हाल ही में अमेरिका की संसद यानी कांग्रेस ने एक नया महत्वपूर्ण बिल पास किया है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ कहकर सराहा है। इस बिल में खासकर अमेरिका की दो अहम एजेंसियों – आईसीई (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) और एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) के बजट में बदलाव किया गया है। इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें हो रही हैं, जिनमें यह दावा भी शामिल है कि अब अमेरिका का आंतरिक सुरक्षा बजट रूस की सैन्य ताकत से भी ज्यादा हो गया है। लेकिन असलियत कुछ और है।
आईसीई का बजट तीन गुना बढ़ा
एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2025 के वित्तीय बजट में आव्रजन और सीमा प्रवर्तन एजेंसी (ICE) के लिए फंड में भारी बढ़ोतरी करते हुए इसे लगभग तीन गुना बढ़ाकर 9.3 बिलियन डॉलर कर दिया है। एक्सियोस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप सरकार की योजना है कि आने वाले पांच सालों में आईसीई को 100 से 150 बिलियन डॉलर के बीच राशि मुहैया कराई जाए। इसका मतलब है कि आने वाले वर्षों में आईसीई का सालाना बजट लगभग 30 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
आईसीई अमेरिका में इमिग्रेशन कानूनों को लागू करने वाली सबसे बड़ी एजेंसी है। इसमें मुख्य रूप से अवैध प्रवासियों की धरपकड़, सीमा सुरक्षा और तस्करी पर नजर रखना शामिल है। बजट बढ़ने से इसका नेटवर्क और ऑपरेशन दोनों मजबूत होंगे।
एफबीआई के बजट में मामूली कटौती
दूसरी तरफ एफबीआई के बजट में 545 मिलियन डॉलर की मामूली कमी की गई है। पहले इसका बजट 10.6 बिलियन डॉलर था, जो अब घटकर 10.1 बिलियन डॉलर रह गया है। हालांकि एफबीआई अभी भी अमेरिका की सबसे अहम खुफिया और अपराध जांच एजेंसी है।
कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो अब आईसीई और एफबीआई का मिला-जुला सालाना बजट करीब 40 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
रूस के रक्षा बजट से तुलना
अब रूस के वार्षिक रक्षा व्यय की बात करें तो स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा अप्रैल 2025 में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, रूस इस वर्ष अपने सैन्य क्षेत्र पर लगभग 15.5 ट्रिलियन रूबल खर्च करने की योजना बना रहा है। यदि इस राशि को अमेरिकी डॉलर में परिवर्तित किया जाए, तो यह आंकड़ा करीब 174 अरब डॉलर तक पहुंचता है।
इससे साफ होता है कि अभी भी रूस का सालाना रक्षा बजट अमेरिका के एफबीआई और आईसीई के संयुक्त बजट से काफी बड़ा है। हां, सोशल मीडिया पर जो दावा वायरल हुआ कि अमेरिका का आंतरिक सुरक्षा बजट रूस की पूरी सेना से भी ज्यादा है, वह दरअसल पांच साल के प्रोजेक्टेड बजट को सालाना बजट समझकर फैलाया गया है।
क्यों हुआ भ्रम?
असल में ट्रंप सरकार की योजना के मुताबिक आईसीई और एफबीआई को मिलाकर आने वाले पांच सालों में करीब 180 बिलियन डॉलर खर्च होंगे। इसी आंकड़े को कुछ जगहों पर रूस के एक साल के रक्षा खर्च से तुलना करके गलत नतीजा निकाला गया। जबकि सच यह है कि रूस का सालाना बजट ही 174 बिलियन डॉलर है।
ट्रंप ने क्यों कहा ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’
इस बिल को पास कराने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ इसलिए कहा क्योंकि इससे उनकी नीतियों को मजबूती मिली है। अवैध आव्रजन पर सख्ती करना, सीमा सुरक्षा को बढ़ाना और अमेरिका के अंदर सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना ट्रंप की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक रहा है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, इस बिल से अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा एजेंसियां जरूर ज्यादा फंडेड हो जाएंगी, लेकिन रूस की सैन्य शक्ति की तुलना में अभी भी यह काफी पीछे है। हां, इससे इतना जरूर हुआ है कि अमेरिकी इमिग्रेशन और खुफिया निगरानी का ढांचा और भी सशक्त हो जाएगा।