Gandhi Jayanti 2024 in Hindi (महात्मा गाँधी जयंती): भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। उनके जीवन का संघर्ष, एक आम व्यक्ति से राष्ट्रपिता बनने तक का सफर हमें अनेकों सीख दें गया। उन्होंने अहिंसा, सत्य, सादगी, विश्वास की राह अपनाकर अपने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गाँधी जी ने कहा था कि – ‘‘सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ने के लिए अपने दुष्कर्मों, भय और असुरक्षा जैसे तत्वों पर विजय पाना है’’।
उन्होंने अपने विचारों को सबसे पहले उस समय संक्षेप में व्यक्त किया जब उन्होंने कहा भगवान ही सत्य है। आइए जानते है उनकी जयंती पर उनके जीवन का इतिहास इस लेख के माध्यम से।
Gandhi Jayanti 2024 के मुख्य बिंदु
- महात्मा गाँधी का पुरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है।
- महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
- भारत की आजादी के लिए उनके द्वारा अपने जीवनकाल में चलाया गया सबसे पहला आंदोलन चंपारण आंदोलन था।
- सन् 1944 में सर्व प्रथम सुभाष चंद्र बोस ने रेडियो संदेश के माध्यम से सबसे पहले महात्मा गाँधी को देश के पिता (राष्ट्रपिता) कहकर संबोधित किया था।
- गाँधी जी की हत्या नाथूराम गोडसे द्वारा 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में हुई थी।
गाँधी जयंती कब मनाया जाता है?
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जिनका पुरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है, इन्हें लोग बापू के नाम से भी जानते है। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था, इसलिए 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। और इसी दिन विश्व अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। अहिंसात्मक आंदोलन के लिए महात्मा गाँधी विश्व भर में जाने जाते है। और उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए गाँधी जयंती मनाया जाता है ।
महात्मा गाँधी का जीवन परिचय
महात्मा गाँधी जी का पुरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उस समय बंबई प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत के तहत पोरबंदर एक छोटी सी रियासत काठियावाड़ में कई छोटे राज्यों में से एक था। महात्मा गाँधी जी के पिता का नाम करमचंद गाँधी और उनकी माता जी का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी की शादी 13 साल की उम्र में कस्तूरबा जी से हुई थी। महात्मा गाँधी जी के 4 पुत्र थे जिनका नाम हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास था।
महात्मा गाँधी कौन थे?
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गाँधी के योगदान के कारण उन्हें राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन, नमक मार्च और खिलाफत आंदोलन जैसे सबसे लोकप्रिय आंदोलन शुरू किए गए। महात्मा गाँधी जी भारत में प्रिय बापू के नाम से प्रसिद्ध भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ हथियार के रूप में अहिंसक प्रतिरोध और सामूहिक अवज्ञा की नीति को अपनाया और अहिंसा के सिद्धांत का पालन किया।
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गाँधी जयंती पर क्या है 2024 का विषय (Gandhi Jayanti 2024 Theme in Hindi)?
Gandhi Jayanti 2024 in Hindi: 2 अक्टूबर 2024 को इस विषय “महात्मा गांधी, अहिंसा के पुजारी, जिसने बदला इतिहास”… (“Mahatma Gandhi, the priest of non-violence, who changed history”…) के साथ पुरा देश गाँधी जी की 155वीं जयंती मनाएगा। यह विषय इस बात पर जोर देती है कि महात्मा गाँधी ने अहिंसा की राह पर चलकर हमारे देश को स्वतंत्र बनाने में अहम भुमिका निभाई और हमारे इतिहास को भी बदल डाला।
क्या था महात्मा गाँधी का लक्ष्य?
महात्मा गाँधी जी के जीवन का एक मात्र लक्ष्य था आजादी एंव शांति की स्थापना करना। गाँधी जी द्वारा स्वतंत्रता और शांति के लिए शुरू की गई इस लड़ाई ने भारत और दक्षिण अफ्रीका में कई ऐतिहासिक आंदोलनों को एक नई दिशा प्रदान की। उन्होंने अपने असाधारण कार्यों एंव अहिंसावादी विचारों से पूरे विश्व की सोच बदल दी।
महात्मा गाँधी राष्ट्रपिता कब और कैसे बने?
सुभाष चंद्र बोस जुलाई 1943 में जर्मनी से सिंगापुर पहुँचे और सिंगापुर रेडियो से 4 जून 1944 को एक संदेश के माध्यम से महात्मा गाँधी को देश के पिता (राष्ट्रपिता) कहकर संबोधित किया था। भारत सरकार ने भी बाद में इस नाम को मान्यता दे दी।
महात्मा गाँधी और नेताजी एक-दूसरे का भरपूर सम्मान करते थे। महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता इसलिए कहा जाता हैं क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान और बांग्लादेश दो नए राष्ट्र को पैदा किया। एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे महात्मा गाँधी। भारतीय वकील, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता बने। इस तरह, उन्हें अपने देश का पिता माना जाने लगा।
कितने आंदोलन चलाए थे महात्मा गाँधी ने?
महात्मा गाँधी ने अपने जीवनकाल में अनेकों आंदोलन चलाए। ये सभी महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा है।
- 1917 में चंपारण आंदोलन
- 1918 में खेड़ा आंदोलन
- 1919 में खिलाफत आंदोलन
- 1920 में असहयोग आंदोलन
- 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन
- 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन
गाँधी जी के कितने सिद्धांत है?
गाँधी जी के जीवन में कुल 11 सिद्धांत थे। जिसमें सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, शाकाहारी रवैया, सादगी और विश्वास शामिल था। उनका कहना था कि नैतिकता और आचार-विचार का महत्व- सभी लोगों के अंदर उच्च नैतिक भावना और नैतिक शुद्धता होनी चाहिए। महात्मा गांधी सभी के लिए स्वतंत्रता और समानता की वकालत करते थे और कहते थे कि अमीर और गरीब को कभी एक दूसरे के खिलाफ नहीं लड़ना चाहिए।
गाँधी जी के नेतृत्व में सत्याग्रह का अर्थ
महात्मा गाँधी के अनुसार ‘सत्याग्रह’ का अर्थ इस प्रकार था – यदि आपका उद्देश्य सच्चा है और आपका संघर्ष अन्याय के विरुद्ध है तो आपको अपने उत्पीड़क का मुकाबला करने के लिए किसी भी शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं है। सत्याग्रह के विचार का मूल आधार सत्य की शक्ति पर आग्रह तथा सत्य की खोज करना है। महात्मा गांधी इसके प्रबल समर्थक थे।
शांति के दूत – महात्मा गाँधी
महात्मा गांधी को शांति के दूत के रूप में जाना जाता था। वे अहिंसा में विश्वास करते थे और लोगों के बीच सद्भाव और समझ लाने की दिशा में काम करते थे। शांति के लिए उनका प्रचार इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे कुछ प्रकार के संघर्ष दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से सामाजिक परिवर्तन प्राप्त करते हैं ।
महात्मा गाँधी की मृत्यु कैसे हुई?
नाथूराम गोडसे जो पुणे के एक हिंदु राष्ट्रवादी थे। वह मानते थे कि गाँधी जी ने भारत को अलग करने के दौरान भारत के मुसलमानों की राजनीतिक मांगों की पुष्टि किया था। इसी कारण नाथूराम गोडसे ने नारायण आप्टे और छः अन्य लोगों के साथ मिलकर गाँधी जी के हत्या की षड्यंत्र रची। जब 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में गाँधी जी बिड़ला भवन में शाम के समय प्रार्थना के लिए पहुँचे तब नाथूराम गोडसे ने उनके पैर छुने का अभिनय करते हुए उनके सामने गए और गाँधी जी पर तीन गोलियां चलाकर उनके जीवन को समाप्त कर दिया।
मरते वक्त गाँधी जी ने आखिरी शब्द कहा था – ‘हे राम’। एक साल तक यह मुकदमा चलने के बाद 8 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे को मौत की सजा सुना दी गई।
महात्मा गाँधी के नारे
- भारत छोड़ो।
- जहां पवित्रता है, वहीं निर्भयता है।
- पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।
- जहां प्रेम है वहां जीवन है।
- करो या मरो।
- किसी की मेहरबानी मांगना, अपनी आज़ादी बेचना।
- भगवान का कोई धर्म नहीं है।
- भूल करने में पाप है, परंतु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
आज विश्व को है सत्य अहिंसा भाईचारे और शांति की जरूरत
पिछले कुछ वर्षों से पूरे विश्व में हाहाकार मची हुई है। अनेक अमानवीय घटनाए चर्म पर हैं। वर्तमान में जाति धर्म के नाम पर लड़ाई, चोरी डकैती, रेप, मर्डर, लूटपाट जैसी खतरनाक घटनाएं प्रति दिन घट रही हैं। अनेक देशों में आपसी लड़ाई बढ़ गई हैं। तीसरे विश्व युद्ध की आहट कभी-कभी सुनाई दी जाती हैं। आज विश्व को ऐसे विचारधारा की जरूरत है जिससे पूरे विश्व से सर्व बुराइयों से दूर किया जा सके, जाति-धर्म, ऊंच नीच के भेदभाव को समाप्त कर समाज में शांति की स्थापना हो सके।
संत रामपाल जी महाराज की विचारधारा से पूरे में होगी शांति
वर्तमान में एकमात्र पूर्ण संत एवं विश्व के सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज की अगुवाई में पूरे विश्व में शांति फैलेगी। एक शांत समाज की मूलभूत आवश्यकता है कि वे सर्व बुराइयों से दूर रहें, कोई बुरी घटना घर, परिवार, समाज में न हो, आपसी मतभेद न हो, ऊंच नीच का मतभेद न हो सभी एक ही विचारधारा को मानने वाले हो। संत रामपाल जी महाराज सर्व धर्म को साथ लेकर और सर्व धर्म शास्त्रों में दिए तत्वज्ञान के आधार पर समाज में पूर्ण शांति स्थापित करने के लिए रात-दिन प्रयत्न कर रहे हैं।
उनके विचारधारा से प्रभावित उनके अनुयायी संसार की सारी बुराइयों से कोसों दूर हैं। आखिर संत रामपाल जी महाराज की क्या है विचारधारा जानने के लिए तुरंत डाउनलोड करें Sant Rampal Ji Maharaj App
FAQs: Gandhi Jayanti 2024 in Hindi
Q. गाँधी जी का जन्म कब हुआ था?
Ans- 2 अक्टूबर 1869
Q. गाँधी जी के कुल कितने सिद्धांत थे?
Ans- 11 सिद्धांत
Q. गाँधी जी ने सबसे पहले कौन-सा आंदोलन चलाया था?
Ans- चंपारण आंदोलन
Q. गाँधी जी की हत्या किसने की?
Ans- नाथूराम गोडसे
Q. गाँधी जी की हत्या कब हुई?
Ans- 30 जनवरी 1948
Q. मृत्यु के समय गाँधी जी ने अंतिम शब्द क्या कहा था?
Ans- ‘‘हे राम’’