दोस्तों अधिकतर लोग केवल यही जानते है, कि Vitamin D की कमी केवल धूप कम लेने से ही होती है, लेकिन आज इस रिपोर्ट के माध्यम से हम आपके सामने इस रहस्य को उजागर करते है कि, केवल धूप ही नही, कई अन्य कारणों से भी Vitamin D की कमी होती है, और Vitamin D की कमी को पूरा करने के उपाय पर भी प्रकाश डाला जाएगा, लेकिन इसमें ध्यान रखने योग्य बात यह है कि चिकित्सक का परामर्श लेना आवश्यक है, क्योंकि हमारा शरीर वास्तव में क्या चाह रहा है, क्या लेना है क्या नही लेना है, उसके बारे में चिकित्सक ही ठीक ठीक जानकारी बताते है।
दोस्तों, यह बात बिल्कुल सही है कि धूप से हमें विटामिन D मिलता है। इसके अलावा भी कई कारण होते हैं, जिनकी वजह से विटामिन D की कमी हो जाती है। जैसे फोर्टिफाइड पौधों, दूध और अनाज का कम सेवन, मौसम और भौगोलिक स्थिति, अधिक मोटापा, कुछ बीमारियाँ, कुछ दवाइयों का सेवन और उम्र के हिसाब से भी विटामिन D की कमी हो सकती है। आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
उम्र के हिसाब से त्वचा में कम होती है Vitamin D बनाने की क्षमता
बुजुर्ग लोगों में Vitamin D बनाने की क्षमता की कमी रहती है, क्योंकि उम्र के हिसाब से त्वचा में Vitamin D बनाने की क्षमता काफी कम होती है, इसीलिए प्रौढ़ावस्था में कमजोरी व थकान बहुत ज्यादा होती है।
गहरे रंग की त्वचा में भी कम होती है Vitamin D उत्पादक क्षमता
जिन लोगों की गहरे रंग की त्वचा होती है, उनमें भी Vitamin D की कमी पाई जा सकती है, क्योंकि गहरे रंग की त्वचा में मेलेनिन अत्यधिक मात्रा में होता है, जिस पर धूप पड़ने से धूप का प्रभाव कम हो जाता है और त्वचा में पाया जाने वाला मेलेनिन त्वचा में Vitamin D की उत्पादक क्षमता को कम करता है।
बीमारियों के कारण भी Vitamin D की हो सकती है कमी
कई बीमारियां जैसे कि क्रोनिक किडनी रोग, लीवर की बीमारी इत्यादि भी Vitamin D की कमी का कारण बन सकती है, क्योंकि कुछ बीमारियों में ऐसे पदार्थ व भोजन से परहेज करना पड़ता है, जिसमें अच्छी मात्रा में Vitamin D मिलता हो।
मोटापा भी बन सकता है Vitamin D की कमी का कारण
यदि आप भी मोटापे के शिकार है, तो इसे भी कम करने की कोशिश करें, क्योंकि मोटापे के कारण हमारी सेहत से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं हो सकती है जो कि Vitamin D की कमी के लिए उत्तरदायी है।
शरीर की रचना और इसका वास्तविक उद्देश्य क्या है?
शरीर को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए प्रत्येक तत्व की उचित मात्रा में आवश्यकता होती है। यदि इनमें से किसी एक की भी अधिकता या कमी हो जाए, तो शरीर विभिन्न रोगों से ग्रस्त हो सकता है। चाहे हमारा शरीर पूर्णतः स्वस्थ हो या नहीं, फिर भी हमें उस सर्वशक्तिमान परमात्मा का हृदय से धन्यवाद करना चाहिए, जिन्होंने हमें यह अनमोल शरीर प्रदान किया है।
जरा विचार कीजिए — यह शरीर कितनी अद्भुत संरचना से बना है। इसमें असंख्य नाड़ियाँ, अंग-प्रत्यंग और अत्यंत सूक्ष्म तंत्र हैं, जो एक विशेष उद्देश्य के लिए हमें प्रदान किए गए हैं।
कबीर परमेश्वर जी का दिव्य वचन है:
“कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार।
तरुवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगे डार॥”
इसका तात्पर्य यह है कि मानव जीवन अत्यंत दुर्लभ है और बार-बार प्राप्त नहीं होता। जिस प्रकार वृक्ष से गिरा पत्ता दोबारा शाखा से नहीं जुड़ सकता, वैसे ही यह जीवन एक बार चला गया तो फिर प्राप्त होना अत्यंत कठिन है।
यह मानव जीवन हमें केवल सांसारिक सुखों के लिए नहीं मिला, बल्कि इसका परम उद्देश्य है — उस परमात्मा की भक्ति करना, जिन्होंने हमें यह अवसर प्रदान किया है कि हम पुनः अपने वास्तविक लोक में लौट सकें, जहां से हम आए हैं।
अतः समस्त मानव समाज से विनम्र निवेदन है कि आप संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपने जीवन का कल्याण सुनिश्चित करें और इस दुर्लभ अवसर को व्यर्थ न जाने दें।
Vitamin D की कमी पर FAQs
प्रश्न-: विटामिन डी की कमी का एक प्रमुख कारण क्या है?
उम्र बढ़ने के साथ त्वचा में विटामिन डी बनाने की क्षमता कम होना।
प्रश्न-: गहरे रंग की त्वचा में विटामिन डी उत्पादक क्षमता कम होने का क्या कारण है?
गहरे रंग की त्वचा में मेलेनिन अत्यधिक मात्रा में होता है।
प्रश्न-: कौन सी बीमारियाँ विटामिन डी की कमी का कारण बन सकती हैं?
क्रोनिक किडनी रोग और लीवर की बीमारी।
प्रश्न-: मोटापा विटामिन डी की कमी का कारण बन सकता है?
हाँ।
प्रश्न-: विटामिन डी की कमी के लिए क्या करना चाहिए?
अपने विटामिन डी के स्तर की जांच करवाएं और अपने डॉक्टर से परामर्श लें।