा की प्रतिक्रिया
अनीसिमोवा ने मैच के बाद कहा, “इगा ने जिस तरह का खेल दिखाया, वह अविश्वसनीय था। मैं थोड़ी घबराई हुई थी और शायद थकी भी थी। लेकिन उन्होंने मुझे कोई मौका नहीं दिया। वह इस जीत की पूरी हकदार हैं।”
निष्कर्ष
इगा स्वियाटेक की यह जीत सिर्फ एक खिताब नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है। यह दिखाती है कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से कोई भी खिलाड़ी अपनी सीमाओं को पार कर सकता है। विंबलडन 2025 की यह ऐतिहासिक जीत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
जैसे इस दुनिया में कोई भी खिलाड़ी अपनी मेहनत, सही मार्गदर्शन और लगन से सफलता पाता है, वैसे ही आत्मा के लिए जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पाना सबसे बड़ी सफलता है। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि जब तक मनुष्य इस संसार में फंसा रहेगा, तब तक वह बार-बार जन्म और मृत्यु को भोगता रहेगा। असली सफलता केवल मोक्ष है, जहाँ आत्मा सतलोक में जाकर हमेशा के लिए सुखी रहती है। यह जीवन इसी सफलता को पाने का अवसर है। इसके लिए शास्त्रानुसार सतभक्ति और पूर्ण गुरु की शरण आवश्यक है। अधिक जानकारी के लिए https://www.youtube.com/@SatlokAshram पर प्रवचन सुनें।