इन्फ्लुएंसर रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें बीयरबाइसेप्स के नाम से जाना जाता है, को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। यूट्यूब शो “इंडियाज गॉट लेटेंट” पर विवादास्पद टिप्पणियों के कारण विभिन्न राज्यों में दर्ज कई एफआईआर के खिलाफ रणवीर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने इन एफआईआर के खिलाफ तत्काल सुनवाई की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा कि मामला अगले दो-तीन दिनों में सूचीबद्ध किया जाएगा।
यूट्यूब शो पर विवादास्पद टिप्पणियाँ
समय रैना के यूट्यूब शो “इंडियाज गॉट लेटेंट” में रणवीर अल्लाहबादिया ने माता-पिता और सेक्स पर की गई टिप्पणियों के कारण विवाद खड़ा कर दिया है। इन टिप्पणियों को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में उनके और अन्य लोगों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन विवादास्पद टिप्पणियों ने व्यापक बहस छेड़ दी है और सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं।
सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने रणवीर के वकील अभिनव चंद्रचूड़ की दलीलों को सुनने के बाद तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याचिका को दो-तीन दिनों में सूचीबद्ध किया जाएगा। रणवीर के वकील ने कहा कि अल्लाहबादिया को असम पुलिस ने तलब किया है, इसलिए तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। कोर्ट ने इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया और मामले को आगामी दिनों में सुनवाई के लिए रखा।
प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ
रणवीर अल्लाहबादिया के मामले ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कंटेंट क्रिएशन की सीमाओं पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। एएपी सरकार ने इन एफआईआर का विरोध करते हुए कहा है कि ये टिप्पणियाँ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत आती हैं। वहीं, बीजेपी ने अल्लाहबादिया की टिप्पणियों को आपत्तिजनक और अनुचित बताया है और कहा है कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
इस मामले का कानूनी परिणाम न केवल रणवीर अल्लाहबादिया के लिए बल्कि पूरे कंटेंट क्रिएशन समुदाय के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय क्या होता है और इसके प्रभाव किस प्रकार के होते हैं। मामला अभी विचाराधीन है, और सभी की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट के अगले कदम पर हैं।