नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 – राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार सुबह आयोजित ऐतिहासिक समारोह में चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10:10 बजे गणतंत्र मंडप में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राधाकृष्णन ने जगदीप धनखड़ का स्थान लिया, जिन्होंने जुलाई 2025 में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था।
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ ग्रहण में राजनीतिक दिग्गजों की मौजूदगी
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम और भारी जीत
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ के बाद श्रद्धांजलि कार्यक्रम
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति कार्यकाल से पहले का राजनीतिक सफर
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव और विपक्ष की चुनौतियां
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति कार्यकाल की संभावित चुनौतियां
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ समारोह का समापन
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ ग्रहण में राजनीतिक दिग्गजों की मौजूदगी
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और एम. वेंकैया नायडू, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी सहित अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यों के नेता, जैसे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी उपस्थित थे।
हालांकि, विपक्षी नेताओं की बैठने की व्यवस्था को लेकर असंतोष की खबरें आईं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दूसरी पंक्ति में स्थान मिला, जबकि अन्य विपक्षी नेताओं को पीछे बैठाया गया। खास तौर पर, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अनुपस्थित रहे क्योंकि वे गुजरात दौरे पर थे।
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम और भारी जीत
9 सितंबर 2025 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का प्रतिनिधित्व करते हुए 452 वोट हासिल किए। उनके प्रतिद्वंद्वी, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुधर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। संसद भवन में गुप्त मतदान के तहत हुए इस चुनाव में 781 में से 767 सांसदों ने मतदान किया, जो 98.2% मतदान प्रतिशत दर्शाता है।
चुनाव नतीजों ने राजनीतिक हलकों में क्रॉस-वोटिंग की अटकलों को जन्म दिया, क्योंकि एनडीए की अनुमानित ताकत 427 वोट थी, जबकि राधाकृष्णन को 25 वोट अतिरिक्त मिले। खुद राधाकृष्णन ने भी कहा, “राष्ट्रवादी विचारधारा ने कुछ विपक्षी सांसदों को प्रभावित किया।”
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ के बाद श्रद्धांजलि कार्यक्रम
शपथ ग्रहण के बाद राधाकृष्णन ने महात्मा गांधी को राजघाट पर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे ‘सदैव अटल’ जाकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को और ‘किसान घाट’ जाकर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को नमन करने पहुंचे। इन कार्यक्रमों को उनके संवैधानिक मूल्यों और सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक माना गया।
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति कार्यकाल से पहले का राजनीतिक सफर
67 वर्षीय राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद 11 सितंबर 2025 को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया। इससे पहले वे महाराष्ट्र, झारखंड और तेलंगाना के राज्यपाल रह चुके हैं और पुडुचेरी के उपराज्यपाल भी रहे। उनका प्रशासनिक अनुभव उनके चयन का एक बड़ा आधार रहा।
वे 1998 से 2004 तक कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रहे और वाजपेयी सरकार के दौरान संसदीय कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। अब राज्यसभा के सभापति के रूप में उनकी भूमिका से उम्मीद है कि वे ऊपरी सदन की कार्यवाही को गरिमा और संतुलन के साथ संचालित करेंगे।
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह में शामिल होकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर संदेश लिखा – “थिरु सीपी राधाकृष्णन जी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। एक समर्पित जनसेवक के रूप में उन्होंने राष्ट्र निर्माण, सामाजिक सेवा और लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त करने में जीवन लगाया है। उन्हें सफल उपराष्ट्रपति कार्यकाल की शुभकामनाएं।”
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव और विपक्ष की चुनौतियां
धनखड़ के इस्तीफे के बाद हुए इस चुनाव ने एनडीए की ताकत को उजागर किया और विपक्ष की एकजुटता पर प्रश्न खड़े किए। विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी को 300 वोट मिले, लेकिन क्रॉस-वोटिंग ने यह स्पष्ट किया कि विपक्ष के भीतर मतभेद मौजूद हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह जीत राधाकृष्णन की राष्ट्रीय राजनीति में पकड़ को और मजबूत करेगी।
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति कार्यकाल की संभावित चुनौतियां
राज्यसभा के सभापति के रूप में राधाकृष्णन को सदन की कार्यवाही निष्पक्ष और संतुलित ढंग से संचालित करनी होगी। उनका आरएसएस से जुड़ाव और वर्षों का प्रशासनिक अनुभव इस भूमिका में सहायक हो सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि उनकी तटस्थता और संतुलित नेतृत्व राज्यसभा की गरिमा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ समारोह का समापन
समारोह का समापन राधाकृष्णन द्वारा केंद्रीय मंत्रियों और विपक्षी नेताओं के साथ चाय-चर्चा से हुआ। यह अवसर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच संवाद और सौहार्द का प्रतीक बना। नए उपराष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल लोकतांत्रिक संस्थाओं को और मजबूत करने की उम्मीदों के साथ शुरू हुआ है।