झारखंड, भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित एक खूबसूरत राज्य है, जो अपनी सुंदरता और खनिज संसाधनों के लिए जाना जाता है। हरे-भरे जंगल, कलकल करती नदियाँ और ऊँची पहाड़ियाँ यहाँ की विशेषताएँ हैं। यह राज्य सांस्कृतिक धरोहर से भी समृद्ध है और औद्योगिक विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन झारखंड को पर्यावरणीय समस्याओं और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस लेख में जानते हैं झारखंड की खास बातें।
झारखंड का भौगोलिक अवलोकन
झारखंड का नाम “झार” और “खंड” से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है जंगलों का टुकड़ा। यह राज्य लगभग 79,714 किमी² के क्षेत्र में फैला हुआ है और भौगोलिक विविधताओं से भरा हुआ है। भारतीय वन सर्वेक्षण की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य का करीब 29.62% क्षेत्र वनों से ढका हुआ है, जो लगभग 23,611 किमी² है। झारखंड भारत के कुल खनिज उत्पादन में 40% से अधिक का योगदान करता है।
झारखंड का इतिहास
झारखंड का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है, जब इसे “वन प्रदेश” या जंगलों की भूमि के रूप में जाना जाता था। इस क्षेत्र में आदिवासी जनजातियाँ, जैसे संथाल, मुंडा, हो और उरांव, प्राचीन समय से निवास करती आ रही हैं। झारखंड की भूमि पर मौर्य, गुप्त, मगध और पाल वंश का शासन भी रहा है। झारखंड में कई आदिवासी विद्रोह हुए, जैसे संथाल विद्रोह (1855-56) और बिरसा मुंडा का “उलगुलान” (1899-1900)। ये विद्रोह आदिवासियों के शोषण और बाहरी लोगों के दखल के खिलाफ थे। स्वतंत्रता के बाद, झारखंड बिहार का हिस्सा रहा, लेकिन 15 नवंबर 2000 को इसे एक स्वतंत्र राज्य बना दिया गया।
झारखंड की अर्थव्यवस्था
झारखंड की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से खनन, उद्योग और कृषि पर आधारित है। जमशेदपुर राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है, जहाँ टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियों के कारखाने हैं। बोकारो का स्टील प्लांट और धनबाद का कोयला खनन राज्य की आर्थिक रीढ़ हैं।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड
झारखंड की स्वास्थ्य सेवाएँ कमजोर बुनियादी ढाँचे से ग्रस्त हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। अस्पतालों और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी, साथ ही चिकित्सा सुविधाओं की अनियमितता, लोगों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर यहाँ राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं, जिसका मुख्य कारण स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुँच और जागरूकता की कमी है।
झारखंड की संस्कृति
सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, झारखंड एक अद्भुत विविधता का केंद्र है। यहाँ के आदिवासी समुदायों, जैसे संथाल, मुंडा और हो, की अपनी अनूठी संस्कृति और रीति-रिवाज हैं। आदिवासी त्योहारों, जैसे करमा, सरहुल और सोहराई, का राज्य में विशेष महत्त्व है, जो इन समुदायों की सांस्कृतिक पहचान को उजागर करते हैं।