देशभर के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण खबर है।केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार आयोजित करने की योजना बनाई है। अब छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर अंक हासिल करने का अतिरिक्त मौका मिलेगा। इस बदलाव से विद्यार्थियों का तनाव कम होगा और वे अपनी परफॉर्मेंस सुधार सकेंगे।
CBSE का यह नया बदलाव छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर लेकर आया है। अब वे अपनी परीक्षा की योजना बेहतर तरीके से बना सकेंगे और बिना किसी मानसिक दबाव के अपनी परफॉर्मेंस सुधार पाएंगे। यह कदम शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाने और छात्रों को अधिक आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित होगा।
बैठक में हुआ अहम फैसला
मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ने 19 फरवरी 2025 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में एक बैठक की। इसमें CBSE के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में इस नई परीक्षा प्रणाली के लाभ और इसे लागू करने की प्रक्रिया पर चर्चा हुई। जल्द ही इस संबंध में एक मसौदा तैयार कर सार्वजनिक राय के लिए जारी किया जाएगा, जिससे छात्र, शिक्षक और अभिभावक अपने सुझाव दे सकें।
CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा: नए नियम की मुख्य विशेषताएं
✅ साल में दो बार परीक्षा: अब छात्र एक ही साल में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे।
✅ बेहतर अंक हासिल करने का अवसर: यदि छात्र पहली परीक्षा से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो वे दूसरी बार परीक्षा देकर अपने अंक सुधार सकते हैं।
✅ तनाव में कमी: परीक्षा का दबाव कम होगा, जिससे छात्र अधिक आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दे सकेंगे।
✅ शिक्षा में लचीलापन: नई प्रणाली छात्रों को आत्मनिर्भर बनने और बेहतर योजना बनाने में मदद करेगी।
✅ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप: यह बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत परीक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी और अनुकूल बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
वैश्विक पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे भारतीय विषय
- सीबीएसई से संबद्ध 260 विदेशी स्कूलों के लिए तैयार होगा व्यापक वैश्विक पाठ्यक्रम
- शिक्षा मंत्री के साथ सीबीएसई, एनसीईआरटी, केवीएस व एनवीएस अफसरों ने की थी चर्चा
- सीबीएसई अपने से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के लिए एक वैश्विक पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
- वर्ष 2026-27 में लागू होने वाले इस पाठ्यक्रम में वैश्विक रूप से प्रासंगिक विषयवस्तु के साथ मुख्य भारतीय विषय भी शामिल किए जाएंगे।
CBSE ने 10वीं बोर्ड परीक्षा का ड्राफ्ट कब तैयार किया था?
अगस्त 2024 में इस योजना का प्रारंभिक मसौदा तैयार किया गया था। उस समय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि जिस तरह छात्रों को इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए साल में दो बार JEE देने का विकल्प मिलता है, उसी तरह अब 10वीं और 12वीं के छात्र भी साल में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे।
CBSE ने एग्ज़ाम कैलेंडर कैसे डिज़ाइन किया है?
CBSE 12वीं के छात्रों के लिए परीक्षा कैलेंडर इस तरह से डिज़ाइन कर रहा है कि साल में दो बार पूरे सिलेबस के साथ बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा सके और अंडरग्रेजुएट कोर्सेस में प्रवेश प्रक्रिया पर कोई असर न पड़े।
शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) डिज़ाइन करने का प्रस्ताव दिया था
अगस्त 2024 में शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) जारी किया था, जिसमें साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की सिफारिश की गई थी। अक्टूबर 2023 में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि छात्रों को दोनों परीक्षाओं में बैठना अनिवार्य नहीं होगा। वे अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा दे सकते हैं।
शिक्षा विशेषज्ञों की राय
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार का कहना है:
“यह बदलाव छात्रों को परीक्षा की बेहतर योजना बनाने और अपनी गलतियों को सुधारने का अवसर देगा। इससे बोर्ड परीक्षा का तनाव कम होगा और शिक्षा प्रणाली अधिक प्रभावी बनेगी।”
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. रश्मि गुप्ता कहती हैं
“परीक्षा का डर और दबाव छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। अब साल में दो बार परीक्षा होने से उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे बिना तनाव के बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।”
CBSE के नए नियम से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQs)
CBSE ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में क्या बदलाव किया है?
✅ अब CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित होगी, जिससे छात्रों को अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का अतिरिक्त मौका मिलेगा।
क्या छात्रों को दोनों परीक्षाओं में बैठना अनिवार्य होगा?
✅ नहीं, यह पूरी तरह छात्रों की पसंद पर निर्भर करेगा। यदि वे पहली परीक्षा से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो ही दूसरी परीक्षा दे सकते हैं।
इस बदलाव से छात्रों को क्या फायदा होगा?
✅ परीक्षा का दबाव कम होगा, वे अपनी तैयारी के अनुसार सही समय पर परीक्षा दे सकेंगे और उन्हें अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का अवसर मिलेगा।
क्या यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप है?
✅ हां, यह बदलाव NEP 2020 के लक्ष्य के अनुसार है, जिसमें शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और समावेशी बनाने पर ज़ोर दिया गया है।
CBSE ने इस योजना का मसौदा कब तैयार किया?
✅ इस योजना का मसौदा 19 फरवरी 2025 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में तैयार किया गया था। इसमें CBSE, NCERT, KVS और NVS के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।