प्राकृतिक आपदाओं अथवा अप्रत्याशित घटनाओं ने एक बार फिर यह सिखा दिया कि मृत्यु कभी भी, कहीं भी आ सकती है। हम भले ही कितनी भी सावधानियां बरतें, परंतु जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु ही है। सवाल यह उठता है – क्या हमने मोक्ष का मार्ग ढूंढा है? क्या हमें पता है कि मरने के बाद आत्मा कहां जाएगी?
आज के इस भौतिक युग में हमें एक ऐसे आध्यात्मिक मार्गदर्शक की आवश्यकता है जो हमें जीवन का सही उद्देश्य समझाए और पूर्ण मोक्ष का रास्ता दिखाए। ऐसे समय में *संत रामपाल जी महाराज जी* का ज्ञान, जो पवित्र वेदों और सभी धर्मग्रंथों पर आधारित है, हमें एक सुरक्षित, सुखमय और मोक्षदायक जीवन जीने का मार्ग दिखाता है।
मरने के बाद आत्मा कहां जाएगी?
मरने के बाद आत्मा कहां जाएगी?” — यह सवाल हर इंसान के जीवन का सबसे बड़ा और जरूरी प्रश्न है, लेकिन दुर्भाग्यवश ज़्यादातर लोग इसका उत्तर जानने की कोशिश ही नहीं करते।
मरने के बाद आत्मा कहां जाती है?
जब किसी जीव की मृत्यु होती है, तो उसका *शरीर मिट्टी में मिल जाता है*, लेकिन *आत्मा अमर होती है*— वह न तो जलती है, न कटती है, न गलती है, न सूखती है (श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 2, श्लोक 23 में प्रमाण)। जब तक आत्मा का *पूर्ण मोक्ष* नहीं होता तब आत्मा अपने कर्मों के अनुसार *84 लाख योनियों में चक्कर काटती है*, और उसे फिर से नया जन्म लेना पड़ता है।
- *“जैसे मनुष्य पुराने कपड़े त्यागकर नए कपड़े पहनता है, वैसे ही आत्मा पुराने शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करती है।”*
- श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 2, श्लोक 22
आत्मा कहां जाती है?
आत्मा मृत्यु के बाद तीन मुख्य मार्गों में से एक पर जाती है:
- स्वर्गलोक – वे आत्माएं जो धरती पर अच्छे कर्म करती हैं, लेकिन परम मोक्ष के अधिकारी नहीं होते।
- नरक लोक – जो लोग धरती पर बुरे कर्म करते है, उनको नर्क में डाला जाता हैं और उनको यमदूतों द्वारा यातनाएं दी जाती हैं।
- 84 लाख योनियां – जानवर, पक्षी, कीड़े, पेड़ आदि का एक के बाद एक ऐसे अलग – अलग शरीर के 84 लाख जन्म होते हैं फिर मनुष्य जन्म होता हैं ।
इन सभी में कहीं भी *मोक्ष नहीं मिलता। सिर्फ तत्वदर्शी संत द्वारा बताए गए परम सत्य ज्ञान से जुड़कर ही आत्मा को सतलोक (वह परम धाम जहाँ से आत्मा आई थी) प्राप्त हो सकता है।
मोक्ष कैसे संभव है?
संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने सत्संगों में बताया है कि केवल एक ही परमात्मा – परम अक्षर ब्रह्म हैं जो स्वयं सतलोक से आकर ज्ञान देते हैं और सच्चे नाम की दीक्षा देकर आत्मा को पुनर्जन्म, पाप, और मौत के चक्र से मुक्त करते हैं।
जो भी व्यक्ति *संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर सत्य साधना करेगा, उसकी आत्मा मरने के बाद न तो यमलोक जायेगी, न नरक, न पुनर्जन्म होगा – बल्कि वह सीधे सतलोक जायेगी, जहां न कोई दुख है, न मौत, न बीमारी — केवल शाश्वत आनंद है।
आप क्या कर सकते हैं?
यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आपका जीवन का उद्देश्य क्या है, मृत्यु के बाद आत्मा को शांति कैसे मिलेगी, और परम मोक्ष कैसे पाएंगे, तो—
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संगों को सुनें
करोड़ों लोग जो संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़ चुके हैं, वे अब इस सत्य ज्ञान से जीवन को नयी मोड़ दे रहे हैं। आप भी इस सतज्ञान को जानें, समझें और अपने जीवन को भय, पाप और दुखों से मुक्त करें।
और अधिक जानने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ ।
- 🌐 वेबसाइट: www.jagatgururampalji.org
- 📺 YouTube चैनल: *Sant Rampal Ji Maharaj*