बीते रविवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को अचानक पेट संबंधी समस्या के चलते दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उन्हें गैस्ट्रोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया। डॉक्टर के मुताबिक, उन्हें निगरानी में रखा गया और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इससे पहले उन्हें 7 जून को शिमला में मेडिकल कॉलेज में भी चेकअप के लिए गए थे। गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में भी पेट की समस्या के कारण सोनिया गांधी को सर गंगाराम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वर्तमान में अस्पताल ने बुलेटिन जारी किया है जिसमें उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में भी कराया चेकअप
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सलाहकार में बताया कि 7 जून को हिमाचल में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को हाई ब्लड प्रेशर (उक्त रक्तचाप) की शिकायत हुई थी, जिसके चलते शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) अस्पताल में ले जाया गया जिसमें यह जांच 2 दिन में सामने आई थी। आईजीएमसी के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अमन ने शनिवार को रिपोर्ट के नतीजे बताए थे तथा कहा था कि सब कुछ सामान्य है। उसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी हो गई थी।
9 जून को भी उन्होंने अपने चेकअप करवाए थे और बीते रविवार उन्हें भारती कर लिया गया। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी अपनी निजी यात्रा पर हिमाचल गई हुई थी।
2023 में भी हुई थी एडमिट
साल 2023 में भी सोनिया गांधी को सर गंगा राम हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर अरुण वासु और उनकी टीम ने की निगरानी में जांच के दौरान सामने आया था कि सोनिया गांधी को सांस संबंधी इंफेक्शन हो गई थी। इस वायरस इन्फेक्शन के चलते ट्रीटमेंट किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया गांधी लंबे समय से सांस संबंधित दिक्कतों में से जूझ रही है।
2022 की स्वास्थ्य रिपोर्ट
साल 2022 में भी सोनिया गांधी को सर गंगाराम हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी कोरोना संक्रमित हुई थी। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।।
आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी इस समय 78 साल की हो गई है और पिछले 4 से 5 सालों में उनकी तबीयत कई बार बिगड़ चुकी है। उन्हें अलग-अलग बीमारियों के कारणों से अस्पताल में एडमिट करना पड़ा है, परंतु हर बार डॉक्टर ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है।।
परमात्मा का विधान
परमात्मा कहते हैं कि मैने राजा और रंग को एक समान बनाया है। उनके शरीर की व्यवस्था भी एक समान बनाई है। कर्म के फल भी भोगने के लिए एक जैसा नियम बनाए हैं। पाप कर्मों का फल सभी को एक समान भोगना होता है। आज वर्तमान में सभी धर्मों के धर्मगुरु यही कहते हैं कि पाप तो भोगना ही पड़ेगा। भजन/ इबादत/ दुआ करने से कष्ट भोगने में आसानी होती है, परंतु भोगना तो पड़ेगा ही।
विचार कीजिए किसी के पांव में कांटा लग जाए और उसे कहा जाए कि कांटा नहीं निकलेगा परंतु जूता पहन ले, आगे से कांटा नहीं लगेगा, तो क्या वह जूता पहन सकता है? नहीं। जूता पहनने के लिए प्रथम कांटे को निकाला जाता है, कष्ट काम हो तो भक्ती भी की जाती है। सवाल यह उड़ता है की कांटा अर्थात पाप कैसे काटे? कहां प्रमाण है पाप के काटने का?
ऋग्वेद मंडल 10 सुत 161 मंत्र 2 में इस बात का प्रमाण मिलता है कि वह परमात्मा हमें निरोगी काया देकर सो वर्ष तक के जीवन की शक्ति प्रदान करते हैं।
ऋग्वेद मंडल 9 सुत 82 मंत्र 1 :- वह परमात्मा पापों को हारने वाला है।।
वेद और गीता अनुसार सतगुरु द्वारा भक्ति करने से ही पाप कट सकते हैं।।
ना रहेगा पाप, ना होगा रोग अर्थात कष्ट ।