भारत की आजादी से पहले अंग्रेजी शासन के दौरान पंजाब में सिंधु नदी पर बड़ी नहरें बनाई गई थीं। इसके कारण उस क्षेत्र को इतना लाभ मिला कि बाद में वह दक्षिणी एशिया का एक प्रमुख कृषि क्षेत्र बन गया।
1947 में जब भारत का विभाजन हुआ तो पंजाब को भी विभाजित किया गया इसका पूर्वी भाग भारत के पास और पश्चिमी भाग पाकिस्तान के पास गया। बंटवारे के दौरान ही सिंधु नदी और इसकी नहरों को भी विभाजित किया गया लेकिन इससे मिलने वाले पानी के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से भारत पर निर्भर था।
20 दिसंबर 1947 को दोनों और के चीफ़ इंजीनियरों के बीच एक समझौता हुआ जिसके तहत विभाजन से पहले तय किया गया पानी का निश्चित हिस्सा भारत को 31 मार्च 1948 तक पाकिस्तान को देते रहना तय हुआ। 1 अप्रैल 1948 को जब समझौते की अवधि समाप्त हुई तो भारत ने दो प्रमुख नहरों का पानी रोक दिया जिससे पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र की 17 लाख एकड़ जमीन पर खड़ी फसलें नष्ट हो गईं।
1951 में टेनसी वैली अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख डेविड लिलियंथल ने भारत और पाकिस्तान का दौरा किया, उन्होंने अमेरिका वापस लौटकर सिंधु नदी जल बंटवारे पर एक रिपोर्ट तैयार की, एक दशक तक दोनों पक्षों के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में चली बैठकों में 19 दिसंबर 1960 को कराची में सिंधु नदी संधि पर हस्ताक्षर हुए।
क्या है सिंधु जल संधि?
- भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच 1960 में समझौता हुआ था।
- समझौते में सिंधु बेसिन से बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में बांटा गया था। ये 6 नदियां हैं: सिंधु, रावी, ब्यास, चेनाब, सतलुज और झेलम।
- पश्चिमी हिस्से की नदियों सिंधु,चेनाब,झेलम का पानी गया पाकिस्तान के हिस्से जबकि रवि,ब्यास,सतलुज के पानी पर भारत का अधिकार है।
- सिंधु जल समझौते के तहत भारत अपनी 6 नदियों का करीब 80% पानी पाकिस्तान को देता है। भारत के हिस्से में केवल 20% ही पानी आता है।
सिंधु जल संधि के प्रावधान
- जल बटवारा
- पूर्वी नदियों सतलुज,ब्यास और रवि का पानी भारत इस्तेमाल कर सकता है।
- पश्चिमी नदियों सिंधु,झेलम,चेनाब के जल पर पाकिस्तान का अधिकार है लेकिन भारत को इन नदियों पर सीमित उपयोग(जैसे घरेलू उपयोग,कुछ कृषि उपयोग,अन्य)की अनुमति है।
- भारत के अधिकार
- भारत पश्चिम नदियों पर रन-ऑफ-द-रिवर (Run-of-the-River) जल विद्युत परियोजनाएं बना सकता है बशर्ते इससे पाकिस्तान के जल प्रवाह में बाधा न आए।
- भारत को पश्चिमी नदियों में 3.6 मिलियन एकड़ फुट जल भंडारण की अनुमति है।
- पाकिस्तान के अधिकार
- पश्चिम नदियों (सिंधु,झेलम,चेनाब) का अधिकांश जल पाकिस्तान के उपयोग के लिए है।
- पाकिस्तान को पूर्वी नदियों के जल पर कोई अधिकार नहीं है।
- सिंधु आयोग
- इस आयोग के तहत दोनों देशों के कमिश्नरों के मिलने का प्रस्ताव था संधि में दोनों कमिश्नरों के बीच किसी भी विवादित मुद्दे पर बातचीत का प्रावधान है।
- विवाद समाधान
- यदि कोई एक देश किसी परियोजना पर काम करता है और दूसरे को उस पर कोई आपत्ति है तो पहला देश इसका जवाब देगा। ऐसी स्थिति में दोनों पक्षों की बैठकें की जाएंगी।
- यदि फिर भी समाधान नहीं निकलता, तो विवादित मुद्दे पर तटस्थ विशेषज्ञ की मदद लेने या मध्यस्थता न्यायालय(court of arbitration)में जाने का प्रावधान भी रखा गया है।
सिंधु जल संधि चर्चा में क्यों?
- प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने जम्मू कश्मीर की बैसरन घाटी (पहलगाम) में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ पांच सूत्री कार्य योजना को मंजूरी दी।
- अप्रैल 2025 में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर ए तैयबा के सहयोगी संगठन दे रेजिस्टेंट फ्रंट ने कथित तौर पर हमले की जिम्मेदारी ली।
- अब तक की सबसे सफल जल संधियों में से एक संधि को भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जिससे क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया गया।
- भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के समर्थन को ‘विश्वसनीय और स्थायी रूप से’ बंद नहीं करता।
- पाकिस्तान ने इस निलंबन को ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार दिया क्योंकि यह उनकी कृषि और जल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान पर इसके प्रभाव
- अल्पकालिक प्रभाव:
- सीमित जल प्रभाव:भारत मौजूदा दौर में पश्चिमी नदियों के जल को पूरी तरह से रोकने का प्रबंध नहीं है, मौजूदा रन ऑफ द रिवर परियोजनाएं केवल 5%-10% जल प्रवाह को प्रभावित कर सकती है।
- डेटा साझाकरण बंद: भारत ने जल प्रवाह, बाढ़ और नदी डिस्चार्ज डाटा साझा करना बंद कर दिया है जिससे पाकिस्तान की बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई योजना प्रभावित होगी खासकर मानसून के समय में।
- राजनीतिक तनाव: पाकिस्तान ने निलंबन को ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार दिया है जिससे भारत-पाकिस्तान संबंध और तनावपूर्ण होंगे।
- दीर्घकालिक प्रभाव:
- कृषि संकट: पाकिस्तान की 80% कृषि सिंधु प्रणाली पर निर्भर है। जल भंडारण या डायवर्जन से फसल बाधित हो सकती है, जिससे खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ेगी।
- जलविद्युत कमी: पाकिस्तान का एक तिहाई जल विद्युत उत्पादन (जैसे तरबेला मंगला बांध) सिंधु पर निर्भर है जल कमी से बिजली संकट बढ़ सकता है।
- आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: कृषि जो जीडीपी का 25% और 70% ग्रामीण आजीविका का स्रोत है प्रभावित होगा। इससे बेरोजगारी,पलायन और शहरी अशांति बढ़ सकती है।
सतज्ञान:तुमने उस दरगह का महल नहीं देखा धर्मराज के तिल तिल का लेखा।
जहां एक तरफ दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है आपस में कोई प्रेम भाईचारा नहीं है उदाहरण के लिए अप्रैल 2025 में पहलगाम में हिंदू भाइयों पर हुआ आतंकी हमला हमें दिखाता है समाज में कितनी नफरत फैल रही है। वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज दिन-रात समाज में शांति,प्रेम,भाईचारा स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं उनके लाखों अनुयाई बड़े प्यार और अनुशासन से सबके साथ मिलजुल कर रहते हैं संत रामपाल जी महाराज का नारा है ‘जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिन्दु मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।”
निष्कर्ष
यह संधि दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के उपयोग को विनियमित करती है और इसे विश्व की सबसे सफल जल संधियों में से एक माना जाता है। क्योंकि यह कई युद्ध और तनाव के बावजूद प्रभावी रही है।
अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के संधि निलंबन के फैसले ने इसे एक बड़े भू राजनीतिक विवाद का केंद्र बना दिया है। यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा कर सकता है, क्योंकि पाकिस्तान इसे अपनी जल और खाद्य सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा है।
FAQs: Indus Water Treaty 2025
प्र.1: सिंधु जल समझौता कहां हुआ था?
उ: यह समझौता 19 सितंबर 1960 में पाकिस्तान के शहर कराची में हुआ था।
प्र.2: 1960 में विश्व बैंक की मदद से भारत और पाकिस्तान ने किस संधि का हस्ताक्षर किया?
उ: सिंधु जल संधि।
प्र.3: सिंधु जल समझौते के अनुसार भारत कितने पानी का उपयोग कर सकता है?
उ: इस समझौते के अनुसार भारत केवल 20% पानी का ही उपयोग कर सकता है जबकि पाकिस्तान 80% पानी का उपयोग करता है।
प्र.4: पाकिस्तान का कितना प्रतिशत जल विद्युत उत्पादन सिंधु पर निर्भर है?
उ: लगभग एक तिहाई भाग जल विद्युत उत्पादन सिंधु पर निर्भर है।
प्र.5: सिंधु जल संधि कब तक निलंबित रहेगी?
उ: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के समर्थन को ‘विश्वसनीय और स्थायी रूप से’ बंद नहीं करता।