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Home » GST सुधारों का दिवाली तोहफा: टैक्स स्लैब होंगे आसान, सस्ती होंगी रोजमर्रा की वस्तुएं

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GST सुधारों का दिवाली तोहफा: टैक्स स्लैब होंगे आसान, सस्ती होंगी रोजमर्रा की वस्तुएं

SA News
Last updated: August 16, 2025 6:13 pm
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GST सुधारों का दिवाली तोहफा टैक्स स्लैब होंगे आसान, सस्ती होंगी रोजमर्रा की वस्तुएं
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भारत इस साल वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए घोषणा की कि दिवाली तक “अगली पीढ़ी” के जीएसटी सुधार लागू किए जाएंगे। इसका सीधा फायदा आम जनता को होगा क्योंकि रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगने वाला टैक्स कम हो जाएगा।

Contents
  • दो स्लैब वाला टैक्स स्ट्रक्चर
  • दिवाली पर ‘डबल सेलिब्रेशन’
  • 8 साल का सफर और नई जरूरत
  • ढांचागत सुधारों का प्रस्ताव
  • कारोबार में आसानी और पारदर्शिता
  • महंगाई से मिलेगी राहत
  • अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर
  • राज्यों के साथ सामंजस्य
  • नागरिकों के लिए दिवाली का उपहार
  • आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सच्ची राहत

दो स्लैब वाला टैक्स स्ट्रक्चर

वर्तमान समय में जीएसटी चार प्रमुख स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) में बंटा हुआ है। सरकार ने संकेत दिया है कि अब इनकी जगह केवल दो स्लैब होंगे — स्टैंडर्ड और मेरिट। चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दरें लागू रहेंगी। इससे कर ढांचा सरल होगा और कारोबार में आसानी आएगी।

दिवाली पर ‘डबल सेलिब्रेशन’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार दिवाली देशवासियों के लिए दोहरी खुशी लेकर आएगी। एक ओर त्योहार की रौनक होगी, वहीं दूसरी ओर टैक्स दरों में कटौती से वस्तुएं सस्ती होंगी। खासकर मध्यम वर्ग, किसान, महिलाएं और लघु उद्योग (MSME) इससे सीधे लाभान्वित होंगे।

8 साल का सफर और नई जरूरत

जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था और आज यह अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के 8 साल पूरे कर चुका है। इस अवधि में सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़कर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये प्रतिमाह तक पहुँच गया है। अब सरकार मानती है कि ढांचे को और सरल बनाने का समय आ गया है, ताकि इसका लाभ हर नागरिक तक पहुँचे।

ढांचागत सुधारों का प्रस्ताव

सरकार ने थ्री पिलर ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिसे मंत्रिसमूह (GOM) के पास चर्चा के लिए भेजा गया है। प्रस्तावित सुधारों में इनवर्टेड शुल्क ढांचे को खत्म करना, टैक्स परिभाषाओं को आसान बनाना और उद्योगों के लिए स्थायी टैक्स ढांचा बनाना शामिल है। इसका उद्देश्य कर विवादों को कम करना और निवेशकों का विश्वास बढ़ाना है।

कारोबार में आसानी और पारदर्शिता

नई जीएसटी व्यवस्था का लक्ष्य कारोबार को सुगम बनाना है। छोटे उद्योग और स्टार्टअप्स को टैक्स प्रक्रियाओं से राहत मिलेगी। पहले से भरे रिटर्न की सुविधा, निर्यातकों को स्वचालित रिफंड और कम कर दरें लघु उद्योगों को मजबूती देंगी।

महंगाई से मिलेगी राहत

सरकार का कहना है कि टैक्स दरों में कमी से दैनिक जीवन की वस्तुएं जैसे खाने-पीने का सामान, घरेलू उपयोग की चीजें और सेवाएं सस्ती हो जाएंगी। इससे आम जनता की जेब पर बोझ कम होगा और उपभोग बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर

विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स सरलीकरण और दरों में कटौती से एमएसएमई सेक्टर में उत्पादन बढ़ेगा। घरेलू खपत में वृद्धि होगी और निर्यातक कंपनियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगी। साथ ही, निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा।

राज्यों के साथ सामंजस्य

केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन सुधारों पर राज्यों के साथ विस्तृत चर्चा की गई है। जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में इन प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी मिल सकती है। इससे केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग और बेहतर होगा।

नागरिकों के लिए दिवाली का उपहार

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि जीएसटी सुधार सिर्फ कर व्यवस्था तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाने के लिए हैं। उनका कहना था कि “दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर में कमी से जनता को सीधा लाभ होगा और यह नागरिकों के लिए दिवाली का सबसे बड़ा तोहफा होगा।

इस तरह जीएसटी सुधार भारत की कर प्रणाली को और सरल बनाने के साथ-साथ आर्थिक विकास की नई दिशा तय करेंगे। दिवाली पर टैक्स छूट का यह उपहार करोड़ों लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा और भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई देगा।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सच्ची राहत

विशेषज्ञ मानते हैं कि आर्थिक सुधारों के साथ-साथ समाज को आध्यात्मिक सुधारों की भी आवश्यकता है। संत रामपाल जी महाराज हमेशा यह संदेश देते हैं कि सच्चा सुख और अच्छी जीवनशैली सत्संग और सही भक्ति से मिलती है। वे बताते हैं कि जब व्यक्ति सतभक्ति अपनाता है तो उसके जीवन में अनावश्यक खर्च कम होते हैं, नशे जैसी बुराइयाँ दूर होती हैं और परिवार सुखमय बनता है। इस तरह जैसे सरकार आर्थिक बोझ घटाने की कोशिश कर रही है, वैसे ही संत रामपाल जी महाराज का मार्गदर्शन लोगों के जीवन को भीतर से सरल और खुशहाल बना रहा है।

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