आगरा, उत्तर प्रदेश: गांधी जयंती के अवसर पर शहर में मीट की दुकानों पर प्रतिबंध के बावजूद कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोली रखीं, जिसके परिणामस्वरूप नगर निगम के प्रवर्तन दल ने कड़ी कार्रवाई की। इस उल्लंघन के चलते आगरा के बोदला, गुदड़ी मंसूर खां और लाल मस्जिद क्षेत्रों में अधिकारियों ने विभिन्न दुकानदारों पर कुल 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। मीट विक्रेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए हंगामा किया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
शिकायत मिलने पर नगर निगम का प्रवर्तन दल सबसे पहले गुदड़ी मंसूर खां के नई बस्ती इलाके में पहुंचा। यहां टीम को मीट की बिक्री होते मिली, जिसके बाद पांच दुकानदारों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जिन दुकानों पर कार्रवाई की गई, उनमें शकील, सलीम, मोहम्मद ताहिर और दो अन्य शामिल थे। पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय सिंह और प्रवर्तन प्रभारी कर्नल राहुल गुप्ता के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। जुर्माना लगाने के बाद दुकानें बंद करा दी गईं।
बोदला रोड स्थित लाल मस्जिद इलाके में भी नगर निगम की टीम ने जांच की। यहां मुर्गे के मांस की दुकानों को खुला पाया गया, जिसके बाद जुर्माने की कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई से नाराज दुकानदारों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिससे स्थिति बिगड़ने लगी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाया गया, और दुकानदारों से जुर्माना वसूल किया गया।
कार्रवाई के दौरान निगम ने न केवल मांस की दुकानों पर जुर्माना लगाया, बल्कि प्रतिबंधित पॉलीथिन और गंदगी के मामले में भी 8000 रुपये का जुर्माना वसूला। इस कार्रवाई के बाद ताजगंज, लोहामंडी, सिकंदरा और शहीद नगर जैसे क्षेत्रों में भी मीट की दुकानें बंद कर दी गईं। कार्रवाई के दौरान एसएफआई राघवेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।
इस घटना ने मीट व्यापारियों और प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। जहां एक ओर अधिकारी शहर में कानून व्यवस्था और स्वच्छता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर व्यापारी इसे अपने व्यवसाय और आजीविका पर चोट मान रहे हैं।