पिछले कई सप्ताह से तड़के की धूप और भीषण गर्मी के बाद भारत में आखिर मानसून ने दस्तक दे ही दी है। बारिश का मौसम अक्सर खुशियों का मौसम माना जाता है। बारिश की बूंदें न केवल धरती को तृप्त करती हैं, बल्कि लोगों के मन को भी खुशी और उत्साह से भर देती हैं।
बारिश में भीगना, पानी में उछलकूद करते हुवे खेलना, या घर या बस की खिड़की से बारिश को देखना, बच्चों और बड़ों दोनों के लिए यह एक आनंददायक अनुभव होता है। लेकिन इस बरसाती मौसम में खुशियों के साथ कई तरह की बीमारियों का संक्रमण भी बढ़ जाता है। मानसून में मच्छरों की संख्या बड़ी तादाद में बढ़ने लगती है, जिससे डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, हैजा और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
इसके साथ ही बुखार, उल्टी, दस्त, सर्दी, ज़ुकाम जैसी अनेकों बीमारियां बारिश में फैलती हैं। आइए जानते हैं इस लेख द्वारा बरसाती मानसून में फैलने वाली बीमारियों से बचने के लिए कुछ ऐसे प्रभावी उपायों के बारे में, जिन्हें अपनाकर आप ख़ुद को और अपने परिवार के बच्चों, बुजुर्गों को भी बीमारियों से सुरक्षित रख सकते है। पढ़िए पूरा लेख…
भारत में फैलने वाली सामान्य मानसूनी बीमारियाँ
🔹 मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारियां – मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस और पीला बुखार
🔹 हवा द्वारा फैलने वाली बीमारियां – खांसी, सर्दी-जुकाम, निमोनिया, खसरा, और इन्फ्लूएंजा (फ्लू)
🔹 पानी द्वारा फैलने वाली बीमारियां – टाइफाइड, कोलेरा, लेप्टोस्पिरोसिस, जॉण्डिस, गैस्ट्रों-इंटेस्टाइनल संक्रमण, हेपेटाइटिस ए
बरसाती मानसून में बीमारियों से बचने उपाय
1.मच्छरों से बचें (Avoid mosquitoes): बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या में काफी तेज़ी से बढ़ोतरी होती है, जिससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस और पीला बुखार जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, घरों के आस-पास की नालियों में पानी जमा न होने दें, क्योंकि यही ठहरा हुआ पानी ही मच्छरों के पनपने का मुख्य कारण बनता है।
मच्छरों से बचाव के लिए पूरे आस्तीन के कपड़े पहनना ज़रूरी हैं। बरसात में सोते समय मच्छरदानी और दिन में मच्छर भगाने वाले उत्पाद जैसे- धूप, अगरबत्ती, निम की पत्तियों से धुआं करने आदि पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कमजोर होती है। यदि बुखार, सिरदर्द या बदन में दर्द जैसी शिकायत हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से संपर्क करें।
2.बारिश में भीगने से बचें (Avoid getting wet in the rain): शुरुआती मानसून में बारिश का आनंद लेना तो सभी को पसंद है, लेकिन बारिश में भीगने से सर्दी, ज़ुकाम और बुखार जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। विशेषज्ञों के परामर्श अनुसार, बारिश में भीगने के तुरंत बाद गीले कपड़ों को बदलकर सूखे और गर्म कपड़े पहनना चाहिए। साथ ही, गुनगुना गर्म पानी पीना और हल्दी वाला गर्म दूध या तुलसी-अदरक की काली चाय का सेवन करना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
3.घर के आसपास साफ-सफाई रखें (Keep cleanliness around the house): बरसात के दिनों में घर के आस-पास जमा गंदगी और पानी कई तरह की बीमारियों को न्योता देती है, जिनमें डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और हैजा जैसी बीमारियां प्रमुख हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के दिनों में घर और आसपास की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। घर के नज़दीक पानी जमाव न होने दें, वातावरण को साफ और कूड़ा-कचरा रहित रखें।
4.रोगग्रस्त लोगों से दूर रहें (Stay away from sick people): बरसाती मानसून के दौरान वातावरण में नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण वायरल इंफेक्शन, फ्लू, खांसी-जुकाम जैसी संक्रामक बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं, जो आमतौर पर एक-दूसरे के संपर्क में आने से होती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मौसम में सार्वजनिक जगहों पर जाते समय मास्क पहनना, घर आते ही हाथों को साबुन से धोना या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
छींकते या खांसते समय रूमाल या टिशू पेपर का इस्तेमाल करें ताकि हानिकारक बैक्टीरिया का संक्रमण न फैले। इस प्रकार की सावधानी अपनाकर हम मानसून में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से खुद को और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
5.स्वस्थ आहार लें (Eat a healthy diet): मानसून के शुरुआती दिनों में जहां एक ओर मौसम सुहावना और आनंददायक होता है, वहीं दूसरी ओर बीमारियों के संक्रमण तथा जलजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में स्वस्थ ओर संतुलित आहार का सेवन बीमारियों से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में ताज़े, हल्के और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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हरी पत्तेदार सब्जियों को साफ़-सुथरे पानी से अच्छी तरह धोकर पकाना चाहिए। भरपूर विटामिन-सी युक्त ताज़े फलों जैसे आंवला, अमरूद, नींबू, संतरा और पपीता का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में बेहतर मदद करता है।
6. नियमित व्यायाम करें (Exercise regularly): बरसाती मौसम में अधिक बारिश होने से नमी और ठंडक के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे कई तरह के वायरल बुखार, खांसी-जुकाम और उल्टी, दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं शरीर को जल्दी घेर लेती हैं। ऐसे में नियमित व्यायाम करना न केवल शरीर को सक्रिय बनाए रखता है, बल्कि हमारे इम्यून सिस्टम को भी बेहतर मजबूती प्रदान करता है।
मानसूनी बीमारियों से सुरक्षित रहने हेतु स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि योग, प्राणायाम, स्ट्रेचिंग या घर के अंदर किए जाने वाले हल्के व्यायाम मानसून में बेहद लाभकारी होते हैं। नियमित व्यायाम से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और हमारे शरीर में जमा विषैले तत्वों का बाहर निकलना आसान हो जाता है। बरसात में मौसम चाहे जैसा भी हो, प्रतिदिन 20–30 मिनट का व्यायाम बीमारियों से बचाव हेतु कारगर साबित हो सकता है।
7.लक्षण दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लें (Consult a doctor): बदलते मौसम में बारिश के कारण वातावरण में नमी और गंदगी के कारण संक्रमण फैलने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। डेंगू, मलेरिया, दस्त, त्वचा में खुजली, वायरल बुखार और फूड पॉयज़निंग जैसी बीमारियाँ आम हो जाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस मौसम में किसी भी प्रकार के लक्षण जैसे लगातार बुखार, थकान, खांसी, उल्टी या शरीर पर चकत्ते को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
आपका छोटा सा ध्यान, आपके पूरे परिवार को बरसात में सुरक्षित रख सकता है। समय पर चिकित्सीय सलाह लेने से बीमारी के गंभीर रूप लेने से पहले उसका इलाज संभव होता है। साथ ही, डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाएं लेना और स्वैच्छिक इलाज न करना भी बेहद ज़रूरी है। बरसात में सतर्कता और विशेषज्ञ की राय ही संक्रमण से सुरक्षा की सबसे बड़ी ढाल है।
मॉनसून में बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए कुछ अन्य सुझावः
- बाहर के खाने से बचें, क्योंकि बरसात के दिनों में बीमारियों का संक्रमण अधिक होता है।
- व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करें, गीले कपड़ों को प्रेस करके ही इस्तेमाल करें, ताकि फंगल और अन्य स्किन इंफेक्शन से बचा जा सके।
- बारिश में अपनी त्वचा को खराब पानी और गंदगी से सुरक्षित रखने के लिए पूरी आस्तीन वाले हल्के कपड़ो के ऊपर विशेष ध्यान दें।
- चिकनाई, तेल और सोडियम (नमक) की खपत को कम करें, और अनावश्यक डेयरी उत्पादों से बचें क्योंकि इनमें आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माइक्रोऑर्गेनिज़म भी विद्यमान हो सकते हैं।
- ताज़े कुनकुने गर्म पानी के सेवन से जलजनित बीमारियों से बचा जा सकता है। पानी को गर्म करने से उसमें मौजूद बैक्टीरिया और वायरस नष्ट हो जाते हैं।
बरसात के दिनों में ही नहीं, बल्कि आजीवन सुरक्षित रहने का ‘रामबाण’ उपाय बताते हैं संत रामपाल जी
रिमझिम बरसात के दिनों में जहां एक ओर प्रकृति का सौंदर्य आकर्षक और हरियाली से सुशोभित देखने को मिलता है, वहीं दूसरी ओर बारिश में संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों का खतरा भी काफी घातक साबित हो जाता है। ऐसे समय में केवल शारीरिक सावधानी ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की ओर भी ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। जीवों को रोगों से मुक्ति दिलाने और आजीवन सुखमय जीवन प्रदान करने के लिए इस धरातल पर संत रामपाल जी महाराज आए है।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी गई धर्मशास्त्रों में वर्णित शास्त्रानुकूल सतभक्ति न केवल व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि ईश्वर की दया से कई प्रकार की मानसिक और शारीरिक बीमारियों से भी रक्षा करती है। संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि सच्चे नाम की भक्ति करने से आत्मबल बढ़ता है और धीरे-धीरे शरीर से त्रिगुणमय नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता जाता है, जिससे रोगों का प्रभाव कम होता है।
सच्चे ईश्वर की शरण और नियमबद्ध जीवनशैली अपनाकर मानसून जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी स्वास्थ्य और संतुलन बनाए रखना संभव है। बरसात के दिनों में रोगों से मुक्ति पाने और अपने समय का सदुपयोग करने हेतु घर बैठें पढ़ें जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित जीवन कल्याण पुस्तकें ज्ञान गंगा और जीने की राह, संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क पुस्तकें घर बैठें मंगवाने हेतु हमें +917496801823 नंबरों पर संपर्क करें।
बरसाती मानसून में बीमारियों से सुरक्षा से जुड़े कुछ FAQs:
1.बरसात के मौसम में मच्छरों से कैसे बचें?
बरसात के दिनों में मच्छरों से बचाव हेतु मच्छरदानी का उपयोग करें। मच्छरों के पनपने की रोकथाम के लिए अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें।
2. बरसात के मौसम में खाने-पीने की कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
बरसात के दिनों में बाहर के खाने से परहेज़ करें, अन्यथा आप बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। बाहर से लाई गई सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से धोकर खाएं।
3. बरसात के मौसम में कौन सी बीमारियाँ फैलने का खतरा होता है?
बरसात के मौसम में, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा, टाइफाइड, और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियाँ फैलने का खतरा होता है।
4.बरसात के मौसम में बीमार होने पर क्या करें?
यदि आप बीमार महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। उचित उपचार और आराम से, आप जल्द ही ठीक हो सकते हैं।