राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बस यात्रा को पहले से कहीं अधिक स्मार्ट, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIIT-Delhi) में विकसित स्टार्टअप ‘चार्टर’ अब डीटीसी और क्लस्टर बसों में डिजिटल टिकटिंग और रीयल टाइम ट्रैकिंग की सुविधा सशक्त रूप से प्रदान कर रहा है।
यह तकनीक सिर्फ एक नवाचार नहीं है, बल्कि भीड़भाड़ वाले महानगर में रोज़मर्रा के सफर से जुड़ी समस्याओं का व्यावहारिक समाधान भी है। अब यात्रियों को घंटों बस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न ही नकद लेनदेन की आवश्यकता होगी। बसें कब और कहां पहुंचेंगी, इसकी सटीक जानकारी मोबाइल ऐप या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मिल सकेगी।
डिजिटल टिकटिंग और रीयल टाइम ट्रैकिंग के माध्यम से यह पहल यात्रियों का समय बचाएगी, उनकी यात्रा को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाएगी। यह प्रयास दिल्ली के नागरिकों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन अनुभव प्रदान करेगा और स्मार्ट सिटी के लक्ष्य को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा।
बस चार्टर स्टार्टअप की खास बातें
- सात वर्षों के गहन शोध और विकास का परिणाम।
- डीटीसी और क्लस्टर बसों में डिजिटल टिकटिंग और रीयल टाइम ट्रैकिंग की सुविधा।
- सटीक लाइव ट्रैकिंग और कैशलेस टिकटिंग से यात्रियों का सफर सुगम।
- तकनीक दिल्ली तक सीमित नहीं, देशभर में लागू करने की क्षमता।
- मल्टीमोडल टिकटिंग और यात्रा योजना के लिए उन्नत प्लेटफॉर्म।
- रोज़गार सृजन और शहरी जीवन गुणवत्ता में सुधार।
- IIIT-Delhi के प्रोफेसर रंजन बोस के अनुसार “संस्थान के लिए गर्व का क्षण।”
- बस संचालन को सुव्यवस्थित बनाने और प्रतीक्षा समय घटाने में सहायक।
“यह हमारे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है” — प्रोफेसर रंजन बोस
IIIT-Delhi के निदेशक प्रो. रंजन बोस ने इसे एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया कि कैसे शिक्षाविदों का शोध और संस्थागत सहयोग समाज में ठोस परिवर्तन ला सकता है। यह पहल न केवल वर्तमान में बदलाव ला रही है, बल्कि भविष्य के स्टार्टअप्स के लिए भी प्रेरणा बनेगी।
दिल्ली से देशभर तक ‘चार्टर’ की तकनीक का विस्तार
डॉ. प्रवेश बियाणी द्वारा स्थापित ‘चार्टर’ अब दिल्ली के साथ देश के अन्य शहरों में भी लागू करने की दिशा में अग्रसर है। यह प्लेटफॉर्म न केवल ट्रैकिंग और डिजिटल टिकटिंग, बल्कि मल्टीमोडल परिवहन टिकटिंग जैसी सुविधाओं से युक्त है, जो शहरी परिवहन की कई समस्याओं का समाधान कर रहा है।
शैक्षणिक संस्थानों में स्टार्टअप संस्कृति की प्रेरक मिसाल
‘चार्टर’ की सफलता भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में विकसित हो रही स्टार्टअप संस्कृति का प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है। यह दिखाता है कि जब नवाचार को सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलते हैं, तो वे तकनीकी समाधान के साथ-साथ रोजगार सृजन और सामाजिक परिवर्तन का भी माध्यम बन सकते हैं।
चार्टर स्टार्टअप से जुड़े मुख्य FAQs
1. चार्टर स्टार्टअप क्या है?
उत्तर: यह IIIT-दिल्ली के प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक तकनीकी स्टार्टअप है, जो बसों में डिजिटल टिकटिंग और रीयल टाइम ट्रैकिंग सुविधा प्रदान करता है।
2. यह सुविधा किन बसों में उपलब्ध है?
उत्तर: फिलहाल यह तकनीक दिल्ली की डीटीसी और क्लस्टर बसों में लागू की जा रही है।
3. यात्रियों को इससे क्या लाभ होगा?
उत्तर: यात्री बसों की सटीक लोकेशन देख सकते हैं, डिजिटल रूप से टिकट खरीद सकते हैं और नकद लेनदेन से मुक्त हो सकते हैं।
4. इस स्टार्टअप के संस्थापक कौन हैं?
उत्तर: डॉ. प्रवेश बियाणी और उनकी टीम ने इसे सात वर्षों के शोध के बाद स्थापित किया है।
5. नगर निकायों को क्या लाभ मिलेगा?
उत्तर: इससे बस नेटवर्क का प्रबंधन बेहतर होगा, प्रतीक्षा समय घटेगा और परिवहन सेवाओं की विश्वसनीयता बढ़ेगी।