HDFC बैंक, जो भारत का सबसे बड़ा निजी बैंक है, ने सितंबर के अंत तक 90 अरब रुपये (लगभग $1.08 बिलियन) से अधिक के लोन बेचने की योजना बनाई है। यह बैंक की अब तक की सबसे बड़ी लोन सेल होगी, और इसका उद्देश्य बैंक के क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात (CDR) को सुधारना है। इस बारे में जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने गुरुवार को रॉयटर्स को बताया।
2023 में HDFC बैंक ने हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प (HDFC) के साथ विलय किया था, जिससे बैंक के पास बड़ी मात्रा में मॉर्गेज लोन जुड़ गए, लेकिन डिपॉजिट की मात्रा अपेक्षाकृत कम थी। इस वजह से बैंक पर डिपॉजिट बढ़ाने या लोन ग्रोथ को धीमा करने का दबाव है। इस लोन सेल से बैंक को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी।
बैंक इस समय “पास थ्रू सर्टिफिकेट्स” जारी कर रहा है, जो कार लोन के एक पूल द्वारा समर्थित हैं। इंडिया रेटिंग्स ने इन सर्टिफिकेट्स को AAA(SO) रेटिंग दी है और कहा है कि इनका कुल मूल्य 90.62 अरब रुपये है, जो 31 अगस्त 2024 की स्थिति के अनुसार है। ये सर्टिफिकेट्स तीन हिस्सों में विभाजित हैं और सितंबर 2026, जुलाई 2027, और सितंबर 2030 में परिपक्व होंगे, जिनकी कुल राशि क्रमशः 35 अरब, 18 अरब और 37.62 अरब रुपये होगी।
बैंक ने इन सर्टिफिकेट्स के लिए निवेशकों के साथ समझौता कर लिया है, जिसमें म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट्स और कुछ नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां शामिल हैं।