Cryonics Technology: यह घटना साल 2015 की है, जब ब्रिटेन की एक 14 साल की लड़की कैंसर से पीड़ित थी। उसने इंटरनेट पर Cryonics Preservation के बारे में कुछ पढ़ा और जज को एक खत लिखा:
“मैं अभी सिर्फ 14 साल की हूँ और इतनी कम उम्र में मरना नहीं चाहती। मुझे लगता है कि क्रायोप्रिजर्वेशन के सहारे मैं ठीक हो पाऊँगी और दोबारा जिंदा हो जाऊँगी, भले ही इसमें सैकड़ों साल लग जाएँ। इसलिए मुझे दफनाया न जाए।
मैं काफी दिन जीना चाहती हूँ और मुझे लगता है कि भविष्य में एक दिन कैंसर का उपचार खोज लिया जाएगा और मैं जिंदा हो जाऊँगी। इसलिए मुझे यह मौका दिया जाए। यही मेरी ख्वाहिश है।”
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि क्रायोप्रिजर्वेशन (Cryonics Preservation) क्या है? वास्तव में अमर कैसे हुआ जा सकता है?
Cryonics Preservation क्या है?
क्रायोनिक्स एक ग्रीक शब्द “क्रायोस” से बना है जिसका अर्थ होता है ठंड। क्रायोनिक्स एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कानूनी मृत्यु घोषित होने के बाद शरीर या मस्तिष्क को संरक्षित किया जाता है। यह प्रक्रिया इस धारणा पर आधारित है कि भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र में ऐसी तकनीक अवश्य विकसित होगी जिससे मृत शरीर को पुनः जीवित किया जा सके।
Cryonics Technology: संरक्षित रखने की प्रक्रिया
Cryonics Preservation प्रक्रिया में मृत शरीर को धीरे-धीरे 0⁰C तक ठंडा किया जाता है। उसके बाद शरीर से रक्त को बाहर निकाल लिया जाता है। शरीर में मौजूद पानी को बर्फ बनने से बचाने के लिए क्रायोप्रोटेक्टेंट का मिश्रण शरीर में डाला जाता है। इसके बाद शरीर को -120⁰C से कम तापमान में रखा जाता है। फिर इसे सुरक्षित रखने के लिए तरल नाइट्रोजन के टैंकों में करीब -196⁰C पर रखा जाता है।
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क्या दुबारा जीवित होना संभव है?
जीव विज्ञान और तकनीक में समय के साथ अनुसंधान और विकास के चलते मृत्यु की परिभाषा में भी परिवर्तन हुआ है। पहले दिल की धड़कन का रुकना मृत्यु माना जाता था, लेकिन अब यदि दिल की धड़कन रुक भी जाए तो उसे पुनः चालू किया जा सकता है। तो फिर मृत्यु किसे कहेंगे? विज्ञान की दृष्टि से मृत्यु की सबसे अच्छी परिभाषा है:
“स्मृति और चेतना का इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाना कि मनुष्य को बचाना असंभव हो जाए।”
दुबारा जीवित होना विज्ञान में कितना संभव है?
Cryonics Preservation प्रक्रिया के सहारे भविष्य में इंसान को पुनर्जीवित करने की उम्मीद पर आधारित है। लेकिन अब तक कोई ऐसी तकनीक विकसित नहीं हो सकी है जो इसमें सफल हुई हो। हालांकि कुछ वैज्ञानिक इस प्रक्रिया को विकसित करने की कोशिश में लगे हुए हैं, हालांकि वर्तमान में यह तकनीक व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
वहीं, आध्यात्मिक विज्ञान में यह सदा ही संभव रहा है क्योंकि अध्यात्म में आत्मा को अमर बताया गया है।
क्या जीवात्मा अमर है?
श्रीमद्भागवत गीता, अध्याय 2, श्लोक 22
“वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरः अपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णानि अन्यानि संयाति नवानि देही।।22।।”
हिंदी: जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर नए वस्त्र ग्रहण करता है, वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीर को त्यागकर नया शरीर प्राप्त करती है।
श्रीमद्भागवत गीता, अध्याय 2, श्लोक 23
“नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।23।।”
हिंदी: इसे शस्त्र नहीं काट सकते, इसे अग्नि नहीं जला सकती, इसे जल नहीं भिगो सकता और इसे वायु नहीं सुखा सकती।
इन श्लोकों से स्पष्ट है कि आत्मा अमर है। मृत्यु के पश्चात आत्मा पुराने शरीर को त्यागकर नए शरीर में चली जाती है। पीछे किया गया कोई भी प्रयास व्यर्थ है।
जन्म-मृत्यु के चक्र से कैसे बचें?
जन्म-मृत्यु के चक्र से बचने के लिए मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर चलना होगा। मोक्ष प्राप्ति का मार्ग हमारे धार्मिक सद्ग्रंथों में विद्यमान है, जिसका ज्ञान केवल एकमात्र तत्वदर्शी संत ही दे सकता है।
तत्वदर्शी संत की पहचान श्रीमद्भागवत गीता जी के अध्याय 15 के श्लोक 1-4 में बताई गई है। वर्तमान में पूरे विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं।
अधिक जानकारी और जन्म-मृत्यु के इस चक्र को समझने के लिए अवश्य देखिए “सृष्टि रचना” का पूरा वीडियो।
Cryonics Technology FAQS
Q1. क्रायोनिक्स (Cryonics) क्या है?
उत्तर: क्रायोनिक्स एक तकनीक है जिसमें मृत शरीर या मस्तिष्क को अत्यधिक ठंड में संरक्षित किया जाता है ताकि भविष्य में चिकित्सा प्रगति के बाद उसे पुनर्जीवित किया जा सके।
Q2. क्रायोनिक्स शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: यह ग्रीक शब्द क्रायोस से लिया गया है, जिसका अर्थ है “ठंड”।
Q3. शरीर को क्रायोनिक्स में कैसे सुरक्षित किया जाता है?
उत्तर: शरीर को दवाइयाँ देकर ठंडा किया जाता है, रक्त को क्रायोप्रोटेक्टेंट से बदला जाता है और फिर तरल नाइट्रोजन में संरक्षित किया जाता है।
Q4. क्या क्रायोनिक्स से इंसान सचमुच जीवित हो सकता है?
उत्तर: अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह संभव हो सका है। यह केवल एक सैद्धांतिक संभावना और उम्मीद पर आधारित है।
Q5. क्या भारत में क्रायोनिक्स उपलब्ध है?
उत्तर: भारत में फिलहाल क्रायोनिक्स तकनीक व्यावहारिक रूप से उपलब्ध नहीं है।