India Pak War: भारत-पाकिस्तान के बीच शनिवार को हुआ युद्ध विराम एक बार फिर टूट गया। सीमा पार से हुई फायरिंग ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान पर भरोसा करना खतरे से खाली नहीं! पाकिस्तान ने युद्ध विराम का वादा किया… शांति की उम्मीदें जताई गई… लेकिन पाकिस्तान अपनी आदत से बाज नहीं आया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ‘Donald Trump’ ने की शांति की अपील
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने मध्यस्थता करते हुए दोनों देशों को नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के निर्देश दिए। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना प्रमुखों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की, और पाकिस्तान ने भी अपना एयरस्पेस बंद कर दिया। भारत ने सद्भावना दिखाई पाक पर भरोसा जताया।
लेकिन महज 3 घंटे बाद ही पाकिस्तान की नापाक हरकतें फिर सामने आई, पाकिस्तान की तरफ से एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन किया गया। फायरिंग की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिशे की गई। जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की हर नापाक साजिश को नाकाम किया।
संघर्षविराम की पृष्ठभूमि और भारतीय सैन्य कार्रवाई
संघर्षविराम की घोषणा से पहले, भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा था। पहलगाम हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई, भारत ने जवाबी कार्रवाई की तैयारी की। इस संदर्भ में, ऑपरेशन सिंदूर एक प्रमुख सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करना और दुश्मन की सैन्य क्षमता को कमजोर करना था।
इस अभियान में भारतीय वायुसेना और थलसेना ने मिलकर सैन्य ठिकानों, एयर डिफेंस सिस्टम, रडार, और सक्रिय आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में छह और सात मई की रात को किए गए हमलों की पहले और बाद की तस्वीरें साझा कीं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इन हमलों की योजना सटीक रणनीति के तहत बनाई गई थी।
आतंकवाद (Terrorism) को लेकर भारत की रणनीति साफ
भारत ने साफ कर दिया है — अब हर एक गोली का जवाब दस गुना ताकत से दिया जाएगा।
सरकार और सेना दोनों ने स्पष्ट संदेश भेजा है — कि पाकिस्तान ने जो सीज फायर का उल्लंघन किया है, उसके नतीजे बहुत भारी होंगे। पाकिस्तान को याद रखना चाहिए — भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर कोई शांति भंग करने की कोशिश करेगा, तो उसका अंजाम भी वही तय करेगा। फिलहाल युद्ध विराम का वादा टूट गया है… अब खेल भारत के हाथ में है।
भविष्य की सुरक्षा रणनीतियाँ
संघर्षविराम की घोषणा के बावजूद, भारतीय सेना ने यह सुनिश्चित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। सेना ने इस ऑपरेशन से नई रणनीतियाँ विकसित की हैं, जिनमें सटीक लक्ष्य पहचान, उन्नत निगरानी तकनीक और त्वरित कार्रवाई योजनाएँ शामिल हैं।
इसके अलावा, यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान संबंधों में नई चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है। हालांकि संघर्षविराम ने अस्थायी स्थिरता प्रदान की है, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि क्या पाकिस्तान आतंकवादी नेटवर्क को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगा।
भारत- पाक युद्ध: संघर्ष, वीरता और विजय की गाथा”
दोनों देशों के बीच यह तनाव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई हिंसा (Violence) के बाद शुरू हुआ। इसके बाद भारत ने एक रणनीतिक तैयारी के साथ “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के चार एयरबेसों को निशाना बनाया और उसे भारी क्षति पहुंचाई। 9 मई शुक्रवार की रात पाक ने भारत के सीमावर्ती इलाकों में 26 जगहों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। लेकिन भारत के ‘एस-400 डिफेंस सिस्टम’ ने पाक के फाइटर जैट (F-16), मिसाइलें और 50 से अधिक ड्रोन हवा में ही नष्ट कर दिए।
सीमा पर तनाव को चलते स्थिति इतनी गंभीर है की तमाम एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं, सीमा से 30 किलोमीटर के दायरे में गांव खाली कराए जा चुके हैं और 6 जिलों में ब्लैकआउट जारी है। प्रशासन और सरकार की तरफ से लगातार हाई लेवल मीटिंग की जा रही है।
जानिए क्या है ‘डिफेंस सिस्टम एस-400’ की ताकत
भारत का एस-400 डिफेंस सिस्टम रूस से लिया गया एयर डिफेंस सिस्टम है। जो कि एक बहुत ही घातक हथियार है। इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी के टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है। इससे एक साथ कुल 160 ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक किया जा सकता है। यह 400 किमी की दूरी और 30 किमी की ऊंचाई तक के टारगेट पर अटैक कर सकता है। हाल ही में भारत पाक युद्ध के चलते इसका इस्तेमाल किया गया।
यदि EMERGENCY लगी तो कैसे निपटेगा भारत? जानिये क्या है मोदी का ‘Master Plan’
भारत और पाकिस्तान के बीच बनी हुई तनाव की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह कमर कस ली है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उसके बाद तैयारियों की कमान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने संभाल ली है।
पेट्रोलियम मंत्री ‘हरदीप सिंह पुरी’ ने आश्वासन दिया है कि देश में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी जैसे ईंधन के पर्याप्त भंडार मौजूद है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी संकट की स्थिति में ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
इसके अलावा, कृषि मंत्री ने बताया कि देश में गेहूं, चावल और अन्य अनाजों का पर्याप्त भंडार है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सा सुविधाएं—जैसे एंबुलेंस, दवाइयां और मेडिकल उपकरण—पहले से तैयार रखे हैं। सीमावर्ती राज्यों में जिला स्तर पर तेजी से स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए विशेष तैयारी की गई है। सरकार का लक्ष्य किसी भी संकट का तुरंत और प्रभावी ढंग से सामना करना है।
कश्मीर से कारगिल तक: भारत-पाक संघर्ष का इतिहास”
मई 1999 भारत के इतिहास में एक ऐसा समय, जब हिमालय की बर्फीली चोटियों पर सिर्फ बर्फ ही नहीं, बल्कि बहादुरी की ज्वाला भी धधक रही थी। यह कहानी है उन रणबांकुरों की, जिन्होंने अपने लहू से देश की सरहदों की रक्षा की। कारगिल युद्ध – एक ऐसा संघर्ष, जो भारतीय सेना की वीरता, दृढ़ता और अदम्य साहस का प्रतीक बन गया। 1998 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया था।
लेकिन कुछ समय बाद ही, पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र कारगिल की चोटियों पर घुसपैठ कर कब्जा जमाने की एक कुटिल योजना बनाई। पाकिस्तानी सेना के सैनिकों ने, ‘घुसपैठिए’ बनकर, कारगिल, द्रास और बटालिक सेक्टर की ऊँची पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया। उनकी मंशा थी – रणनीतिक चोटियों पर कब्जा करके श्रीनगर-लेह राजमार्ग को काट देना और भारत को सियाचिन से अलग-थलग कर देना।
लेकिन भारत की सरजमीं को छूना इतना आसान कहां था। 4 मई 1999 को एक चरवाहे ने सेना को खबर दी कि कारगिल में अजीब हलचल है। तत्काल भारतीय सेना हरकत में आई। जाँच शुरू हुई – और जैसे-जैसे सच सामने आया, पूरे देश में हलचल मच गई। यह कोई साधारण घुसपैठ नहीं थी बल्कि यह एक सुनियोजित युद्ध की शुरुआत थी।