जब सीमा पर भारतीय जवान अपनी जान हथेली पर लेकर खड़े होते हैं, तब उनके पास उपलब्ध हथियार केवल उपकरण नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का कवच भी होते हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अब भारतीय सेनाओं को और भी मज़बूती प्रदान करने के लिए 28 उन्नत और स्वदेशी हथियार सिस्टम की पेशकश की है।
DRDO Latest Weapon 2025 से जुड़े मुख्य बिंदु:
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का बड़ा कदम
- तीनों सेनाओं को मिली ताकतवर हथियारों की सूची
- सीमा सुरक्षा और रणनीतिक बढ़त सुनिश्चित
- 300 करोड़ तक की आपातकालीन सीधी खरीद को मंज़ूरी
क्यों है DRDO की यह पहल महत्वपूर्ण?
आज के समय में जब रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-ईरान तनाव जैसे वैश्विक संकट दुनिया को हिला रहे हैं, तब भारत की सैन्य तैयारियाँ बहुत मायने रखती हैं। DRDO की यह पहल न सिर्फ़ आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम हो।
कौन-कौन से हैं वो 28 घातक हथियार?
DRDO की नई सूची में शामिल कुछ प्रमुख हथियार:
- हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर मार गिराने वाली मिसाइलें
- स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार
- लेज़र-गाइडेड बम
- हेलीकॉप्टर व ग्राउंड लॉन्च नाग एंटी-टैंक मिसाइल
- नौसेना के लिए एंटी-शिप मिसाइल
- रुद्रम एंटी-रेडिएशन मिसाइल
- लंबी दूरी के ग्लाइड बम
- एडवांस्ड लाइटवेट टॉरपीडो
- मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
- 155 मिमी आर्टिलरी गोला-बारूद
किससे खरीदे जाएंगे ये हथियार?
DRDO ने उन एजेंसियों के नाम भी दिए हैं जो ये हथियार तैयार करेंगी और आपूर्ति करेंगी:
- सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड – पिनाका रॉकेट सिस्टम
- भारत डायनेमिक्स लिमिटेड – मिसाइल, बम, टॉरपीडो आदि
केंद्र सरकार की मंज़ूरी से सेनाएं आपातकालीन स्थिति में 300 करोड़ रुपये तक के हथियार सीधे इनसे खरीद सकती हैं।
🇮🇳 DRDO: देश की रक्षा का भरोसेमंद स्तंभ
ब्रह्मोस से लेकर आकाश मिसाइल और पिनाका तक, DRDO भारत की रक्षा प्रणाली में एक अनिवार्य स्तंभ बन चुका है। अब इसकी नई पेशकश भारतीय सेनाओं को मानसिक और रणनीतिक तौर पर और भी अधिक मज़बूती प्रदान करेंगी।
कैसे स्थापित होगी विश्व में शांति?
आज के युद्धग्रस्त वातावरण में हर देश हथियारों की दौड़ में लगा है, लेकिन क्या यही मानव जीवन का उद्देश्य है? संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि हम सभी एक ही परमात्मा की संतान हैं। मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य है – सतभक्ति द्वारा मोक्ष प्राप्त करना।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि कर्मयोग का मतलब है – अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए सतभक्ति करना। हथियारों से लड़ाई जीती जा सकती है, लेकिन शांति केवल आत्मज्ञान और भाईचारे से ही संभव है।
FAQs about DRDO Latest Weapon 2025
1. DRDO की नई सूची में भारतीय थल सेना को कितने हथियार सिस्टम मिले हैं?
उत्तर: कुल 14 उन्नत हथियार सिस्टम भारतीय थल सेना को सौंपे गए हैं।
2. भारतीय सेना कौन सी एजेंसी से हथियार खरीद सकती है?
उत्तर: सेना सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड से सीधे हथियार खरीद सकती है।
3. केंद्र सरकार ने सेना को कितने करोड़ तक के हथियार खरीदने की अनुमति दी है?
उत्तर: सरकार ने आपातकालीन स्थिति में सेनाओं को 300 करोड़ रुपये तक की सीधी खरीद की अनुमति दी है।
4. DRDO की यह पेशकश किस उद्देश्य की पूर्ति करती है?
उत्तर: यह भारतीय सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उनकी सामरिक शक्ति को मज़बूत करती है और विदेशी निर्भरता को कम करती है।
5. क्या यह हथियार पूरी तरह भारत में बने हैं?
उत्तर: हाँ, DRDO की सूची में शामिल सभी हथियार तकनीकी रूप से उन्नत और पूरी तरह स्वदेशी हैं।