आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं। पढ़ाई, मनोरंजन, सामाजिक जुड़ाव – हर चीज के लिए मोबाइल जरूरी हो गया है। लेकिन यह सुविधा अब एक समस्या बनती जा रही है, खासकर जब बात बच्चों की हो। बच्चों में मोबाइल की लत न केवल उनके मानसिक विकास को प्रभावित करती है, बल्कि उनकी आंखों, नींद, और सामाजिक व्यवहार पर भी बुरा असर डालती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (NIMHANS) और WHO की रिपोर्ट्स में भी यह बताया गया है कि 5-15 वर्ष के बच्चों में स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी चिंता का विषय बनती जा रही है। ऐसे में अभिभावकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं कुछ प्रभावी तरीके जिनसे आप बच्चों को मोबाइल की लत से बचा सकते हैं।
1. बच्चों के लिए समय-सारणी बनाएं

मोबाइल का इस्तेमाल पूरी तरह बंद करना संभव नहीं है, खासकर जब ऑनलाइन क्लासेज या शैक्षणिक ऐप्स की जरूरत होती है। इसलिए सबसे पहला कदम है – एक समय-सारणी बनाना।
- बच्चों को दिनभर में कितनी देर मोबाइल का उपयोग करना है, यह तय करें।
- स्क्रीन टाइम को 1 से 2 घंटे तक सीमित रखें (WHO के अनुसार 5-17 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए यही उचित है)।
- इस समय-सारणी को रोजाना फॉलो करवाएं और खुद भी उदाहरण बनें।
2. वैकल्पिक गतिविधियों में रुचि जगाएं
मोबाइल से ध्यान हटाने के लिए जरूरी है कि बच्चों को ऐसे विकल्प दिए जाएं जो उन्हें रोचक और उपयोगी लगें।
- आउटडोर गेम्स, साइकलिंग, चित्रकारी, कहानी लेखन या पज़ल गेम्स जैसे विकल्प बढ़िया होते हैं।
- बच्चों को बुक रीडिंग या बोर्ड गेम्स की आदत डालें।
- आप खुद भी उनके साथ इन गतिविधियों में भाग लें, ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिले।
3. मोबाइल का उपयोग करते समय निगरानी रखें

अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों की मोबाइल एक्टिविटी पर नज़र रखें, लेकिन तानाशाही नहीं दिखाएं। यह एक संतुलित दृष्टिकोण होना चाहिए।
- पैरेंटल कंट्रोल ऐप्स (जैसे Google Family Link, Safe Lagoon आदि) का इस्तेमाल करें।
- जानें कि बच्चा किन ऐप्स या गेम्स का उपयोग कर रहा है।
- मोबाइल पर पासवर्ड रखें और केवल आवश्यकता होने पर ही एक्सेस दें।
4. मोबाइल को पुरस्कार की तरह प्रयोग करें
मोबाइल को ‘हक’ न मानने दें, बल्कि इसे एक इनाम की तरह उपयोग में लाएं।
- यदि बच्चा होमवर्क समय पर पूरा करता है, तो उसे 15-20 मिनट मोबाइल उपयोग की अनुमति दें।
- इसके विपरीत, अनुशासनहीनता या काम न करने पर मोबाइल उपयोग सीमित करें।
- इससे बच्चा समझेगा कि मोबाइल एक जरूरत नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी से जुड़ी सुविधा है।
5. परिवार के साथ समय बिताना बढ़ाएं

आजकल बच्चे अकेलेपन में मोबाइल की ओर आकर्षित होते हैं। इसका उपाय है – सामूहिक पारिवारिक समय।
- डिनर टेबल पर ‘नो मोबाइल रूल’ लागू करें।
- सप्ताह में कम से कम एक दिन फैमिली गेम रखें।
- बच्चों से बातचीत करें, उनके मन की बातें सुनें – इससे भावनात्मक जुड़ाव बढ़ेगा और मोबाइल की आवश्यकता कम महसूस होगी।
मोबाइल लत से मुक्ति का एक जादुई समाधान :
संत रामपाल जी महाराज जी के अमूल्य सत्संगों से यह स्पष्ट होता है कि आज के समय में मोबाइल जैसी भौतिक वस्तुएं बच्चों के मन-मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डाल रही हैं। संत जी समझाते हैं कि एक संतुलित जीवन वही है जिसमें भक्ति और संयम दोनों हों। बच्चों को भौतिक आकर्षणों से हटाकर आध्यात्मिक मार्ग की ओर प्रेरित करना आवश्यक है। यदि हम उन्हें सत्संग, भजन, सच्चे ज्ञान और प्रभु भक्ति से जोड़ें, तो उनका मन मोबाइल जैसी चीजों से स्वतः हट जाएगा। इसके लिए सबसे पहले माता-पिता को भी सच्चे संत की शरण लेकर स्वयं आदर्श बनना होगा। तभी हम बच्चों को मोबाइल की लत से बचाकर एक उज्जवल और संतुलित जीवन की ओर ले जा सकते हैं।
Also Read: स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से पेरेंट्स और बच्चों के रिश्तों में बढ़ रहा तनाव
अब ये जिम्मेदारी मां बाप की है कि वो अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर ये कदम उठाएं। अब तक हजारों ऐसे मामले देखे जा चुके हैं जिनमें संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से प्रेरणा लेकर बच्चों ने मोबाइल फोन की बुरी लत से किनारा कर लिया और अपने करियर में आगे बढ़ गए।
अपनी पढ़ाई व दैनिक कार्यों के साथ वो बच्चे अब संत रामपाल जी महाराज की सच्ची भक्ति में अपना समय लगा रहे हैं, वही समय जो पहले मोबाइल में रिल्स इत्यादि देखने में नष्ट हो जाता था।
आप भी अपने बच्चों को संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से प्रेरित करें। इस दिशा में आपका पहला कदम ये हो सकता है कि आप संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक ज्ञान गंगा अपने बच्चों को दें। इस पुस्तक को निःशुल्क घर पर मंगवाया भी जा सकता है लेकिन अभी आप इसकी PDF डाउनलोड करके अपने बच्चों को भेज सकते हैं। PDF डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें।
बच्चों में मोबाइल की आदत कैसे छुड़ाएं – आसान और कारगर तरीकों पर FAQs:
Q1. बच्चों को मोबाइल की लत से कैसे बचाया जा सकता है?
बच्चों को मोबाइल की लत से बचाने के लिए समय-सीमा तय करें, वैकल्पिक गतिविधियों में उनकी रुचि बढ़ाएं, और सत्संग व भक्ति से जोड़ें जैसा कि संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया है।
Q2. मोबाइल की लत बच्चों के जीवन को कैसे प्रभावित करती है?
यह लत मानसिक विकास, नींद, आंखों की रोशनी और सामाजिक व्यवहार पर नकारात्मक असर डालती है।
Q3. क्या संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान बच्चों को मोबाइल से दूर कर सकता है?
हाँ, संत रामपाल जी का ज्ञान बच्चों में भक्ति, अनुशासन और संयम को बढ़ाता है, जिससे उनका मन मोबाइल की ओर कम आकर्षित होता है।
Q4. बच्चों का स्क्रीन टाइम कितना होना चाहिए?
WHO के अनुसार 5–17 वर्ष के बच्चों के लिए प्रतिदिन 1 से 2 घंटे से अधिक स्क्रीन टाइम नहीं होना चाहिए।
Q5. क्या पैरेंटल कंट्रोल ऐप्स बच्चों की मोबाइल लत पर नियंत्रण कर सकते हैं?
हाँ, ये ऐप्स उपयोगी हैं लेकिन संतुलन के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शन, संवाद और वैकल्पिक क्रियाएं भी जरूरी हैं।