नई रिसर्च के अनुसार उछाल में, 44 और 60 साल की उम्र के करीब, शरीर में जैविक और मेटाबोलिक बदलाव तेज़ी से होते हैं, जिससे उम्र बढ़ने के शुरुआती संकेत जैसे त्वचा का ढीलापन, बालों का सफेद होना और मांसपेशियों की कमजोरी दिखने लगते हैं। दूसरा उछाल 60 साल के आसपास आता है, जहां उम्र से संबंधित बीमारियाँ, जैसे हड्डियों का कमज़ोर होना, दिल की समस्याएं और संज्ञानात्मक क्षमताओं में कमी, अधिक स्पष्ट हो जाती हैं।
- Humans Age Dramatically in Two Bursts उम्र के ऐसे दो पढ़ाव जहां दिखती है बढ़ती उम्र पर मुख्य बिंदु
- वैज्ञानिकों ने 108 लोगों पर क्यों किया बढ़ती हुई उम्र के प्रभावों का अध्ययन?
- इस उम्र में रोग का जोखिम भी तेज़ी से बढ़ता है
- महिलाओं में अचानक बढ़ती उम्र के कारण
- वैज्ञानिकों के अध्ययन के नतीजे
- वैज्ञानिकों ने बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य मुद्दों पर दी सलाह
- बढ़ती उम्र में भी पूर्ण परमात्मा की भक्ति ही करती है सहायता
- Humans Age Dramatically in Two Bursts: FAQs
Humans Age Dramatically in Two Bursts उम्र के ऐसे दो पढ़ाव जहां दिखती है बढ़ती उम्र पर मुख्य बिंदु
- वैज्ञानिकों ने अचानक उम्र बढ़ने के कारण का पता लगाने के लिए कैलिफोर्निया में रहने वाले स्वस्थ और विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों पर किया अध्ययन।
- अध्ययन के अनुसार मनुष्य की उम्र बढ़ना क्रमिक, रैखिक तरीके से ना होकर 44 और 60 वर्ष की उम्र में त्वरित, गैर-रैखिक परिवर्तन होते दिए दिखाई।
- शोधकर्ताओं ने त्वचा, मुंह और नाक के स्वाब जमा किए। 1,35,000 विभिन्न अणुओं और सूक्ष्मजीवों का किया निरीक्षण।
- महिला और पुरुष में आकस्मिक उम्र बढ़ने की घटना है स्वाभाविक।
- पूर्ण परमात्मा की भक्ति से ही जन्म, मरण, बुढ़ापे से मिलेगा छुटकारा।
वैज्ञानिकों ने 108 लोगों पर क्यों किया बढ़ती हुई उम्र के प्रभावों का अध्ययन?
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 108 लोगों पर कई वर्षों तक अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में शामिल लोगों के अणुओं, आरएनए, प्रोटीन और माइक्रोबायोम का निरीक्षण किया ताकि उम्र बढ़ने के कारण का पता लगाया जा सके।
नान्यांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोम मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर एवं अध्ययन करने वाले पहले लेखक शियाओताओ शेन ने बताया कि हम धीरे-धीरे बूढ़े नहीं होते। समय के कुछ बिंदु उम्र बढ़ने और स्वास्थ्य के लिए विशेष महत्व रखते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैफीन को चयापचय करने की क्षमता 40 और 60 वर्ष की आयु के आसपास कम हो जाती है।
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शेन ने बताया कि जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका के शोधकर्ताओं द्वारा किए पुराने अध्ययन के अनुसार 75 वर्ष के आसपास उम्र बढ़ने की एक लहर होती है, लेकिन नए अध्ययन में आयु सीमा सीमित होने से उन निष्कर्षों की पुष्टि नहीं कर सकते।
इस उम्र में रोग का जोखिम भी तेज़ी से बढ़ता है
अध्ययन में पाया गया कि 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में हृदय संबंधी विकार, गुर्दे की समस्या और मधुमेह जैसे रोग के खतरे तेज़ी से बढ़ते हैं। स्नाइडर के अनुसार, 40 वर्ष में लोगों को मांसपेशियों में चोट लगने की संभावना ज़्यादा होती है। उनके शरीर में वसा का संचय बढ़ जाता है और 60 वर्ष में मांसपेशियों के हानि की समस्या भी बढ़ जाती है।
महिलाओं में अचानक बढ़ती उम्र के कारण
वैज्ञानिकों ने महिलाओं में अचानक बढ़ती उम्र का कारण रजोनिवृत्ति या हार्मोनल परिवर्तन माना। परंतु इससे पूरे समूह के नतीजे प्रभावित हुए। अध्ययन में उन्होंने अलग-अलग पुरुष और महिलाओं के अणुओं, आरएनए, प्रोटीन और माइक्रोबायोम आंकड़ों पर विश्लेषण किया। आंकड़ों से पता चला कि 40 के दशक के मध्य में महिला और पुरुषों में सामान्य तरह के बदलाव हो रहे थे, जिसमें कुछ अणुओं को भी ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है।
वैज्ञानिकों के अध्ययन के नतीजे
नानयांग टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए अध्ययन से स्पष्ट या अष्पष्ट तौर पर नतीजे मिले। पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में उम्र बढ़ने से संबंधित शोध करने वाले अदिति गुरकर ने कहा, हमने अपेक्षाकृत कम संख्या में सीमित क्षेत्र से लोगों का नमूना लिया, जो कि भौगोलिक विविधता होने के कारण नतीजे व्यापक लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
वैज्ञानिकों ने बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य मुद्दों पर दी सलाह
शेन ने बढ़ती उम्र में जीवन काल के दौरान स्वास्थ्य संबंधी बिंदुओं पर बारीकी से ध्यान रखने को कहा। वहीं स्नाइडर ने 60 वर्ष की उम्र के करीब पहुंच रहे लोगों को कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने तथा गुर्दे की कार्यप्रणाली में सहायता के लिए खूब पानी पीने की सलाह दी। अन्य शोधकर्ताओं ने 40 और 60 दशक के लोगों को अपने जीवनशैली में बदलाव लाने एवं व्यायाम करने की सलाह दी।
बढ़ती उम्र में भी पूर्ण परमात्मा की भक्ति ही करती है सहायता
यहां कोई व्यक्ति बूढ़ा नहीं होना चाहता, परंतु मृत्यु के समान ही जरा अर्थात् बुढ़ापा आना सत्य है। वैज्ञानिक फार्मूले से बुढ़ापे में आने वाले शारीरिक रोग के प्रभाव को कम करने की कोशिश करने के बावजूद बुढ़ापे को टाला नहीं जा सकता। केवल पूर्ण परमात्मा ही बढ़ती उम्र में आने वाले रोगों को दूर कर सकते हैं तथा जन्म, मरण, बुढ़ापा जैसे रोग को सदा के लिए मिटा कर मोक्ष प्रदान करते है।
आज विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं जिन्होंने पूर्ण आध्यात्मिक सत्य ज्ञान भक्त समाज को दिया तथा मानव जीवन के मूल उद्देश्य से परिचित करवाकर सत भक्ति प्रदान की।
Humans Age Dramatically in Two Bursts: FAQs
1. बुढ़ापे आने के लिए कौन सी ग्रंथि जिम्मेदार होती है?
थाइमस ग्रंथि जिसके लुप्त होने के कारण बुढ़ापा आता है।
2. उम्र के उछाल के पीछे का कारण क्या है?
उम्र के उछाल का कारण शरीर के प्रोटीन, डीएनए, और अन्य बायोमोलेक्यूल्स में होने वाले बदलाव हैं। इन परिवर्तनों की वजह से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं भी उभरने लगती हैं।
3. क्या उम्र के उछाल को धीमा किया जा सकता है?
सही जीवनशैली, जैसे कि स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन, उम्र के उछाल को धीमा कर सकते हैं। इसके अलावा, विज्ञान और दवाओं में हो रहे नए शोध भी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को समझने और नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
4. मानव को कौन से भयंकर रोग लगे हुए हैं?
जन्म, मरण और बुढ़ापा।