हर साल 6 मई को अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस (International No Diet Day) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को डाइटिंग के नुकसानों के बारे में जागरुकता फैलाना, शारीरिक ढांचा जैसा भी हो, उसे स्वीकार करना आदि है। इस दिन लोगों को सेल्फ – लव, डाइटिंग करके वजन घटाने जैसे दबावों के खिलाफ जानकारी दी जाती है। यह दिवस विश्व के संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, स्वीडन और भारत आदि देशों में बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता है।
International No Diet Day 2025: जानिए क्या कहते हैं इतिहास के पन्ने
अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस की शुरुआत यूनाइटेड किंगडम 1992 में हुई थी। ब्रिटेन की रहने वाली एक नारीवादी मैरी इवान्स यंग (Mary Evans Young) ने इसकी शुरुआत की थी, जो एनोरेक्सिया (Anorexia) नामक बीमारी से पीड़ित थी।
पहला अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस (International No Diet Day) 5 मई 1992 को हाइड पार्क में मनाया गया था। लेकिन किसी कारणवश इसकी तारीख बदलकर 6 मई कर दी गई।मैरी के इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह था कि लोग स्वयं के शरीर को प्यार करें, खुद को स्वीकार करें, मोटापा होने पर शर्मिंदगी महसूस न करें आदि।
वर्तमान में यह उत्सव नेशनल ईटिंग डिसऑर्डर एसोसिएशन (NEDA) द्वारा आयोजित एक सोशल मीडिया अभियान में बदल गया है। इसे #NoDietDay हैशटैग द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस पर चलाया जाता है।
International No Diet Day 2025: क्या है उद्देश्य
वर्तमान समय की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने आहार पर ध्यान देना भूलते जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस (International No Diet Day) का मुख्य उद्देश्य सभी आकारों, वजनों के शरीरों के के इंसानों को सम्मान देना है। इस दिवस के अवसर पर लोगों को डाइटिंग से जुड़े सच से रूबरू कराया जाता है और मोटे लोगों के साथ होने वाले मज़ाक को खत्म करना है।
क्या है अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस का महत्त्व
International No Diet Day 2025: लोगों में शारीरिक ढांचे को लेकर सकारात्मक सोच जागृत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस मनाया जाता है। इससे:
- स्वयं को स्वीकार करना: इस दिन लोगों को जागरूक किया जाता है कि खुद से प्यार करें और स्वीकार करें।
- गलत धारणा का खंडन: इस लोगों को समाज में फैली गलत धारणाओं से अवगत कराया जाता है। जैसे कि “ पतले होना ही स्वस्थ होता है” आदि धारणाओं को खारिज किया जाता है।
- लोगों में आत्मविश्वास जगाना: ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपने शरीर को लेकर असुरक्षा महसूस करते हैं। इस दिन, ऐसे लोगों में आत्मविश्वास जगाया जाता है।
- भेदभाव मिटाना: इस दिन लोगों को दूसरों का सम्मान करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है, ताकि लोग किसी का भी शारीरिक ढांचे को देखकर मजाक न उड़ाएं।
क्या है अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस 2025 की थीम
International No Diet Day 2025: प्रत्येक वर्ष 6 मई को अंतराष्ट्रीय आहार निषेध दिवस मनाया जाता है और लोगों को आहार संबंधित बातों से अवगत कराया जाता है। हर वर्ष इस दिन से संबंधित कोई न कोई थीम रखी जाती है। वर्ष 2025 के अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस (International No Diet Day) की थीम है, “खुद को गले लगाओ: आहार संस्कृति को अस्वीकार करो, खुद से प्यार करो” है।
International No Diet Day 2025: क्या है मनाने का ढंग
- डाइटिंग से ब्रेक: इस दिन कुछ लोग डाइटिंग से ब्रेक लेकर, इस दिन को मनाते हैं।
- विशेष कार्यक्रम आयोजित करना: इस दिवस के मौके पर स्कूलों, कॉलेजों आदि में सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
- डाइटिंग विज्ञापनों का विरोध: इस दिन लोग डाइटिंग विज्ञापनों का विरोध जताकर और स्वयं को स्वीकार करने की सीख देकर भी मनाते हैं।
- सोशल मीडिया पर संदेश: लोग सोशल मीडिया पर फोटो, वीडियो, ब्लॉग आदि सांझा करके भी इस दिन को मनाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय आहार निषेध दिवस से हमें यही सीख मिलती है कि हर कोई अपनी जगह सुंदर है और कोई भी किसी से कम नहीं है। इसी लिए हमें स्वयं को स्वीकार करके प्यार करना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज ने दिया सर्वोत्तम डाइट प्लान
जहाँ एक ओर माँसाहार की ओर लोग विभिन्न तर्क जैसे पोषण और प्रोटीन का हवाला देकर आकृष्ट हो रहे हैं, संत रामपाल जी महाराज सदैव ही शाकाहारी भोजन करने की शिक्षा अपने अनुयायियों को देते हैं। और यह शिक्षा अनेक धर्मगुरु देते हैं किंतु केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही इसे साधक के आचरण में उतरवा पाए हैं।
उन्होंने अपने तत्वज्ञान में बताया है कि किस प्रकार पूरी सृष्टि में कर्म बंधन की प्रक्रिया है और उसी के फलस्वरूप जो “जाका गल तुम काट हो, सो फिर काटे तुम्हार” इसी आधार पर कर्मों का हिसाब भी होगा। जीव हत्या पाप है। अपने स्वाद अथवा पोषण या धर्म पालन के लिए किसी भी जीव की हत्या या बलि देना पापकर्म है।
आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज जी ने कहा है
गरीब, खूब खाना है खीचडी, मांहीं परी टुक लौन |
मांस पराया खायकै, गला कटावै कौन ||
तथा धर्म के नाम पर हत्या करने वालों को चेताया है कि
मुसलमान गाय भखी, हिन्दु खाया सूर |
गरीबदास दोनों दीन से, राम रहिमा दूर |
गरीब, जीव हिंसा जो करत हैं, या आगै क्या पाप।
कंटक जूनि जिहान में, सिंह, भेड़िया और सांप ||
अधिक जानकारी के लिए देखें संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल