देश की राजधानी के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) पर गुरुवार (7 नवंबर) शाम को अचानक आई तकनीकी गड़बड़ी ने हवाई परिचालन को गहरा झटका दिया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम के एक अहम हिस्से में खराबी के चलते रातभर उड़ानों की आवाजाही प्रभावित रही। इस वजह से 800 से अधिक उड़ानें देर से रवाना या लैंड हुईं, जिससे हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे।
- दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: मुख्य बिंदु
- दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: कहाँ से शुरू हुई समस्या?
- यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
- तकनीकी कारण और विशेषज्ञों का विश्लेषण
- दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: परिचालन पर व्यापक असर
- वर्तमान स्थिति और सुधार प्रयास
- दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: भविष्य के लिए सबक
- दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: डिजिटल युग में एयर ट्रैफिक सिस्टम की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: मुख्य बिंदु
- दिल्ली एयरपोर्ट पर AMSS सिस्टम फेल: ATC की तकनीकी खराबी से उड़ानों में भारी देरी
- फ्लाइट लेट होने से दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की मुसीबतें बढ़ीं, सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
- ATC सिस्टम डाउन: विशेषज्ञों ने बताई चार बड़ी तकनीकी कमजोरियां
- दिल्ली एयरपोर्ट पर तकनीकी गड़बड़ी का असर: देशभर में उड़ानों की रफ्तार थमी
- दिल्ली एयरपोर्ट ATC खराबी: सिस्टम बहाली की प्रक्रिया तेज़, यात्रियों से धैर्य रखने की अपील
- ATC फेल्योर से मिली चेतावनी: भारत को अब मजबूत बैकअप और साइबर सुरक्षा सिस्टम की जरूरत
- दिल्ली एयरपोर्ट पर तकनीकी खामी ने दिखाई भारत के हवाई तंत्र की डिजिटल कमजोरी
दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: कहाँ से शुरू हुई समस्या?
सूत्रों के अनुसार, समस्या Automatic Message Switching System (AMSS) में आई, जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल का वह स्वचालित सिस्टम है जो फ्लाइट-प्लान, मौसम संबंधी सूचनाएं और अन्य तकनीकी डेटा को संसाधित करता है।
गुरुवार शाम यह सिस्टम अचानक डाउन हो गया, जिससे एटीसी कर्मियों को उड़ानों की मंजूरी और संचालन मैन्युअल तरीके से करना पड़ा।
मैन्युअल प्रक्रिया के चलते फ्लाइट क्लीयरेंस और टेक-ऑफ में अधिक समय लगने लगा, और धीरे-धीरे पूरे हवाई संचालन पर असर पड़ गया।
यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
इस खराबी का सबसे बड़ा असर यात्रियों पर पड़ा।
एयरपोर्ट के टर्मिनलों पर यात्रियों की लंबी कतारें लग गईं, कई लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर एयरपोर्ट प्रबंधन और एयरलाइंस से पारदर्शी सूचना न देने की शिकायत भी की। एयरलाइंस ने अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और एसएमएस अलर्ट के माध्यम से यात्रियों को सलाह दी कि वे अपनी फ्लाइट की स्थिति जांचने के बाद ही एयरपोर्ट के लिए रवाना हों।
तकनीकी कारण और विशेषज्ञों का विश्लेषण
विमानन विशेषज्ञों के अनुसार, AMSS में आई यह खराबी पूरी तरह तकनीकी थी, लेकिन इससे जुड़े कुछ अहम मुद्दे भी उजागर हुए हैं—
बैक-अप सिस्टम की कमी: एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसी प्रणाली में एक मजबूत बैक-अप होना अनिवार्य है। यदि मुख्य सर्वर ठप हो जाए, तो बैक-अप ऑटोमैटिकली काम संभाल सके — लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
अत्यधिक निर्भरता: ATC संचालन पूरी तरह ऑटोमेटेड सिस्टम पर निर्भर होता है, इसलिए किसी एक घटक की विफलता भी बड़े पैमाने पर असर डालती है।
साइबर सुरक्षा का प्रश्न: प्रारंभिक जांच में किसी साइबर हमले की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कुछ तकनीकी टीमों ने मालवेयर की संभावना से इंकार भी नहीं किया है।
डेटा सिंक्रोनाइजेशन समस्या: जब सिस्टम डाउन हुआ, तो रियल-टाइम डेटा अपडेट रुक गया, जिससे हवाई परिचालन में समन्वय टूट गया।
दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: परिचालन पर व्यापक असर
दिल्ली एयरपोर्ट देश के सबसे व्यस्त हवाई केंद्रों में से एक है, जहां रोजाना 1,400 से अधिक उड़ानें संचालित होती हैं। एक ही सिस्टम के ठप होने से दिल्ली से संचालित होने वाली कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कनेक्टिविटी पर भी असर पड़ा। जयपुर, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे हवाई अड्डों पर भी देर से पहुंचने वाली उड़ानों के कारण परिचालन में देरी दर्ज की गई।
वर्तमान स्थिति और सुधार प्रयास
एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बताया कि उनकी तकनीकी टीमें लगातार काम कर रही हैं और सिस्टम को सामान्य करने की प्रक्रिया तेज़ी से जारी है। Delhi International Airport Ltd. (DIAL) ने भी यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी एयरलाइन से संपर्क में रहें और यात्रा से पहले नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। हालांकि देर रात तक सिस्टम आंशिक रूप से बहाल हो गया था, लेकिन पूरी तरह सामान्य स्थिति में आने में कुछ और घंटे लग सकते हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: भविष्य के लिए सबक
इस घटना ने भारतीय विमानन प्रणाली के कुछ अहम कमजोर बिंदुओं को उजागर किया है। भविष्य में ऐसे संकट से बचने के लिए — एटीसी के लिए रीयल-टाइम बैक-अप सिस्टम को अनिवार्य बनाना होगा। यात्रियों के लिए एकीकृत सूचना-डिस्प्ले प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए ताकि उन्हें हर फ्लाइट का अपडेट तुरंत मिले। तकनीकी कर्मचारियों के लिए आपातकालीन प्रोटोकॉल और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण को और सशक्त किया जाए।
AMSS जैसे सिस्टम में रिडंडेंसी (redundancy) बढ़ाकर किसी भी एक पॉइंट फेल्योर से पूरे नेटवर्क को बचाया जा सके।
दिल्ली एयरपोर्ट ATC गड़बड़ी: डिजिटल युग में एयर ट्रैफिक सिस्टम की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
दिल्ली एयरपोर्ट पर एटीसी सिस्टम की यह गड़बड़ी केवल एक तकनीकी घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है- यह दिखाती है कि आधुनिक हवाई नेटवर्क की मजबूती कितनी हद तक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर है। इस व्यवधान ने जहां यात्रियों और एयरलाइनों को कठिनाई में डाला, वहीं यह भी संकेत दिया कि भविष्य में भारत के हवाई तंत्र को और अधिक मजबूत, साइबर-सुरक्षित और रियल-टाइम रिस्पॉन्सिव बनाना अनिवार्य हो गया है।

